पेमा - भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश - बिक्री द्वारा शेयरों/परिवर्तनीय डिबेंचरों का अंतरण - प्रक्रिया को सरल बनाना - आरबीआई - Reserve Bank of India
पेमा - भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश - बिक्री द्वारा शेयरों/परिवर्तनीय डिबेंचरों का अंतरण - प्रक्रिया को सरल बनाना
आरबीआइ/2004-05/ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.16
अक्तूबर 04, 2004
सेवा में
विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक
मबेदया/मबेदय
पेमा - भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश - बिक्री द्वारा शेयरों/परिवर्तनीय डिबेंचरों का अंतरण - प्रक्रिया को सरल बनाना
प्राधिवफ्त व्यापारी बैंकों का ध्यान विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर रहनेवाले किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 के विनियम 10.अ(ख) और 10.आ की ओर आकर्षित किया जाता है जिसे क्रमश: निवासी से अनिवासी और अनिवासी से निवासी को बिक्री द्वारा शेयरों/ परिवर्तनीय डिबेंचरों के अंतरण के संबंध में मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. पेमा-20/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित किया गया था।
2. निवासी से अनिवासी को शेयरों/ परिवर्तनीय डिबेंचरों का अंतरण
2.1 वर्तमान में भारत में निवासी व्यक्ति से भारत के बाहर निवासी व्यक्ति को (अर्थात् पूर्ववर्ती विदेशी कंपनी निकाय, विदेशी राष्ट्रिकों, अनिवासी भारतीयों, विदेशी संस्थागत निवेशकों से इतर निगमित अनिवासी कंपनियों को) बिक्री द्वारा शेयरों के अंतरण के लिए सरकार की पूर्वानुमति और उसके बाद रिज़र्व बैंक के अनुमोदन की आवश्यकता होती है।
2.2 समीक्षा करने पर तथा विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय परिवेश को और बेहतर साथ ही प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि वित्तीय सेवा क्षेत्र (अर्थात् बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी और बीमा) से इतर क्षेत्रों में किसी भारतीय कंपनी के निवासियों से अनिवासियों को बिक्री द्वारा शेयरों/ परिवर्तनीय डिबेंचरों के अंतरण (अभिदाता के शेयरों के अंतरण सहित) के संबंध में सरकार (एपआइपीबी) से पूर्व अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता को छोड़ दिया जाए, बशर्ते निम्नलिखित शर्तों का अनुपालन किया जाता है :
(क) निवेशक कंपनी के कार्यकलाप विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति के अंतर्गत स्वत: अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत हैं (समय-समय पर यथा संशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. पेमा.20/200-आरबी के रिज़र्व बैंक की अनुसूची घ् का संलग्नक अ देखें) और अंतरण पर सेबी (शेयरों का वास्तविक अधिग्रहण और टेकओवर) विनियमावली, 1997 के प्रावधान लागू नहीं होते हैं।
(ख) अंतरण के बाद अनिवासी शेयरधारिता विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति के अंतर्गत क्षेत्रीय सीमाओं का अनुपालन करता है।
(ग) अंतरण समय का मूल्य सेबी/ भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित मूल्य निर्धारण के मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुसार है।
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति के अंतर्गत निर्धारित क्षेत्रीय सीमा साथ ही अन्य मार्गदर्शी सिद्धांत/ विनियम के अनुपालन का दायित्व क्रेता और विक्रेता/ जारीकर्ता पर होगा। इस संबंध में वित्त मंत्रालय द्वारा सितंबर 29, 2004 को जारी प्रेस विज्ञप्ति की प्रति संलग्न है।
3. शेयरों/ परिवर्तनीय डिबेंचरों के अंतरण के लिए रिज़र्व बैंक की सामान्य अनुमति
