अस्थायी दर बचत बॉन्ड, 2020 (करयोग्य)- एफ़आरएसबी 2020 (टी) - परिचालन दिशानिर्देश (27 जून 2022 को अद्यतित) - आरबीआई - Reserve Bank of India
अस्थायी दर बचत बॉन्ड, 2020 (करयोग्य)- एफ़आरएसबी 2020 (टी) - परिचालन दिशानिर्देश (27 जून 2022 को अद्यतित)
आरबीआई/2019-2020/262 30 जून, 2020 अस्थायी दर बचत बॉन्ड, 2020 (करयोग्य)- एफ़आरएसबी 2020 (टी) - परिचालन दिशानिर्देश कृपया एफ़आरएसबी (टी) पर 26 जून 2020 के आरबीआई परिपत्र आईडीएमडी.सीडीडी.सं.3145/13.01.299/2019-20 के साथ 26 जून 2020 की भारत सरकार की अधिसूचना F.No.4(10)-B(W&M)/2020 का संदर्भ लें। जैसा कि आप जानते हैं कि इस योजना के अंतर्गत जारी किए गए बांड प्राप्तकर्ता कार्यालय में खोले गए बांड लेजर खाता (बीएलए) नामक खाते में धारक के क्रेडिट के लिए रखे जाते हैं और उन्हें इन बॉन्डो को जारी करने की और सर्विसिंग की ज़िम्मेदारी सौपीं जाती है। 2. इस संबंध में, भारतीय प्रतिभूति अधिनियम, 2006 के खंड 29 के उप-खंड (2) द्वारा प्रदत्त अधिकारों और इसके आधार पर सभी शक्तियों के अनुसार अनुलग्नक में इस योजना के लिए विस्तृत परिचालन दिशानिर्देश दिया गया है। 3. सभी प्राधिकृत आरओ इन बॉन्डों को जारी और सर्विसिंग के समय इन निर्देशों द्वारा दिशानिर्देशित होंगे। भवदीय, (टी.के.राजन) I. परिचय अस्थायी दर बचत बांड, 2020 (कर योग्य), जिसे इसके बाद "बांड" के रूप में संदर्भित किया जाएगा, भारत सरकार द्वारा भारतीय स्टेट बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंकों, चार निजी क्षेत्र के बैंकों और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्राधिकृत किसी अन्य इकाई की शाखाओं के माध्यम से जारी किए जाते हैं। इन बॉन्डों को जारी करने वाले बैंकों/इकाईयों की पूरी सूची परिशिष्ट I में दी गई है। पात्रता मापदंड और अन्य नियम एवं शर्ते 26 जून 2020 की भारत सरकार की अधिसूचना सं. F.No.4(10)-B(W&M)/2020 में विनिर्दिष्ट है। सभी प्राधिकृत प्राप्तकर्ता कार्यालय, अपनी शाखाओं के माध्यम से योजना लागू करने हेतु प्रबंध करें और योजना के बारे में स्टाफ को जागरूक करें। परिभाषाएँ इन दिशा-निर्देशों में, जब तक संदर्भ में अन्यथा आवश्यक न हो, (i) प्राप्तकर्ता कार्यालय (आरओ) का मतलब भारतीय स्टेट बैंक, 11 राष्ट्रीयकृत बैंक, एक्सिस बैंक लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, आईडीबीआई बैंक, स्टाक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अधिकृत किसी अन्य इकाई से है। (ii) बॉन्ड लेजर खाता या बीएलए का अर्थ है प्राप्तकर्ता कार्यालय में इलेक्ट्रॉनिक रूप में धारक के क्रेडिट के लिए रखे गए बांड। (iii) धारिता प्रमाणपत्र का (सीओएच) का अर्थ है निवेशक को प्राप्तकर्ता कार्यालय द्वारा निर्दिष्ट प्रारूप में जारी सदस्यता का प्रमाणपत्र। II. बॉन्ड के सर्विसिंग हेतु