वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक (रिज़र्व बैंक) निर्देश, 2019 - आरबीआई - Reserve Bank of India
वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक (रिज़र्व बैंक) निर्देश, 2019
आरबीआई/2018-19/221 जून 26, 2019 प्रति महोदय/महोदया वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक (रिज़र्व बैंक) निर्देश, 2019 कृपया 5 अक्टूबर 2018 को जारी चतुर्थ द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य, 2018-19 में विकासात्मक और विनियामक नीतियों के वक्तव्य के पैराग्राफ-2 का अवलोकन करें, जिसमें यह घोषणा की गई थी कि वित्तीय बेंचमार्क के लिए रिज़र्व बैंक एक नियामक व्यवस्था की शुरुआत करेगा, ताकि इसके द्वारा नियंत्रित बाजारों में बेंचमार्क प्रक्रियाओं के अभिशासन का सुधार किया जा सके। 2. जनसाधारण से अभिमत प्राप्त करने के लिए 15 फरवरी 2019 को प्रारूप-निदेशों को जारी किया गया था। प्राप्त फीडबैक के आधार पर इन निदेशों को अंतिम रूप दिया गया है। निदेश इसके साथ संलग्न हैं। 3. भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 45ब के तहत प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में सक्षमकारी शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इन निदेशों को जारी किया गया है। भवदीय (टी. रबि शंकर) भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. एफएमआरडी.एफएमएसडी.18/2019 दिनांक 26 जून 2019 वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक (रिज़र्व बैंक) निर्देश, 2019 भारतीय रिज़र्व बैंक (इसके बाद इसे ‘रिज़र्व बैंक’ कहा गया है) ने लोक-हित में इसे जरूरी समझते हुए और देश की वित्तीय प्रणाली को लाभदायक रूप से नियंत्रित करने के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (इसके बाद इसे ‘अधिनियम’ कहा गया है) की धारा 45प के साथ पठित धारा 45ब द्वारा प्रदत्त और इस संबंध में प्रदत्त सभी शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा वित्तीय बेंचमार्क प्रशासकों के लिए निम्नलिखित निदेश जारी किए जाते हैं।1 लघु शीर्षक और प्रवर्तन : इन निदेशों को वित्तीय बेंचमार्क प्रशासक (रिज़र्व बैंक) निर्देश, 2019 कहा जाएगा और ये 26 जून, 2019 से लागू होंगे। 1. परिसीमा और अनुमेयता:
2. परिभाषाएँ :
3. एफबीए को प्राधिकृत करना:
4. एफबीए के लिए पात्रता मानदंड:
5. ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ को संचालित करने का प्राधिकार प्रदान करना:
6. ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ के संचालन हेतु प्राधिकृत एफबीए को निम्नलिखित निदेशों का अनुसरण करेंगे: i. एफबीए अपने द्वारा संचालित ‘विशिष्ट बेंचमार्कों’ के संबंध में निम्नलिखित के लिए जिम्मेदार होंगे -
ii. ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ : निरूपण, निर्धारण और समीक्षा - a. एफबीए यह सुनिश्चित करेंगे कि ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ को संदर्भगत (निर्दिष्ट) वित्तीय लिखत का परिशुद्ध और विश्वसनीय रूप से अभिव्यक्त करने के लिए डिजाइन किया गया है। b. एफबीए यह सुनिश्चित करेंगे कि ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ का निर्माण करने के लिए प्रयुक्त डेटा सक्रिय बाजार के निकटतम सौदों पर आधारित हैं। जहाँ ऐसे सौदे उपलब्ध नहीं हैं, तो बेंचमार्क का निर्माण करने के लिए प्रयुक्त किसी भी डेटा, जानकारी या विशेषज्ञ निर्णय के लिए तर्क संगतता को रिकार्ड करेंगे। c. एफबीए ‘विशिष्ट बेंचमार्कों’ के निर्धारण हेतु डेटा इनपुट तारतम्यता और प्रयुक्त विशेषज्ञ निर्णय कार्रवाई से संबंधित क्रियाविधि को स्थापित और प्रकाशित करेंगे। d. एफबीए अपने द्वारा संचालित किए जा रहे ‘विशिष्ट बेंचमार्कों’ की संगणना में प्रविधि को उदाहरण सहित प्रलेखबद्ध करेंगे, और इसे अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करेंगे। इस प्रलेख में कम-से-कम निम्नलिखित विवरणों को शामिल किया जाएगा:
e. एफबीए इस पद्धति में यदि कोई संशोधन करने का निर्णय लेते हैं तो ऐसे संशोधनों को प्रभावी करने से कम-से-कम 15 दिन पहले अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करेंगे। संशोधित की जाने वाली पद्धति के सभी पदों को इस घोषणा में प्रकट किया जाएगा और संशोधित पद्धति का स्पष्टीकरण उदाहरण सहित किए जाएगा। f. बेंचमार्क संचालन प्रक्रिया में किसी भी स्तर पर बाजार सहभागियों के साथ क्रियाकलापों हेतु एफबीए औपचारिक प्रक्रिया स्थापित करेंगे। iii. संगठनात्मक और प्रक्रियात्मक नियंत्रण (निगरानी समिति की भूमिका) - a. ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ निर्धारण प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं की नियमित समीक्षा हेतु FBAs समुचित निगरानी व्यवस्था विकसित करेंगे। निगरानी कार्य का निष्पादन ‘निगरानी समिति’ कही जाने वाली एक समिति द्वारा किया जाएगा, इस समिति की स्थापना खासतौर पर इसी कार्य को करने के लिए की जाएगी। b. सदस्यों के चयन, चयन की प्रक्रियाओं, नामांकन, सदस्यों के निराकरण और प्रतिस्थापन और हित-संघर्षों की घोषणा सहित ‘निगरानी’ कार्य में निहित कार्यविधियों को प्रलेखबद्ध किया जाएगा और हिस्सेदारों को उपलब्ध कराया जाएगा, और c. एफबीए को ऐसी नीति बनानी होगी जो यह सुनिश्चित करती हो कि निगरानी समिति में सभी प्रमुख हिस्सेदारों का उचित प्रतिनिधित्व है। d. कोई भी व्यक्ति इस निगरानी समिति में पाँच साल से अधिक के लिए सदस्य नहीं रहेगा लेकिन वह कितनी भी बार सदस्य रह सकेगा। e. निगरानी समिति की जिम्मेदारियों में कम-से-कम निम्नलिखित शामिल रहेंगे-
f. योगदानकर्ता प्रतिष्ठानों (प्रस्तुतकर्ता) द्वारा योगदान के माध्यम से निर्धारित ‘विशिष्ट बेंचमार्कों’ के मामले में ‘निगरानी’ समिति -
iv. आतंरिक नियंत्रण - a. एफबीए द्वारा डेटा सुरक्षा, गोपनीयता और सत्यनिष्ठा को बनाए रखने के लिए डेटा संग्रहण, भंडारण, प्रोसेसिंग और प्रसरण पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित किया जाएगा। b. विद्यमान और संभावित हित संघर्षों के अभिनिर्धारण, प्रकटन, प्रबंधन, निवारण अथवा बचाव के लिए वित्तीय बेंचमार्क संचालकों द्वारा नीतियों, क्रियाविधियों और नियंत्रण व्यवस्था को प्रलेखबद्ध और कार्यान्वित किया जाएगा। ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ निर्धारण प्रक्रिया और संचालक अथवा इसकी किसी संबद्ध इकाई के किसी अन्य कारोबार के बीच हो सकने वाले हित संघर्ष पर ध्यान भी ये ही देंगे। हित संघर्ष को न्यूनतम करने के लिए किए गए उपायों का विवरण देते हुए एक अलग प्रलेख एफबीए की वेबसाइट पर दिया जाएगा और इसी की एक प्रतिलिपि रिज़र्व बैंक को भी दी जाएगी। इन नीतियों और क्रियाविधियों की एफबीए द्वारा आवधिक समीक्षा और नवीकृत किया जाएगा। c. वित्तीय बेंचमार्क संचालक के भीतर भी रिपोर्टिंग लाइनों का समुचित संविभाजन रहेगा ताकि जिम्मेदारियों को परिभाषित और किसी भी हित संघर्ष से बचाव अथवा ऐसे हित संघर्षों की कल्पना को रोका जा सके। d. प्रस्तुतियों के आधार पर निर्धारित ‘विशिष्ट बेंचमार्कों’ के मामले में, एफबीए निम्नलिखित के लिए जिम्मेदार होंगेः
e. प्रस्तुतिकर्ताओं हेतु आचार संहिता:
f. सामान्य कारोबार के लिए आए व्यवधानों को दूर करने के लिए एफबीए को कारोबारी निरंतरता और आकस्मिकता क्रियाविधि योजना बनानी होगी। g. अपनी नीतियों और साथ ही साथ रिज़र्व बैंक द्वारा जारी अनुदेशों के अनुपालन का सत्यापन करन के लिए एफबीए द्वारा आवधिक लेखा परीक्षा की जाएगी। h. बेंचमार्क संचालन की सम्पूर्ण प्रक्रिया का भी स्वतंत्र ऑडिट एफबीए करेंगे जिसमें इनपुट, संगणना प्रक्रिया और ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ के मानों का आवधिक आधार पर ऑडिट शामिल होगा। v. ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ से सम्बद्ध कार्य की आउट सोर्सिंग -
vi. शिकायत प्रबंधन -
vii. डेटा संरक्षण - एफबीए के अपने अधिकार में ‘विशिष्ट बेंचमार्कों’ से संबंधित समस्त डेटा का संरक्षण इस प्रकार के डेटा की प्राप्ति / सृजन की तारीख से दस साल की अवधि के लिए करेंगे। उक्त समयावधि पर कोई प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना किसी भी मुकदमे / विवाद / पंचनिर्णयन / न्यायनिर्णयन से संबंधित डेटा को मामले / मुकदमे / विवाद / पंचनिर्णयन / न्याय निर्णयन के अंतिम निर्णय के दो साल बाद तक संरक्षित रखा जाएगा। viii. प्राधिकार प्रदान करते समय अथवा बाद में रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित किसी भी अन्य निबंधन / शर्त का अनुपालन एफबीए करेंगे। 7. इन निदेशों के प्रावधानों से रियायत: रिज़र्व बैंक, इस बात से संतुष्ट होने पर कि ऐसा करना अनिवार्य है, किसी एफबीए को सामान्यतया अथवा यथा-निर्दिष्ट समयावधि के लिए इन निदेशों के किसी अथवा सभी प्रावधानों से रियायत दे सकता है जिस पर ऐसी सभी निबंधन या शर्तें या परिसीमन या प्रतिबंध लागू होंगे जो इसके विचार में लोकहित अथवा देश की वित्तीय प्रणाली के लिए उचित हैं। 8. प्राधिकार का निरसन:
9. संचालन का अंतरण अथवा समापन: i. एफबीए जिसके पास ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ को आरंभ करने अथवा संचालित करने का प्राधिकार पत्र हैं, अपने परिचालनों को रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन से समाप्त कर सकता है और वह इस बारे में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निर्दिष्ट शर्तों निबंधनों का अनुपालन करेगा। ii. निम्नलिखित के बारे में एफबीए को लिखित नीति रखनी होगी:
iii. उक्त में निहित किसी भी तथ्य के बावजूद रिज़र्व बैंक को एफबीए से अपेक्षित है कि कोई वैकल्पिक व्यवस्था हो जाने तक ‘विशिष्ट बेंचमार्क’ को संचालित करना जारी रखे। इस मध्यावधि के दौरान एफबीए को तृतीय पक्ष से ऑडिट कराने सहित ऐसी बढ़ी हुई निगरानी व्यवस्था के तहत रखा जाएगा, जिसे रिज़र्व बैंक उचित समझता हो। 10. बेंचमार्क प्रकाशन: एफबीए जारी किए जाने की तारीख को अथवा जारी किए जाने की तारीख से 15 दिन के भीतर ‘विशिष्ट बेंचमार्कों’ को प्रकाशित करेंगे। 11. रिपोर्टिंग: वित्तीय बेंचमार्क प्रशासकों द्वारा रिज़र्व बैंक को निर्धारित डाटा और रिपोर्टें निर्धारित समय सीमा और निर्धारित प्रारूप में समय-समय पर बताए अनुसार प्रस्तुत किए जाएंगे। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों / अनुदेशों के अनुपालन के बारे में एफबीए आवधिक विवरणी / रिपोर्ट समय-समय पर सूचित समयसीमा और निर्धारित प्रारूपों में प्रस्तुत करेंगे। 1 ये निदेश इन्टरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ सिक्यूरिटीज कमीशन द्वारा जुलाई 2013 में जारी रिपोर्ट प्रिन्सिपल्स फॉर फिनान्शियल बेन्चमार्क और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 28 जून 2013 को गठित वित्तीय बेन्चमार्क समिति की रिपोर्ट में संस्तुत परिपाटियों पर आधारित हैं। |