उचित उधार प्रथा - ऋण खातों में दंडात्मक शुल्क: अनुदेशों के कार्यान्वयन के लिए समय-सीमा का विस्तार - आरबीआई - Reserve Bank of India
उचित उधार प्रथा - ऋण खातों में दंडात्मक शुल्क: अनुदेशों के कार्यान्वयन के लिए समय-सीमा का विस्तार
भारिबै/2023-24/102 विवि.एमसीएस.आरईसी.61/01.01.001/2023-24 29 दिसंबर 2023
सभी वाणिज्यिक बैंक (भुगतान बैंकों को छोड़कर, लघु वित्त बैंक, स्थानीय क्षेत्र बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक सहित) सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक सभी एनबीएफसी (एचएफसी सहित) और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी, सिडबी और एनएबीएफआईडी)
महोदया / महोदय, उचित उधार प्रथा - ऋण खातों में दंडात्मक शुल्क: अनुदेशों के कार्यान्वयन के लिए समय-सीमा का विस्तार कृपया ‘उचित उधार प्रथा - ऋण खातों में दंडात्मक शुल्क' पर दिनांक 18 अगस्त 2023 को आरबीआई द्वारा जारी परिपत्र विवि.एमसीएस.आरईसी.28/01.01.001/2023-24 का संदर्भ लें। 2. परिपत्र के पैरा 3 (viii) के अनुसार अनुदेश 1 जनवरी 2024 से लागू होने थे। तथापि, यह देखते हुए कि कुछ विनियमित संस्थाओं (आरई) द्वारा अपने आंतरिक प्रणाली का पुनर्विन्यासन करने और परिपत्र को कार्यान्वित करने के लिए कुछ स्पष्टीकरण और अतिरिक्त समय मांगा गया है, अनुदेशों के कार्यान्वयन के लिए समय-सीमा को तीन महीने तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। तदनुसार, आरई यह सुनिश्चित करेंगे कि 1 अप्रैल 2024 से लिए गए सभी नए ऋणों के संबंध में अनुदेश लागू किए जाएं। मौजूदा ऋणों के मामले में, नई दंडात्मक शुल्क व्यवस्था पर स्विचओवर 1 अप्रैल 2024 को या उसके बाद पड़ने वाली अगली समीक्षा/नवीकरण तिथि पर, किन्तु 30 जून 2024 से पहले, सुनिश्चित किया जाएगा । 3. परिपत्र के कार्यान्वयन से संबंधित स्पष्टीकरण प्रदान करने वाले अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) का एक सेट शीघ्र ही आरबीआई वेबसाइट के एफएक्यू अनुभाग में अपलोड किया जाएगा। भवदीय
(संतोष कुमार पाणिग्रही) मुख्य महाप्रबंधक |