प्रक्रियात्मक दिशानिर्देश: बॉन्ड के निर्गम/सर्विसिंग की ज़िम्मेदारी आरओ को सौंपी गई है, जो इसके लिए नोडल अधिकारी की पहचान करेगा और अधिकारी के संपर्क विवरण आरबीआई,आंतरिक ऋण प्रबंध विभाग के ईमेल और केंद्रीय लेखा अनुभाग, आरबीआई, नागपुर के ईमेल पर सूचित करेगा। इसके अतिरिक्त, वरिष्ठ स्तर के पदाधिकारी मुख्य महाप्रबंधक/ परिचालन शीर्ष से नीचे न हो, को हमे सूचित करें। आरओ को समय-समय पर संपर्क विवरण में परिवर्तन को भी हमें सूचित करते रहें। योजना के परिचालन हेतु इन कार्यालयों द्वारा अपनाई जाए वाली प्रक्रिया निम्न है: 1. आवेदनों की प्राप्ति 1.1 आरओ प्रत्यक्ष या एजेंट के माध्यम से कितनी भी शाखाओं से पात्र निवेशकों से आवेदन स्वीकार करने के लिए प्राधिकृत है। आवेदन फॉर्मों को फॉर्म बी में (26 जून 2020 के भारत सरकार की अधिसूचना के अनुलग्नक 2) आवश्यक विवरण के साथ स्वीकार किया जाएगा। आवेदन राशि, आरओ नकद (मात्र रु.20,000/- तक) /डिमांड ड्राफ्ट/चेक या किसी इलेक्ट्रॉनिक मोड में स्वीकार कर सकता है। डिमांड ड्राफ्ट/चेक आरओ के पक्ष में होनी चाहिए। आरओ निवेशकों को अपने निवेश के संदर्भ में नामांकन करने के लिए प्रोत्साहित करें। 1.2 बीएलए जारी करने वाले शाखाओं की सूची आरओ की वेबसाइट पर प्रदर्शित होगी। 1.3 आरओ शीघ्रतम ही अपने सभी शाखाओं के माध्यम से इस उत्पाद को उपलब्ध कराएं और इसके लिए इस उत्पाद हेतु आसानी से आवेदन के लिए निवेशकों को ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराएं। 1.4 आवेदनों की जांच यह सुनिश्चित करने के लिए की जाएगी कि यह सभी रूप से पूरी हो। आवेदकों को पावती जारी कि जाएगी जिसमें सीओएच के जारी करने की तारीख निर्दिष्ट हो। 1.5 आरओ अभिदान की राशि के साथ प्रत्येक अभिदानकर्ता के नाम पर ‘बॉन्ड लेजर खाता’ के प्रकार का खाता खोलेगा। प्रत्येक खाते को बैंक और उसकी शाखा कोड को दर्शाने वाले अल्फा उपसर्ग के साथ छह अंकों का कोड आवंटित किया जाए (उदाहरण एसबीआईपीएनबीएलए – भारतीय स्टेट बैंक, पुणे बॉन्ड लेजर खाता 000001) 1.6 निवेशक के नाम पर नकद के टेंडर की तारीख पर या ड्राफ्ट/चेक/फंड के प्राप्ति के तारीख पर बॉन्ड लेजर खाता खोला जाएगा। भुगतान की प्राप्ति की तारीख को ‘अभिदान की तारीख’ कहा जाएगा। 1.7 प्रत्येक निवेशक के नाम पर केवल एक ‘बॉन्ड लेजर खाता’ खोला जाएगा। शाखा में एक ही धारक के नाम पर कोई नया खाता या एकाधिक खाता नहीं खोला जाएगा या व्यवस्थित किया जाएगा और बाद में उसके द्वारा किए गए निवेश का हिसाब उसी बॉन्ड लेजर खाते में किया जाएगा। 1.8 निवेशक द्वारा बाद में किए गए निवेश के लिए कोई नया बीएलए नहीं खोला जाएगा। बाद के निवेश के लिए नवीन सीओएच जारी किया जाए। 1.9 प्रत्येक निवेश के मामले में 7 वर्ष की अवधि को अभिदान की तारीख से माना जाएगा। 