बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के माध्यम से वित्तीय समावेशन - व्यवसाय प्रतिनिधियों (बीसी) का उपयोग - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के माध्यम से वित्तीय समावेशन - व्यवसाय प्रतिनिधियों (बीसी) का उपयोग
आरबीआइ /2008-2009/142 27 अगस्त 2008 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) तथास्थानीय क्षेत्र बैंक महोदय बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के माध्यम से वित्तीय कृपया उपर्युक्त विषय पर 25 जनवरी 2006, 22 मार्च 2006 तथा 24 अप्रैल 2008 के हमारे परिपत्र क्रमश: बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 58/ 22.01.001/2005-06, बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 72/22.01.009/2005-06 तथा बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 74/22.01.009/2007-08 देखें — 2. मामले की समीक्षा करने पर तथा बैंकों से प्राप्त संदर्भों के आधार पर यह निर्णय लिया गया है कि यदि बैंकों द्वारा विधिवत् रूप से नियुक्त किए गए व्यवसाय प्रतिनिधि बुनियादी (ग्रास-रूट) स्तर पर व्यवसाय प्रतिनिधि की सेवाएं प्रदान करने के लिए सब-एजेंट नियुक्त करना चाहते हैं तो बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि (i) व्यवसाय प्रतिनिधि के सब-एजेंट उपर्युक्त पैराग्राफ 1 में उल्लिखित हमारे मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार व्यवसाय प्रतिनिधियों के लिए निर्धारित सभी संबंधित मानदंड पूरा करते हैं, (ii) उनके द्वारा नियुक्त व्यवसाय प्रतिनिधि सब-एजेंट के संबंध में प्रतिष्ठागत तथा अन्य जोखिमों से बचने के लिए उचित सावधानी बरतते हैं, (iii) मूल शाखा से 15 कि. मी./5 कि. मी. की दूरी (जो भी लागू हो) संबंधी मानदंड का सभी सब-एजेंटों के मामले में अनिवार्यत: पालन किया जाता है — 3. इसके अलावा जहां अनुमत श्रेणियों के अंतर्गत आनेवाले व्यक्तियों को व्यवसाय प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया गया है, वे सब-एजेंट नियुक्त नहीं कर सकते — भवदीय |