3.1 वर्तमान में निजी व्यवस्था के अंतर्गत बिक्री द्वारा शेयरों/ परिवर्तनीय डिबेंचरों के अंतरण की निम्नलिखित श्रेणियों के लिए भी रिज़र्व बैंक के पूर्व अनुमति की आवश्कता होती है।
- भारत में रहनेवाले किसी व्यक्ति द्वारा भारत से बाहर रहनेवाले व्यक्ति को अंतरण
- भारत से बाहर रहनेवाले किसी व्यक्ति द्वारा भारत में रहनेवाले किसी व्यक्ति को अंतरण
3.2 प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाने के एक उपाय के रूप में यह निर्णय लिया गया है कि सामान्य अनुमति दी जाए तथा अनुबंध में प्रस्तुत की गई शर्तों और रिपोर्टिंग आवश्यकताओं के अनुपालन के अधीन उपर्युक्त पैरा 3.1 के अंतर्गत पूर्वोक्त श्रेणियों के संबंध में शेयरों और परिवर्तनीय डिबेंचरों के अंतरण के लिए रिज़र्व बैंक के पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता को समाप्त कर दिया जाए। तथापि उपर्युक्त पैरा 2.2 में बताए गए अनुसार सामान्य अनुमति में वित्तीय सेवा क्षेत्र में निवासी से अनिवासी को शेयरों का अंतरण शामिल नहीं है।
3.3 तदनुसार, प्राधिवफ्त व्यापारी शाखाएं संबंधित विनियमों के अनुसार ऐसे अंतरण की राशि की प्राप्ति/ भुगतान के लिए अपने ग्राहकों से प्राप्त अनुरोधों पर विचार करें बशर्ते संलग्न क के पैराग्राप 5.1 और 5.2 में दिए गए दस्तावेज प्राप्त किए जाते हैं तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि उसमें निर्धारित शर्तों के अनुसार लेनदेन किए जाते हैं। वे संलग्नक के पैराग्राप 6 में दिए गए रिपोर्टिंग अपेक्षाओं के अनुपालन को भी नोट करें।
4. सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि शेयरों के नये निर्गमों साथ ही अधिमानी शेयरों के ईक्विटी पूंजी में परिवर्तन द्वारा विदेशी ईक्विटी सहभागिता में वफ्द्धि के मामले सामान्य अनुमति के अंतर्गत रखे जाते हैं, बशर्ते ऐसी वफ्द्धि संबंधित क्षेत्रों में क्षेत्रीय सीमा के अंतर्गत आते हैं और स्वत: अनुमोदित मार्ग के अंदर हैं।
5. यह निदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 के आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं।
6. प्राधिवफ्त व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें।
7. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।
भावदीया
(ग्रेस कोशी)
मुख्य महाप्रबंधक
संलग्नक : यथोक्त
संलग्नक
भारत में रहनेवाले किसी व्यक्ति से भारत के बाहर रहनेवाले व्यक्ति को
और भारत से बाहर रहनेवाले व्यक्ति से भारत में रहनेवाले व्यक्ति को
बिक्री के द्वारा शेयरों/ परिवर्तनीय डिबेंचरों के अंतरण की शर्तें
1.1 वित्तीय सेवा क्षेत्र में लगी किसी कंपनी से इतर किसी भारतीय कंपनी के शेयर/ परिवर्तनीय डिबेंचरों के संबंध में मूल्य निर्धारित प्रलेखीकरण, भुगतान/ प्राप्ति और प्रेषण से संबंधित संस्थाओं का ध्यान खींचने के लिए; लेनदेन में लगी पार्टियां नीचे दिए गए मार्गदर्शी सिद्धांतों का अनुपालन करें।
1.2 लेनदेनों में लगी पार्टियां निम्नलिखित हैं :
(क) विक्रेता (निवासी / अनिवासी), (ख) क्रेता (निवासी / अनिवासी), (ग) विक्रेता और/ अथवा क्रेता का विधिवत प्राधिवफ्त एजेंट, (घ) प्राधिवफ्त व्यापारी शाखा, तथा (ङ) भारतीय कंपनियां, अपने बहियों में स्वामित्व के अंतरण को दर्ज करने के लिए।
2. मूल्य निर्धारण के मार्गदर्शी सिद्धांत
2.1 निम्नलिखित लेनदेनों के लिए मूल्य निर्धारण के निम्नलिखित मार्गदर्शी सिद्धांत लागू हैं :
- भारत में निवासी व्यक्ति से भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति को निजी व्यवस्था के अंतर्गत बिक्री द्वारा शेयरों का अंतरण
- भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति से भारत में निवासी किसी व्यक्ति को निजी व्यवस्था के अंतर्गत बिक्री द्वारा शेयरों का अंतरण