1.10 शाखाएँ परिशिष्ट II में दिये गए प्रोफ़ार्मा के अनुसार “बॉन्ड लेजर खाते के रजिस्टर – सभी धारक” भी व्यवस्थित करें। इसके अलावा, लिंक ऑफिस अपने शाखाओं द्वारा जारी सभी बीएलए के केंद्रीकृत अभिलेख भी व्यवस्थित करेंगे। 1.11 शाखाएँ फॉर्म ए में अभिदान की निविदा की तारीख से 7 दिनों के अंदर अभिदानकर्ता को सीओएच जारी करेगी (दिनांक 26 जून, 2020 के भारत सरकार की अधिसूचना के अनुलग्नक) । आवेदन फॉर्म में उपलब्ध जानकारियों के अनुसार सभी निवेशकों के ई-मेल पते पर सीओएच भी भेजा जाए। 1.12 सीओएच के खो जाने पर, इस संबंध में आवेदन की प्राप्ति पर धारक/कों को इसकी प्रति उपलब्ध करा दी जाएगी। 2. आरबीआई को अभिदान का धन प्रेषण और रिपोर्टिंग 2.1 आरओ को यह सुनिश्चित करना होगा कि अपने लिंक सेल के माध्यम से चेक/ड्राफ्ट/राशियों की पावती के प्राप्ति के तीन दिनों के भीतर ही आरबीआई, केंद्रीय खाता अनुभाग को अभिदान राशि भेजी जाए। 2.2 दैनिक सूचना, सापेक्ष बांड लेजर खातों की विशिष्ट संख्या, राशि, नियत तिथि जिस पर सीएएस, नागपुर को प्रेषण से संबंधित है, और विभिन्न अन्य विवरण लिंक सेल द्वारा ई-कुबेर में अपलोड करने के लिए एएससीआईआई फाइल प्रारूप के साथ भौतिक प्रारूप में सीएएस, नागपुर को भेजे जाएंगे। 2.3 संबन्धित ड्राफ्ट/चेक/धन की प्राप्ति की तारीख से तीन दिन के बाद प्रेषण/ सरकारी खाते को क्रेडिट हेतु अभिदान की रिपोर्टिंग में देरी पर अभिदान की प्राप्ति के तारीख से सीएएस को वास्तविक रिपोर्टिंग तक वर्तमान कूपन दर पर दंडात्मक ब्याज लगेगा। दंडात्मक ब्याज आरओ से सीएएस द्वारा वसूल किया जाएगा। 3. नामांकन 3.1 नामांकन और इसका निरसन, सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2006 (2006 का 38) और 1 दिसंबर, 2007 को भारत के राजपत्र के खंड 4 के भाग III में प्रकाशित सरकारी प्रतिभूति विनियमन, 2007 के अनुसार किया जाएगा। प्राप्तकर्ता कार्यालयों निर्धारित फॉर्म सी में अभिदानकर्ता द्वारा किए गए नामांकन पंजीकृत किए जाएंगे। (26 जून, 2020 के भारत सरकार की अधिसूचना का अनुलग्नक 4)। 3.2 इस उद्देश्य के लिए, अनुलग्नक III में दिये गए प्रोफ़ार्मा के अनुसार “नामांकन रजिस्टर’ व्यवस्थित किया जाएगा। शाखाओं द्वारा नामांकन की जांच यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा कि -
4. नामांकन का निरसन 4.1 यदि बॉन्ड लेजर खाते का धारक निर्धारित फॉर्म डी में वर्तमान नामांकन के निरसन हेतु आवेदन करता है (26 जून, 2020 के भारत सरकार की अधिसूचना के अनुलग्नक 5), इसकी जांच यह देखने के लिए की जाएगी:
