बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति - बाह्य वाणिज्यिक उधार की आगम राशि की पार्किंग - आरबीआई - Reserve Bank of India
बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति - बाह्य वाणिज्यिक उधार की आगम राशि की पार्किंग
भारिबैं./2014-15/309 21 नवंबर 2014 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदय/महोदया, बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) नीति - बाह्य वाणिज्यिक उधार की आगम राशि की पार्किंग प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान बाह्य वाणिज्यिक उधार की आगम राशि की पार्किंग से संबंधित 23 नवंबर 2011 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 52 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. संप्रति पात्र बाह्य वाणिज्यिक उधारकर्ताओं से अपेक्षित है कि वे भारत में रुपया व्यय जैसे, पूंजीगत माल को स्थानीय स्तर पर जुटाने, स्वयं सहायता समूहों अथवा माइक्रो क्रेडिट के लिए ऋण देने, स्पैक्ट्रम आबंटन के भुगतान करने, आदि अनुमत अंतिम उपयोग हेतु लिए गए बाह्य वाणिज्यिक उधारों की आगम राशि भारत में प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों के पास रखे रुपया खाते में जमा करने हेतु तत्काल लाएं। 3. बाह्य वाणिज्यिक उधारकर्ताओं को ईसीबी आगम राशि के ड्राडाउन की स्ट्रक्चरिंग एवं अनुमत अंतिम उपयोग हेतु वृहत्तर लचीलापन उपलब्ध कराने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों द्वारा पात्र उधारकर्ताओं को अनुमत अंतिम प्रयोजनों के लिए उपयोग होने तक (स्वचालित एवं अनुमत दोनों मार्गों से ली गई) ईसीबी आगम राशि को भारत में प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों के पास अधिकतम छह माह के लिए मीयादी जमा के रूप में रखने की मंजूरी देने की अनुमति प्रदान की जाए। यह सुविधा निम्नलिखित शर्तों के तहत ली जा सकेगी:
4. संशोधित बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति तत्काल प्रभाव से लागू होगी एवं समीक्षा के अधीन होगी। बाह्य वाणिज्यिक उधार नीति के सभी अन्य पहलू अपरिवर्तित बने रहेंगे। 5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने घटकों एवं ग्राहकों को अवगत कराने का कष्ट करें। 6. इस परिपत्र में निहित दिशानिर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) एवं 11(1) के तहत एवं किसी अन्य कानून के अतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं। भवदीय, (बी.पी.कानूनगो) |