बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) - ईईएफसी खातों में से पूर्वभुगतान - आरबीआई - Reserve Bank of India
बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) - ईईएफसी खातों में से पूर्वभुगतान
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 26 1 मार्च 2002 प्रति विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी प्रिय महोदय, /महोदया बाह्य वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) - ईईएफसी खातों में से पूर्वभुगतान प्राधिकृत व्यापारियों को मालूम है कि कंपनी उधारकर्ताओं द्वारा उनके (ईईएफसी) विदेशी मुद्रा अर्जकों के विदेशी मुद्रा खातों में शेषों का उस सीमा तक पूर्व भुगतान किया जा सकता है। प्राधिकृत व्यापारियों को यह भी मालूम है कि कंपनियाँ जो निर्यातोन्मुख ईकाईयाँ और अन्य है, वे क्रमश: उनके ईईएफसी खातें में उनके विदेशी मुद्रा अर्जनों का 70 प्रतिशत और 50 प्रतिशत तक जमा कर सकते है। 2. कंपनियों को निम्नतर ब्याज दरों और बाह्य वाणिज्यिक उधारों के पूर्व भुगतान का लाभ लेना सुकर होने के लिए अब यह निर्णय लिया गया है कि उन्हें निर्यात आगमों के उक्त प्रतिशर्तो से अधिक जमा उनके ईईएफसी खाता में मामला-दर मामला आधार पर करने की अनुमति दी जाये। इस प्रयोजन हेतु आवेदन मुख्य महाप्रबंधक, विदेशी मुद्रा निय्रत्रण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, केद्रीय यकार्यालय, केद्रीय कार्यालय भवन, पोस्ट बाक्स सं.1055, मुंबई - 1 को भेज सकते है। आवेदन पत्र का प्रोफार्मा इसके साथ संलग्न है। 3. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत कराये। 4. इस परिपत्र में अन्तर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन जारी किए गए है। भवदीय ग्रेस कोशी |