2.2 अनिवासी को निवासी द्वारा अंतरण (अर्थात् पूर्ववर्ती विदेशी कंपनी निकाय, विदेशी राष्ट्रिकों, अनिवासी भारतीय, विदेशी संस्थागत निवेश से इतर निगमित अनिवासी कंपनी)
निवासी से अनिवासी को बिक्री द्वारा अंतरित शेयरों का मूल्य निम्नलिखित से कम नहीं होना चाहिए।
(क) स्टॉक एक्सचेंज में शेयरों के सूचीबद्ध होने की स्थिति में प्रचलित बाज़ार मूल्य,
(ख) असूचीबद्ध शेयरों के मामले में पूर्ववर्ती पूंजी निर्गम नियंत्रक द्वारा जारी मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुसार किसी सनदी लेखाकार द्वारा किया गया शेयरों का उचित मूल्यांकन।
इस तरह लगाए गए प्रति शेयर की कीमत सनदी लेखाकार द्वारा प्रमाणित की जाए।
- निवासी को अनिवासी (निगमित अनिवासी कंपनी, पूर्ववर्ती विदेशी कंपनी निकाय, विदेशी राष्ट्रिकों, अनिवासी भारतीय, विदेशी संस्थागत निवेश) द्वारा अंतरण
निवासी को अनिवासी द्वारा शेयरों की बिक्री मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. पेमा 20/2000-आरबी के विनियम 10 आ(2) के अनुसार होंगे, जो निम्नलिखित हैं :
(क) जहां स्टॉक एक्सचेंज में किसी भारतीय कंपनी के शेयरों का लेनदेन किया जाता है,
- बिक्री स्टॉक एक्सचेंज में प्रचलित बाज़ार मूल्य पर की जाती है तथा यह सेक्यूरिटीज़ एण्ड एक्सचेंज बोड़ ऑप इंडिया में पंजीवफ्त मर्चेंट बैंकर या स्टॉक एक्सचेंज में पंजीवफ्त किसी स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से की जाती है;
- यदि अंतरण, खंड (व) में बताए गए से इतर है तो मूल्य का हिसाब 5 प्रतिशत के घट-बढ़ के साथ आवेदन की तारीख से एक सप्ताह पूर्व के औसत दरों (प्रति दिन के घट-बढ़ का औसत) को ध्यान में रखकर लगाया जाएगा। यद्यपि जहां निवासी प्रवर्तकों के पक्ष में प्रबंधन नियंत्रण देने के उेश्यि से भारत में वर्तमान प्रवर्तकों को, भारतीय कंपनी के विदेशी सहभागियों अथवा विदेशी प्रवर्तकों द्वारा शेयर बेचे जा रहे हैं वहां बिक्री के लिए प्रस्ताव, उपर्युक्त के अनुसार लगाए गए मूल्य से 25 प्रतिशत की अधिकतम सीमा के मूल्य पर विचार किया जाएगा।
(ख) जहां भारतीय कंपनी शेयर स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध नहीं है अथवा बहुत कम कारोबारवाले हैं :
- अंतरण के लिए देय प्रतिपल, शेयरों के मूल्यांकन के संबंध में अंतरण किए जानेवाले प्रस्तावित शेयरों के भारतीय कंपनी के सांविधिक लेखा परीक्षकों से प्राप्त प्रमाणपत्र की प्रस्तुति पर वर्तमान में प्रचलित किसी मूल्यांकन क्रियाविधि पर आधारित विक्रेता और क्रेता के बीच पारस्परिक सहमति से तय मूल्य पर प्रति विक्रेता प्रति कंपनी 20 लाख रुपये से अधिक न हो, और
- यदि निम्नलिखित किसी एक प्रकार से विक्रेता के विकल्प पर तय किए गए मूल्य पर प्रति विक्रेता प्रति कंपनी 20 लाख रुपये से अधिक के अंतरण के लिए देय प्रतिपल की राशि :
अ. मूल्य अर्जन गुणज से संबद्ध प्रति शेयर अर्जन पर आधारित मूल्य अथवा बही मूल्य गुणज से संबद्ध निवल परिसंपत्ति मूल्य पर आधारित मूल्य, जो भी अधिक हो,
अथवा
आ. रिज़र्व बैंक द्वारा यथानिर्धारित छोटे खंडों में प्रचलित बाज़ार मूल्य ताकि संपूर्ण शेयर धारिता व्यापार प्रणाली पर आधारित स्क्रीन के माध्यम से कम से कम 5 दिनों में बेची जाती है।
अथवा
इ. किसी भी स्टॉक एक्स्चेंज शेयरों के सूचीबद्ध न होने की स्थिति में उस मूल्य पर, जो शेयर के दो स्वतंत्र मूल्यांकन से निम्न है, पहला कंपनी के सांविधिक लेखा परीक्षक द्वारा और दूसरा सनदी लेखाकार द्वारा अथवा सेक्यूरिटीज़ एण्ड एक्सचेंज बोड़ ऑप इंडिया के पास पंजीवफ्त श्रेणी घ् के मर्चेंट बैंकर द्वारा।
स्पष्टीकरण :
- शेयरों को अत्यल्प लेनदेनवाले तभी समझा जाता है जब उस शेयर का वार्षिक टर्नओवर भारत में मुख्य स्टॉक एक्सचेंजों में आवेदन की तारीख से पूर्व के छ: कैलंडर महीनों के दौरान सूचीबद्ध स्टॉक के 2 प्रतिशत (शेयरों की संख्या द्वारा) से कम हो।
