RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79285944

फेमा 1999 - चालू खाता लेनदेन - विदेश में रहने वाले नज़दीकी रिश्तेदारों के भरणपोषण के लिए विप्रेषण - विदेशी कंपनियों से भारत में प्रतिनियुक्त किए गए भारतीय नागरिकों का अनुरोध

आरबीआइ/2004/153
ए पी(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.86

अप्रैल 17, 2004

सेवा में

विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी

महोदया/महोदय

फेमा 1999 - चालू खाता लेनदेन - विदेश में रहने वाले नज़दीकी
रिश्तेदारों के भरणपोषण के लिए विप्रेषण - विदेशी कंपनियों से
भारत में प्रतिनियुक्त किए गए भारतीय नागरिकों का अनुरोध

प्रधिकृत व्यापारियों का ध्यान मार्च 30, 2001 की अधिसूचना सं.एस.ओ.301 (ई) द्वारा यथासंशोधित मई 3, 2000 के भारत सरकार की अधिसूचना सं. जीएसआर 381 (ई) की अनुसूची III की मद सं. 7 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार विदेशी नागरिक (पाकिस्तानी नागरिकों से इतर ) जो निवासी हैं किंतु भारत में स्थायी रुप से निवास नहीं करते है, विदेश में रहने वाले अपने नज़दीकी रिश्तेदारों के भरणपोषण के लिए निवल वेतन का (कर की कटौती, भविष्य निधि को अंशदान और अन्य कटौतियों के बाद) विप्रेषण कर सकते हैं 1 वर्तमान में विदेशी कंपनियों द्वारा नियोजित भारत में प्रतिनियुक्त भारतीय नागरिकों के संबंध में इस प्रकार के अनुरोधों को रिज़र्व बैंक भेजना पड़ता है ।

2. समीक्षा करने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि विदेशी नागरिकों (पाकिस्तानी नागरिकों से इतर ) को पहले से ही उपलब्ध वेतन के विप्रेषण की यह सुविधा किसी विदेशी कंपनी द्वारा नियोजित भारतीय नागरिकों को भारत में प्रतिनियुक्ति पर उपलब्ध कराई जाए 1 तदनुसार, प्राधिकृत व्यापारियों के लिए यह उचित होगा कि व भारत के किसी नागरिक को, जो ऐसी विदेशी कंपनियों के भारत स्थित किसी कार्यालय या शाखा या सहयोगी या संयुक्त उद्यम में प्रतिनियुक्ति पर हो विदेश में रहने वाले उनके नज़दीकी रिश्तेदारों के भरणपोषण के लिए निवल वेतन (कर की कटौती, भविष्य निधि को अंशदान और अन्य कटौतियों के बाद) के विप्रेषण की अनुमति दें 1 इस संबंध में मई 1, 2003 को जारी भारत सरकार की अधिसूचना सं.जीएसआर 397(ई) की प्रति संलग्न है ।

3. प्रधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी ग्राहकों को अवगत करा दें ।

4. इस परिपत्र में समाहित निदेश से विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए है

भवदीया,

ग्रेस कोशी
मुख्य महाप्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?