बाह्य वाणिज्यिक उधार- पूर्व भुगतान - आरबीआई - Reserve Bank of India
बाह्य वाणिज्यिक उधार- पूर्व भुगतान
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.8 5 अगस्त ,2002 सेवा में महोदया/महोदय, बाह्य वाणिज्यिक उधार- पूर्व भुगतान जैसा प्राधिकृत व्यापारियों को विदित है कि बाह्य वाणिज्यिक उधारों के पूर्व-भुगतान के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की पूर्व अनुमति अपेक्षित है और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ऐसे आवेदनपत्रों पर निम्नलिखित श्रेणियों के तहत विचार किया जाता है :- क. उन मामलों में जहाँ , बाह्य वाणिज्यिक उधार के पूर्व भुगतान की राशि, आवेदक-कंपनी में विदेशी ईक्विटी के रूप में अंत:प्रवाह के जरिये आगत विदेशी मुद्रा से पूरी तरह मेल खाती है । ख. उन मामलों में जहाँ, बाह्य वाणिज्यिक उधार का पूर्व भुगतान उधारकर्ता के विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते में धारित राशि में से किया जा रहा है । ग. ऋण की पूरी मीयाद में केवल एक बार ही बकाया ऋण के 10% तक की सीमा तक बाह्य वाणिज्यिक उधार का पूर्व भुगतान। घ. बाह्य वाणिज्यिक उधार का पूर्व भुगतान जहाँ, ऋण की अवशिष्ट परिपक्वता एक साल से अधिक नही है। 2. अब यह निर्णय लिया गया है कि 31 मार्च 2003 तक की सीमित अवधि के लिए बाह्य वाणिज्यिक उधार के पूर्व भुगतान के लिए स्वत: अनुमोदित मार्ग लागू किया जाये। स्वत: अनुमोदित मार्ग की सुविधा केवल ऐसे उधारकर्तांओं को ही मिल पायेगी जिन्होंने बाह्य वाणिज्यिक उधार लेते समय आवश्यक अधिनियमों, दिशा-निर्देशों, विनियमों और /अथवा सरकारी/भारतीय रिजर्व बैंक की शर्तों, यदि कोई हों, का अनुपालन किया हो। पात्र उधारकर्तां , भारतीय रिजर्व बैंक की पूर्व अनुमति के बिना निम्नलिखित शर्तों पर बाह्य वाणिज्यिक उधार की पूर्व भुगतान की सुविधा का उपभोग कर स कते हैं :- i उपर्युक्त श्रेणी (क) तथा (ख) में आने वाले बाह्य वाणिज्यिक उधारों के लिए किसी सीमा तक पूर्व भुगतान। ii उपर्युक्त श्रेणी (ग) तथा (घ) में आने वाला बाह्य वाणिज्यिक उधारों का पूर्व भुगतान 50 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक न हो। iii पूरी योजना-अवधि के दौरान उपर्युक्त (ii) [(श्रेणी (ग) तथा (घ) प्रत्येक के लिए] में आने वाले बाह्य वाणिज्यिक उधारों का पूर्व भुगतान 50 मिलियन अमरीकी डॉलर तक। 3. उपर्युक्त श्रेणी (ग) तथा (घ) संवर्ग में आने वाले 50 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक के पूर्व भुगतान और स्वत: अनुमोदित मार्ग के दायरे में न आने वाले बाह्य वाणिज्यिक उधारों के पूर्व भुगतान के आवेदनपत्रों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की पूर्व अनुमति प्राप्त करना जारी रहेगा। 4. तद्नुसार, प्राधिकृत व्यापारियों की नामित शाखाएं कंपनी के सचिव/ आवेदक के लेखा परीक्षकों से प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद 31 मार्च 2003 तक बाह्य वाणिज्यिक उधारों के पूर्व भुगतान के लिए विप्रेषण की अनुमति दे सकते हैं, जिसमें निम्नलिखित तथ्य दर्शाए गये हों कि : i उधारकर्ता स्वत: अनुमोदित मार्ग के तहत पूर्व-भुगतान के लिए पात्र है। ii उधारकर्ता ने आवश्यक अधिनियमों, सरकारी/ भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों, विनियमों और दिशा-निर्देशों के अनुसार ऋण लिया है और उसका उपयोग किया है । iii उधारकर्ता द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय में सभी ईसीबी-विवरणियां जमा की गयी हैं। 5. प्राधिकृत व्यापारियों को विप्रेषण से सात दिनों के भीतर फॉर्म ईसीबी-पीएआर (फॉर्मेट संलग्न) में एक रिपोर्ट, मुख्य महाप्रबंधक, विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग, बाह्य वाणिज्यिक उधार प्रभाग , केंद्रीय कार्यालय , भारतीय रिजर्व बैंक, फोर्ट, मुंबई को प्रस्तुत करना होगा । 6. यह स्पष्ट किया जाता है कि स्वत: अनुमोदित मार्ग के तहत उधारों के पूर्व- भुगतान के लिए इस परिपत्र में निहित सुविधाएं 31 मार्च 2003 तक उपलब्ध रहेंगी। यदि यह योजना और आगे समय के लिए बढ़ा दी जाती है तो इस तारीख को या इससे पहले एक परिपत्र जारी किया जायेगा। 7. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों को अवगत करा दें। 8. इस परिपत्र में समाहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन जारी किए गए हैं। भवदीया (ग्रेस कोसी) ईसीबी-पीएआर (विप्रेषण से सात दिनों के भीतर फॉर्म ईसीबी-पीएआर में मुख्य महाप्रबंधक, विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग, बाह्य वाणिज्यिक उधार प्रभाग , केंद्रीय कार्यालय , भारतीय रिजर्व बैंक, फोर्ट, मुंबई को प्रस्तुत की जाने वाली रिपोर्ट ) 1. उधारकर्ता का नाम क. सरकारी/ भारतीय रिजर्व बैंक-लोन की नंबर 4. पूर्व भुगतान के लिए चालू विप्रेषण के ब्यौरे क. पूर्व -भुगतान श्रेणी (4 में से जो लागू हो,चुने) i. उपयुक्त विदेशी मुद्रा के अंतर्प्रवाह में से ii. उधारकर्ता के विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते में धारित शेष में से iii. बाह्य वाणिज्यिक उधार की मीयाद में एक बार बकाया बाह्य वाणिज्यिक उधार का 10 प्रतिशत iv. एक वर्ष तक की अवशिष्ट परिपक्वता ख. विप्रेषण की तारीख ग. विप्रेषण की राशि पदनामित प्राधिकृत व्यापारी का प्रमाणपत्र हमने कंपनी सचिव/ लेखा परीक्षक से एक प्रमाणपत्र प्राप्त कर लिया है जिसमें निम्नलिखित तथ्य दर्शाए गये हैं : क. उधारकर्ता श्रेणी---------के तहत बकाया बाह्य वाणिज्यिक उधार के पूर्व-भुगतान का पात्र है। ख. संगत अधिनियमों, सरकारी/ भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों , विनियमों और दिशा-निर्देशों का अनुरण करते हुए बाह्य वाणिज्यिक उधार लिया गया और उसका उपयोग किया गया है। ग. अब तक प्रस्तुत किए जाने वाले ईसीबी -विवरण , भारतीय रिजर्व बैंक के ------------------------------ कार्यालय में जमा किया जा चुका है /किये जा चुके हैं ।
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