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फेमा 1999 - भारतीय कंपनी द्वारा भारत से बाहर स्थित शाखाओं में कार्यरत अपने कर्मचारियों को ऋण प्रदान करना

आर.बी.आइ/2004/67
एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 74

20 फरवरी 2004

सेवा में

विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी

महोदया/महोदय

फेमा 1999 - भारतीय कंपनी द्वारा भारत से बाहर स्थित
शाखाओं में कार्यरत अपने कर्मचारियों को ऋण प्रदान करना

प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान मई 16, 2000 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.11 की ओर आकृष्ट किया जाता हैं। विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा देना) विनियमावली, 2000 के विनियम 5 में, मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 3/2000-आरबी देखें, प्राधिकृत व्यापारियों से इतर लोगों द्वारा विदेशी मुद्रा में उधार लेने और देने पर विचार किया जाता है।

2. वर्तमान में भारतीय कंपनियों द्वारा भारत से बाहर स्थित उसकी शाखाओं में कार्यरत कर्मचारियों को ऋण प्रदान करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक की अनुकति की ज़रूरत पड़ती है चूंकि ऐसे ऋणों को किसी निवासी द्वारा अनिवासी को ऋण देना समझा जाता है।

3. यह स्पष्ट किया जाता है कि परिभाषा के अनुसार भारत से बाहर स्थित भारतीय कंपनियों की शाखाओं को हालांकि निवासी के रूप में समझा जाता है, ऐसे शाखाओं के कर्मचारियों को भारत से बाहर के निवासी के रूप में समझा जाता है।

4. उदारीकरण और प्रक्रिया को सरल बगनाने की एक उपाय के रूप में यह निर्णय लिया गया है कि उधार देने वाले के स्टाफ कल्याण योजना/ ऋण नियमों तथा भारत एवं विदेश में उनके निवासी स्टाफ पर लागू अन्य शर्तों के अनुसार भारतीय कंपनियों को भारत से बाहर स्थित उनकी शाखाओं में कार्यरत कर्मचारियों को र्वयक्तिक प्रयोजनों के लिए विदेशी मुद्रा में ऋण प्रदान करने की सामान्य अनुमति दी जाए।

5. जनवरी 8, 2003 की अधिसूचना सं. फेमा 80/2003-आरबी की एक प्रति, जो मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 3/2000-आरबी के प्रावधानों को संशाधित करते हुए जारी की गई है, संलग्न है। (संशोधित अधिसूचना के उपविनियम 6 को सं.7 के रूप में पढ़ा जाए।) एक शुद्ण्पित्र अलग से जारी किया जा रहा है।

6. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु की जानकारी अपने सभी ग्राहकों को दे दें।

7. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं।

भवदीय

ग्रेस कोशी
मुख्य महाप्रबंधक

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