बैंकिंग सेवाओं के विस्तार द्वारा वित्तीय समावेश - व्यावसायिक सुविधादाताओं/संपर्ककर्ताओं का उपयोग - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकिंग सेवाओं के विस्तार द्वारा वित्तीय समावेश - व्यावसायिक सुविधादाताओं/संपर्ककर्ताओं का उपयोग
भारिबैं/2005-06/331
बैंपविवि. सं. बीएल.बीसी. 72/22.01.009/2005-2006
22 मार्च 2006
1 चैत्र 1928 (शक)
अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और स्थानीय क्षेत्र बैंकों सहित
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक)
महोदय,
बैंकिंग सेवाओं के विस्तार द्वारा वित्तीय समावेश - व्यावसायिक सुविधादाताओं/संपर्ककर्ताओं का उपयोग
कृपया आप उपर्युक्त विषय पर 25 जनवरी 2006 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 58/22.01.001/2005-2006 देखें।
2. उपर्युक्त परिपत्र की शर्तों के अनुसार, "व्यावसायिक संपर्ककर्ता" के प्रतिमान के अंतर्गत जनता से जमा स्वीकार न करनेवाली पंजीकृत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां उन पात्र संस्थाओं में से हैं जिन्हें बैंकों द्वारा मध्यवर्तियों के रूप में लगाया जा सकता है। भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा ऐसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की पात्रता के मानदंडों आदि की जाँच करने की प्रक्रिया जारी है जिन्हें बैंकों द्वारा व्यावसायिक संपर्ककर्ता/ओं की भूमिका सौंपी जा सकती है। इस प्रक्रिया के पूरी होने तक, बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे व्यावसायिक संपर्ककर्ता/ओं के रूप में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के चयन / उपयोग को आस्थगित रखें। तथापि, बैंक उन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का उपयोग व्यावसायिक संपर्ककर्ताओं के रूप में कर सकते हैं जो कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 के अंतर्गत लाइसेंस-प्राप्त हैं ।
भवदीय,
(पी. विजय भास्कर)
मुख्य महाप्रबंधक