बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के माध्यम से वित्तीय समावेशन - व्यवसाय प्रतिनिधियों (बीसी) का उपयोग - धारा 25 कंपनियां - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के माध्यम से वित्तीय समावेशन - व्यवसाय प्रतिनिधियों (बीसी) का उपयोग - धारा 25 कंपनियां
आरबीआइ /2008-2009/141 27 अगस्त 2008 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों सहित) तथास्थानीय क्षेत्र बैंक महोदय बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के माध्यम से वित्तीय समावेशन - व्यवसाय प्रतिनिधियों (बीसी) का उपयोग - धारा 25 कंपनियां कृपया उपर्युक्त विषय पर 25 जनवरी 2006, 22 मार्च 2006 तथा 24 अप्रैल 2008 के हमारे परिपत्र क्रमश: बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 58/ 22.01.001/2005-06, बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 72/22.01.009/2005-06 तथा बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 74/22.01.009/2007-08 देखें — 2. इस मामले की समीक्षा करने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि बैंक, कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 के अंतर्गत पंजीकृत कंपनियों को व्यवसाय प्रतिनिधियों (बीसी) के रूप में नियुक्त कर सकते हैं, बशर्ते धारा 25 कंपनियां स्टैण्ड अलोन संस्थाएं हों अथवा ऐसी धारा 25 कंपनियां हों जिनमें गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, बैंकों, टेलीकॉम कंपनियों तथा अन्य कार्पोरेट संस्थाओं अथवा उनकी नियंत्रक कंपनियों ने 10 प्रतिशत से अधिक ईक्विटी धारण नहीं की है — 3. इसके अलावा, व्यवसाय प्रतिनिधियों के रूप में धारा 25 कंपनियों को नियुक्त करते समय बैंकों को व्यवसाय प्रतिनिधि के कारोबार के स्थान तथा शाखा के बीच 15 कि. मी./5 कि. मी. की दूरी (जो भी लागू हो) के भवदीय
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पी. विजय भास्कर) मुख्य महाप्रबंधक |