- निवल परिसंपत्ति मूल्य प्रति शेयर का हिसाब लगाने के लिए, आगे लगाए गए विविध खर्च, संचित हानि, कुल बाह्य देयताओं, पुन: मूल्यांकित आरक्षित निधियों और पूंजीगत आरक्षित निधियों (नकदी में प्राप्त आर्थिक सहायता से इतर) को कुल परिसंपत्तियों के मूल्य से घटा दिया जाएगा और इस तरह से प्राप्त निवल आंकड़ों को जारी किए गए और चुकता ईक्विटी शेयरों की संख्या से विभाजित किया जाएगा। दूसरी ओर, अमूर्त परिसंपत्तियों को ईक्विटी पूंजी और आरक्षित निधियों (पुन: मूल्यांकित आरक्षित निधियों को छोड़कर) से घटा दिया जाएगा तथा इस तरह से प्राप्त आंकड़ों को जारी और चुकता ईक्विटी शेयरों की संख्या से विभाजित किया जाएगा। इस प्रकार गणना किए गए निवल परिसंपत्ति मूल्य का उपयोग आवेदन के माह के तत्काल पूर्व कैलंडर माह के दौरान बंबई स्टॉक एक्सचेंज राष्ट्रीय सूचकांक के औसत अंकित मूल्य से संयोग के लिए किया जाएगा तथा अंकित मूल्य को 40 प्रतिशत डिस्काउंट किया जाएगा।
- प्रति शेयर अर्जन पर आधारित मूल्य की गणना के लिए कंपनी के अद्यतन तुलन पत्र के अनुसार प्रति शेयर अर्जन का उपयोग, आवेदन माह के पूर्व के कैलंडर माह के लिए बंबई स्टॉक एक्सचेंज राष्ट्रीय सूचकांक के औसत मूल्य अर्जन के 40 प्रतिशत द्वारा डिस्काउंट किया जाएगा।
3. पार्टियों के जिम्मेदारी और दायित्व
- लेनदेन में शामिल सभी पार्टियों की जिम्मेदारी यह सुनिश्चित करना है कि पेमा के अंतर्गत संबंधित विनियमों का पालन किया जाता है और शेयरों के अंतरण के परिणामस्वरूप सरकार द्वारा यथानिर्धारित संबंधित व्यक्तिगत सीमा/ क्षेत्रीय सीमा/ विदेशी ईक्विटी सहभागिता सीमा का उल्लंघन नहीं किया जाता है। लेनदेनों का निपटान, लागू दरों, यदि कोई हो,के भुगतान के अधीन होगा।
4. बिक्री आय के भुगतान और प्रेषण / जमा की पद्धति
4.1 भारत से बाहर के निवासी द्वारा खरीदे गए शेयरों की बिक्री आय को सामान्य बैंकिंग के माध्यम से भारत भेजा जाएगा। विदेशी संस्थागत निवेशकों के क्रेता होने के मामले में, भुगतान उनके विशेष अनिवासी रुपया खाते के नामे डालकर किया जाएगा। खरीददार के अनिवासी भारतीय होने की स्थिति में, भुगतान उनके अनिवासी भारतीय रुपया/ विदेशी मुद्रा अनिवासी खाता(बी) खाते के नामे डालकर किया जाएगा। तथापि, अनिवासी द्वारा अप्रत्यावर्तनीय आधार पर अधिगफ्हीत शेयरों के मामले में, बिक्री आय को सामान्य बैंकिंग चैनल के माध्यम से भारत प्रेषित किया जाएगा अथवा अनिवासी भारतीय रुपया/ विदेशी मुद्रा अनिवासी खाता(बी) /अनिवासी सामान्य खाते में रखी गई निधियों में से भुगतान किया जाएगा।
4.2 भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वाराबेचे गए शेयरों की बिक्री आय (निवल कर) को भारत से बाहर भेजा जाए। विदेशी संस्थागत निवेशकों के मामले में बिक्री आय को उसके अनिवासी रुपया खाते में जमा किया जाए। अनिवासी भारतीयों के मामले में प्रत्यावर्तनीय आधार पर रखे गए शेयरों की बिक्री आय (निवल कर) को उसके एनआरई/ एपसीएनआर(बी) खाते में जमा किया जाए तथा अप्रत्यावर्तनीय आधार पर रखे गए शेयरों की बिक्री आय को करों के भुगतान की शर्त पर उसके एनआरओ खाते में जमा किया जाए।
4.3 विदेशी कंपनी निकायों द्वारा बेचे गए शेयरों की बिक्री आय (निवल कर) को भारत से बाहर सीधे भेज जाए बशर्ते शेयर परिवर्तनीय आधार पर रखे गए थे तथा यदि बेचे गए शेयर अप्रत्यावर्तनीय आधार पर रखे गए थे तो बिक्री आय को करों के भुगतान की शर्त पर उनके एनआरओ (चालू) खाते में जमा किया जाए, किंतु विदेशी कंपनी निकायों के मामले में जिनके खाते रिज़र्व बैंक द्वारा ब्लॉक कर दिए गए हों, ऐसा नहीं किया जाए।
5. प्रलेखीकरण
संलग्न पार्म एपसी-टीआरएस (तीन प्रतियों में) में घोषणा प्राप्त करने के अलावा प्राधिवफ्त व्यापारी शाखा निम्नलिखित प्रलेखों को प्राप्त करने और उन्हें रिकाड़ में रखने की व्यवस्था करें।
