बाह्य वाणिज्य उधार (ईसीबी) नीति – अंतरण वित्त पोषण - आरबीआई - Reserve Bank of India
बाह्य वाणिज्य उधार (ईसीबी) नीति – अंतरण वित्त पोषण
भारिबैंक/2010-11/124 22 जुलाई 2010 सभी श्रेणी -। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदयबाह्य वाणिज्य उधार (ईसीबी) नीति – अंतरण वित्त पोषण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। (एडी श्रेणी -।) बैंकों का ध्यान बाह्य वाणिज्य उधार (ईसीबी) से संबंधित 1 अगस्त 2005 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 5 और 29 मार्च 2010 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 39 की ओर आकर्षित किया जाता है । 2. वर्तमान मानदंडों के अनुसार, बाह्य वाणिज्य उधार के देशी रुपया ऋणों का पुनर्वित्तीयन स्वीकृत नहीं है। तथापि, संरचना क्षेत्र की विशेष वित्तीय (निधियन) की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय किया गया है कि बाह्य वाणिज्य उधार नीति की समीक्षा की जाए तथा अंतरण वित्त पोषण की एक योजना बनायी जाए । तदनुसार, यह निर्णय किया गया है कि नयी परियोजनाओं के विकास के लिए बंदरगाह तथा हवाई अड्डा, पुलों समेत मार्ग(सड़क) तथा उर्जा क्षेत्र में पात्र उधारकर्ताओं द्वारा देशी बैंकों से लिये गये रूपया ऋणों के पुनर्वित्तीयन के लिए अनुमोदन मार्ग के तहत निम्नलिखित शर्तों पर बाह्य वाणिज्य उधार के जरिये अंतरण वित्त पोषण व्यवस्था स्वीकृत की जानी चाहिए: i. संरचनात्मक परियोजना विकसित करनेवाली कंपनी को नियत व्यापारिक परिचालन तारीख (सीओडी) के तीन वर्षों के भीतर ऋण को एक या तो सशर्त अथवा बिना शर्त अंतरण के लिए देशी बैंकों तथा विदेशी मान्यताप्राप्त उधारदाताओं के साथ त्रिपक्षीय करार करना चाहिए । अंतरण करने की नियत तारीख करार में स्पष्ट रूप से दर्शायी जानी चाहिए। ii. ऋण की सात वर्षों की न्यूनतम औसत परिपक्वता अवधि होनी चाहिए । iii. संरचनात्मक परियोजना के लिए वित्त पोषण करनेवाले देशी बैंक को अंतरण वित्त पोषण से संबंधित प्रचलित विवेकपूर्ण मानदंडों का पालन करना चाहिए । iv. अंतरण करने तक विदेशी उधारदाता को देय शुल्क, यदि कोई हो, तो प्रति वर्ष 100 आधार बिंदुओं से अधिक नहीं होना चाहिए । v. अंतरण पर, विदेशी उधारदाता द्वारा अंतरित किये जाने के लिए सहमत अवशिष्ट ऋण बाह्य वाणिज्य उधार के रूप में माना जाएगा और ऋण किसी परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में नामित किया जाएगा तथा बाह्य वाणिज्य उधार से संबंधित सभी प्रचलित मानदंडों का पालन करना होगा । vi. देशी बैंको/वित्तीय संस्थाओं को अंतरण वित्तपोषण के लिए गारंटी देने की अनुमति नहीं दी जाएगी । vii. देशी बैंको को अंतरण की घटना घटित हो जाने पर अपने तुलन पत्र पर कोई दायित्व लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी । viii. बाह्य वाणिज्य उधार नीति के तहत निर्धारित रिपोर्टिंग व्यवस्था का पालन करना होगा । तदनुसार, पात्र उधारकर्ता अंतरण वित्त पोषण व्यवस्था में भाग लेने से पहले आवश्यक अनुमोदन के लिए रिज़र्व बैंक को आवेदन कर सकते हैं । 3. बाह्य वाणिज्य उधार नीति के सभी अन्य पहलू , जैसे स्वचालित मार्ग के तहत प्रति वित्तीय वर्ष प्रति कंपनी 500 मिलियन अमरीकी डॉलर की सीमा, पात्र उधारकर्ता, मान्यताप्राप्त उधारदाता, अंतिम उपयोग, औसत परिपक्वता अवधि, पूर्वभुगतान, वर्तमान बाह्य वाणिज्य उधार का पुनर्वित्तीयन और रिपोर्टिंग व्यवस्था यथावत रहेंगी । 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने निर्यातक घटकों को और संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें । 5. इस परिपत्र में समाहित निर्देश, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं। भवदीय सलीम गंगाधरन |