5.1 भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा शेयरों की खरीद
व. अंतरण के ब्योरों अर्थात अंतरित किए जाने वाले शेयरों की संख्या, शेयर अंतरित करने वाली कंपनी का नाम, किस मूल्य पर अंतरित किए जा रहे हैं, को दर्शाते हुए विक्रेता और क्रेता अथवा उनके द्वारा विधिवत नियुक्त एजेंट द्वारा हस्ताक्षरित सहमति पत्र। औपचारिक बिक्री करार के न होने की स्थिति में, इस आशय के आदान-प्रदान किए गए पत्रों का रिकाड़ रखा जाए।
वव. उनके द्वारा विधिवत नियुक्त एजेंट द्वारा सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जाने की स्थिति में शेयरों की खरीद/बिक्री के लिए एजेंट को प्राधिवफ्त करने हेतु विक्रेता/ क्रेता द्वारा निष्पादित पॉवर ऑप एटर्नी दस्तावेज
ववव. क्षेत्रीय सीमा क निर्धारित हो जाने की स्थिति में, भारत के बाहर के निवासी द्वारा शेयरों के अधिग्रहण के बाद श्रेणीवार निवासी और अनिवासी (अर्थात् अनिवासी भारतीय / विदेशी कंपनी निकाय / विदेशी राष्ट्रिकों / निगमित अनिवासी कंपनियां / विदेशी संस्थागत निवेशक ) की इक्विटी सहभागिता और क्रेता /विक्रेता अथवा कंपनी से उनके द्वारा विधिवत नियुक्त एजेंट द्वारा प्राप्त प्रदत्त पूंजी के इसके प्रतिशत को दर्शाते हुए निवेशक कंपनी की शेयर धारिता का स्वरूप ।
वख्. सनदी लेखाकार से प्राप्त शेयरों के उचित मूल्य को दर्शानेवाला प्रमाण पत्र
ख्. यदि बिक्री स्टॉक एक्सचेंज में की जाती है तो ब्रोकर के नोट की कॉपी
ख्व. क्रेता से प्राप्त इस आशय का वचन पत्र कि वह विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के अंतर्गत शेयर/परिवर्तनीय डिबेंचर के अधिग्रहण के लिए पात्र हैं और वर्तमान क्षेत्रीय सीमाओं और मूल्य निर्धारण के मार्गदर्शी सिद्धांतों का अनुपालन किया गया है।
ख्वव विदेशी संस्थागत निवेशक/उप लेखा से इस आशय का प्रमाण पत्र कि सेबी द्वारा निर्धारित व्यक्तिगत संस्थागत निवेशकों /उप लेखा सीमा का उल्लंघन नहीं किया गया है।
5.2 भारत के बाहर रहनेवाली किसी निवासी द्वारा शेयरों की बिक्री के लिए
व. अंतरण के ब्योरों अर्थात् अंतरित किए जानेवाले शेयरों की संख्या, जिस कंपनी के शेयर अंतरित किए जा रहे हैं उसका नाम, किस मूल्य पर अंतरित किए जा रहे हैं को दर्शाते हुए विक्रेता और क्रेता अथवा उनके द्वारा विधिवत नियुक्त एजेंट द्वारा हस्ताक्षरित सहमति पत्र।
वव. उनके द्वारा विधिवत नियुक्त एजेंट द्वारा सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जाने की स्थिति में शेयरों की खरीद/ बिक्री के लिए एजेंट को प्राधिवफ्त करने हेतु विक्रेता/क्रेता द्वारा निष्पादित पॉवर ऑप एटर्नी दस्तावेज। औपचारिक बिक्री करार न होने की स्थिति में उइस आशय के आदान-प्रदान किए गए पत्रों का रिकाड़ रखा जाए।
ववव. विक्रेता के अनिवासी भारतीय/विदेशी कंपनी निकाय होने की स्थिति में प्रत्यावर्तनीय/अप्रतिवर्तनीय आधार पर उनके द्वारा धारित शेयरों का साक्ष्य देनेवाले भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुमोदन की प्रतियां । बिक्री आय को यथालागू अनिवासी विदेशी/सामान्य खाते में जमा किया जाएगा।
वख्. सनदी लेखाकार से प्राप्त शेयरों के उचित मूल्य को दर्शाने वाला प्रमाण पत्र।
ख्. आयकर प्राधिकारी/सनदी लेखाकार से प्राप्त अनापत्ति/ कर देय न होने का प्रमाण पत्र।
ख्व. क्रेता से इस आशय का प्रमाणपत्र कि मूल्य निर्धारण के मार्गदर्शी सिद्धांतों का अनुपालन किया गया है।
6.1 उपर्युक्त के लिए, विशेष रूप से ऐसे लेन-देनों के लिए प्राधिवफ्त व्यापारी शाखाओं को नामित करें। इस कार्य के लिए इन शाखाओं को पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित स्टाप दिए जाएं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लेन देन निर्विघ्न रूप से किए जा रहे हैं। प्राधिवफ्त व्यापारी इन शाखाओं के बीच समन्वयन के लिए एक नोडल कार्यालय भी नामित करें तथा रिज़र्व बैंक को इन लेन-देनों की रिपोर्टिंग को भी सुनिश्चित करें।
6.2 निजी व्यवस्था के आधार पर अंतरण की स्थिति में, लेन-देनों के निपटान पर अंतरिती/उसके द्वारा विधिवत नियुक्त एजेंट, प्राधिवफ्त व्यापारी शाखा से एपसी - टी आर एस पार्म में प्राप्त इस आशय का प्रमाण पत्र कि अंतरणकर्ता द्वारा प्रेषण प्राप्त किया/ अंतरिती द्वारा भुगतान किया गया है, के साथ अपनी बहियों में अंतरण को रिकाड़ करने के लिए निवेशक कंपनी से संपर्क करे। प्राधिवफ्त व्यापारी से प्रमाण पत्र की प्राप्ति पर कंपनी अपनी बहियों में अंतरण को रिकाड़ करे।
6.3 शेयरों के ऐसे अंतरण के परिणामस्वरूप होने वाले वास्तविक अंतर्वाह और बहिर्वाह की रिपोर्टिंग आर-विवरणी में सामान्य रूप से की जाएगी।
6.4 इसके अलावा, प्राधिवफ्त व्यापारी के संलग्न प्रोपार्मा में (एम एस -एक्सेल पार्मेट में तैयार किया जाना है) आइबीडी/एपईडी/अथवा इस प्रयोजन के लिए बैंक द्वारा नामित नोडल कार्यालय को बिक्री द्वारा अंतरित शेयरों के संबंध में प्राप्त/भेजे गए प्रेषणों के परिणामस्वरूप अंतर्वाह/बहिर्वाह के विवरण के साथ अपने ग्राहकों से प्राप्त पार्म एपसीटी-आरएस की दो प्रतियां प्रस्तुत करें। आइबीडी/एपईडी अथवा बैंक का नोडल कार्यालय बदले में अपनी शाखाओं से प्राप्त एपसी-टीआरएस पार्म की प्रतियों के साथ अपनी शाखाओं द्वारा रिपोर्ट किए गए सभी लेन-देनों के संबंध में एक समेकित मासिक विवरण विदेशी मुद्रा विभाग, रिज़र्व बैंक, विदेशी निवेश प्रभाग, केन्द्रीय कार्यालय, मुंबई को सॉफ्ट कॉपी में (एमएस-एक्सेल में) @ींव.दीु.वह को ई-मेल द्वारा प्रस्तुत करेगा।
6.5 निजी व्यवस्था के अंतर्गत विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा शेयरों की खरीद-बिक्री उनके विशेष अनिवासी रूपया खाता के नामे/जमा डाल कर की जाएगी। अत: संबंधित विदेशी संस्थागत निवेशकों के नामित बैंक द्वारा लेन-देन की रिपोर्टिंग (एलईसी एपआइआइ) भी की जाए।
6.6 अनिवासी भारतीयों, विदेशी कंपनी निकायों द्वारा पोर्टपोलियो निवेश योजना के अंतर्गत भारतीय कंपनियों द्वारा खरीदे गए शेयरं/परिवर्तनीय डिबेंचर निजी व्यवस्था के अंतर्गत खरीद द्वारा अंतरित नहीं किए जा सकते हैं।
6.7 प्राधिवफ्त व्यापारियों से विवरणों की प्राप्ति पर रिज़र्व बैंक, अंतरण कर्ता/अंतरिती अथवा उनके एजेंटों से यथावश्यक अतिरिक्त ब्येारों की मांग कर सकता है अथवा ऐसे निदेश दे सकता है।
7 सामान्य अनुमति, अन्य अधिनियमनों के अंतर्गत भारिबैंक का अनुमोदन प्राप्त करने से नहीं रोकता है।
पार्म एपसी-टीआरएस |
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निवासी से अनिवासी / अनिवासी से निवासी को बिक्री द्वारा शेयरों के अंतरण संबंधी घोषणा |
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(प्राधिवफ्त व्यापारी शाखाओं द्वारा चार प्रतियों में प्रस्तुत किया जाए।) |
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निम्नलिखित दस्तावेज संलग्न किए गए हैं (संलग्नक के पैरा 5 देखें) भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा शेयरों की बिक्री के लिए
भारत से बाहर के निवासी द्वारा शेयरों की बिक्री के संबंध में अतिरिक्त दस्तावेज
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1 |
कंपनी का नाम |
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पता (ईमेल, टेलीपोन सं., पैक्स सं. सहित) |
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कार्यकलाप |
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एनआइसी कूट सं. |
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2 |
क्या स्वत: अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की अनुमति है |
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विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति के अंतर्गत क्षेत्रीय सीमा |
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3 |
लेनदेन का स्वरूप |
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निवासी से अनिवासी को अंतरण |
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अनिवासी से निवासी को अंतरण |
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4 |
क्रेता का नाम |
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संवर्ग (वफ्पया उपयुक्त संवर्ग में टिक करें) |
एकल |
कंपनी |
विदेशी संस्थागत निवेशक |
अन्य |
अगर कंपनी/ विदेशी संस्थागत निवेशक आदि हैं तो कंपनी का गठन दर्शाएं अर्थात् लिमिटेड कंपनी, पंजीवफ्त साझेदारी आदि |
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निगमित करने की तारीख और स्थान |
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क्रेता का पता (ईमेल, टेलीपोन सं., पैक्स सं, सहित) |
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5 |
विक्रेता का नाम |
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संवर्ग (वफ्पया उपयुक्त संवर्ग में टिक करें) |
एकल |
कंपनी |
विदेशी संस्थागत निवेशक |
अन्य (वफ्पया स्पष्ट करें) |
|
अगर कंपनी/ विदेशी संस्थागत निवेशक आदि हैं तो कंपनी का गठन दर्शाएं अर्थात् लिमिटेड कंपनी, पंजीवफ्त साझेदारी आदि |
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निगमित करने की तारीख और स्थान |
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विक्रेता का पता (ईमेल, टेलीपोन सं., पैक्स सं, सहित) |
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6 |
रिज़र्व बैंक/ एपआइपीबी के पूर्व अनुमोदनों के ब्योरे |
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7 |
अंतरण किए जानेवाले शेयरों/ परिवर्तनीय डिबेंचरों के ब्योरे |
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लेनदेन की तारीख |
शेयरों की सं. |
अंकित मूल्य |
अंतरण के लिए वार्ता से तय मूल्य** |
प्रतिपल राशि |
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8 |
कंपनी में विदेशी निवेश |
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शेयरों की सं. |
प्रतिशत |
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अंतरण के पूर्व |
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अंतरण के बाद |
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9 |
क्या शेयरों को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया है |
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अगर हां, तो स्टॉक एक्सचेंज का नाम |
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स्टॉक एक्सचेंज में उद्धफ्त भाव |
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शेयर कहां असूचीबद्ध हैं |
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मूल्यांकन मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुसार मूल्य* |
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सनदी लेखाकार के मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार मूल्य |
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*/** |
सनदी लेखाकार का प्रमाण पत्र संलग्न किया जाए। |
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अंतरणकर्ता/ अंतरिती द्वारा घोषणा मैं/ हम एतद्द्वारा घोषित करता हूं/ करते हैं कि :
घोषणकर्ता अथवा उनके विधिवत् प्राधिवफ्त एजेंट के हस्ताक्षर दिनांक :
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टिप्पणी निवासी से अनिवासी को शेयरों के अंतरण के मामले में अनिवासी क्रेता द्वारा घोषणा पर हस्ताक्षर किया जाए। और अनिवासी से निवासी को शेयरों के अंतरण के मामले में अनिवासी विक्रेता द्वारा घोषणा पर हस्ताक्षर किया जाए। |
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प्राधिवफ्त व्यापारी शाखा का प्रमाणपत्र यह प्रमाणित किया जाता है कि आवेदन सभी तरह से पूर्ण है। लेनदेन की प्राप्ति/ भुगतान पेमा विनियमावली/ रिज़र्व बैंक के मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुसार है। हस्ताक्षर अधिकारी का नाम और पदनाम प्राधिवफ्त व्यापारी शाखा का नाम दिनांक : प्राधिवफ्त व्यापारी शाखा कूट |
प्रोपार्मा
बिक्री द्वारा शेयरों/परिवर्तनीय डिबेंचरों के अंतरण के संबंध में प्राप्त /किए गए प्रेषण के कारण हुए आवक/जावक की विवरणी
संवर्गवार :
भाग अ - अनिवासी भारतीय / पूर्ववर्ती समुद्रपारीय निगमित निकाय
भाग आ - विदेशी राष्ट्रिक / अनिवासी निगमित कंपनी
भाग इ - विदेशी संस्थागत निवेशक
आवक - निवासी से अनिवासी को अंतरण
लेनदेन की तारीख |
कंपनी का नाम |
कार्यकलाप |
एनआइसी कूट |
क्रेता का नाम |
विक्रेता का नाम |
अंतरण किए गए शेयरों की संख्या |
अंकित मूल्य |
प्रति शेयर बिक्री मूल्य |
कुल आवक |
(1) |
(2) |
(3) |
(4) |
(5) |
(6) |
(7) |
(8) |
(9) |
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जावक - अनिवासी से निवासी को अंतरण
लेनदेन की तारीख |
कंपनी का नाम |
कार्यकलाप |
एनआइसी कूट |
विक्रेता का नाम |
क्रेता का नाम |
अंतरण किए गए शेयरों की संख्या |
अंकित मूल्य |
प्रति शेयर बिक्री मूल्य |
कुल जावक |
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प्रेस विज्ञप्ति
बुधवार, सितंबर 29, 2004
वित्त मंत्रालय
विदेशी निवेश प्रक्रिया को सरल बनाना
विदेशी निवेशकों के लिए भारत में माहौल को और बेहतर बनाने हेतु सरकार ने शीघ्र और संगत निवेश अनुमोदन के लिए निम्नलिखित को वर्तमान सरकारी अनुमोदन मार्ग (अर्थात् एपआइपीबी मार्ग) के बजाय सामान्य अनुमति मार्ग (अर्थात् भारिबैंक मार्ग) के अंतर्गत रखकर प्रक्रिया को सरल बनाने का निर्णय लिया है :
क) वित्तीय सेवा क्षेत्र से इतर में अनिवासी से निवासी को शेयरों के अंतरण (अनिवासी को अभिदाता के शेयरों के अंतरण सहित) बशर्ते स्वत: अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत निवेश कवर किया जाता है, सेबी के (सब्सटेन्सियल एक्वीज़िशन ऑप शेयर एंड टेकओवर्स) विनियमावली, 1997 के प्रावधान लागू नहीं होते हैं, क्षेत्रीय सीमा के अंतर्गत आते हैं साथ ही निर्धारित मूल्य निर्धारण मार्गदर्शी सिद्धांतों का अनुपालन करते हैं।
ख) बाह्य वाणिज्यिक उधार/ ऋण के ईक्विटी में परिवर्तन, बशर्ते कंपनी के कार्यकलाप स्वत: अनुमोदित मार्ग के अंतर्गत कवर किए जाते हैं, ऐसे परिवर्तन के बाद विदेशी ईक्विटी क्षेत्रीय सीमा के अंतर्गत आते हैं साथ ही निर्धारित मूल्य निर्धारण मार्गदर्शी सिद्धांतों का अनुपालन करते हैं।
ग) शेयरों के नये निर्गम और अधिमानी शेयरों के परिवर्तन द्वारा विदेशी ईक्विटी सहभागिता में बढ़ोतरी के मामले, बशर्ते ऐसी बढ़ोतरी संबंधित क्षेत्रों में क्षेत्रीय सीमा के अंतर्गत आते हैं, स्वत: अनुमोदित मार्ग के अंदर हैं साथ ही निर्धारित मूल्य निर्धारण मार्गदर्शी सिद्धांतों का अनुपालन करते हैं।
उपर्युक्त पैरा 1 में दिए गए प्रकियागत सरलीकरण के संबंध में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के अंतर्गत निर्धारित क्षेत्रीय सीमा और अन्य मार्गदर्शी सिद्धांतों/ विनियमों के अनुपालन की जिम्मेदारी क्रेता और विक्रेता/ जारीकर्ता पर है।
प्रक्रिया के सरलीकरण के ब्योरे देनेवाले आवश्यक अधिसूचना/ परिपत्र पेमा के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए जा रहे हैं।