4.2 यदि फॉर्म सही है, नामांकन रजिस्टर (अनुलग्नक III) में उचित कॉलम में निष्कासन की प्रविष्टि की जाएगी और शाखा के नाम का संकेत देने वाला रबर स्टैंप और नामांकन रद्द दिनांक ................... के फॉर्म के अनुसार नामांकन रद्द किया जाएगा, को (क) मूल नामांकन के फॉर्म और (ख) नामांकन के निरसन का फॉर्म पर लगाया जाएगा। 4.3 निरसन के फॉर्म में उपलब्ध पावती, धारक को उस के बाद जारी किया जाएगा। 4.4 नामांकन के निरसन के सभी फॉर्म मूल नामांकन फॉर्म के साथ फाइल किए जाएंगे। 5. वर्तमान नामांकन का परिवर्तन धारक फॉर्म सी (भारत सरकार की अधिसूचना 26 जून,2020 के अनुलग्नक 4) में नवीन नामांकन के प्रस्तुतीकरण से वर्तमान नामांकन को परिवर्तित कर सकता है। इसकी जांच की जाए और मूल नामांकन की तरह ही कार्रवाई की जाए। नामांकन रजिस्टर (परिशिष्ट III) में उचित प्रविष्टि की जाएगी और ऊपर दिए गए पैराग्राफ 4.3 में उपलब्ध रबर स्टैंप उचित प्रमाणीकरण के तहत नए नामांकन फॉर्म पर लगाया जाए। नए पंजीकरण संख्या को इंगित करने वाली एक नई पावती बांड धारक को जारी की जाएगी। 6. नामिती/नामितियों के दावे को मान्यता 6.1 धारक की मृत्यु होने पर, नामित/नामितियों के दावे सरकारी प्रतिभूति अधिनियम 2006 के साथ सरकारी प्रतिभूति विनियमन 2007 के अध्याय III के अनुसार होगा। 6.2 यदि बॉन्ड लेजर खाते के रूप में रखे बॉन्ड पुनर्भुगतान के लिए परिपक्व नहीं हुए है, नामित/नामितों का नाम खाते धारक के रूप में बदल दिया जाएगा और उचित प्राधिकरण के अंतर्गत नवीन सीओएच जारी किया जाएगा। ऐसे मामलों में कोई नया बॉन्ड लेजर खाता नहीं खोला जाएगा। 6.3 यदि बॉन्ड लेजर खाते में रखे बॉन्ड पहले से परिपक्व हो गए है, तो नामितियों को उनसे उचित डिस्चार्ज प्राप्त कर उन्हें पुनर्भुगतान करेंगे। नामिती का डिस्चार्ज मजिस्ट्रेट/उनके बैंकरों द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए। 6.4 जहां पर नामिती एनआरआई है, धारक की मृत्यु की दशा में, खाता नामित के नाम पर हस्तानांतरित हो जाएगा और बॉन्ड परिपक्वता तक रखेगा तथा फेमा दिशानिर्देश के प्रावधानों के अनुसार ब्याज/ परिपक्वता आगम किया जाएगा। 7. मृतक धारक की दशा में दावे को मान्यता (जहां कोई मान्य नामांकन न हो) 7.1 मृत एकमात्र धारक या संयुक्त धारकों के बांड को हकदारी की मान्यता और संयुक्त धारकों या कई आदाता के जीवित बचे लोगों के अधिकार, सरकारी प्रतिभूति अधिनियम 2006 की धारा 7 और 8 के प्रावधानों के साथ सरकारी प्रतिभूति विनियम 2007 के नियमन 6 के अनुसार होगा। 7.2 एक बार आरओ द्वारा दावा प्राप्त होने के बाद, यह जीएस अधिनियम 2006 की धारा 7 और सरकारी प्रतिभूति विनियमन 2007 के विनियमन 6 के संदर्भ में दावेदारी को मान्यता दे सकता है, जो वैधता, वास्तविकता और अंतिमता के संबंध में इसकी संतुष्टि के अधीन है, बशर्ते कि इस तरह के बांड के संबंध में ऐसे बॉन्ड के संबंध में और दावेदारी को प्रमाणित करने के लिए आवश्यक सभी दस्तावेजों के प्रस्तुत करने पर कोई प्रतिद्वंद्वी दावेदारी न हो। इस उद्देश्य के लिए, यह किसी अन्य दस्तावेज़ या घोषणा की मांग कर सकता है, जैसा भी आवश्यक हो। दावेदार के लिए यह भी अपेक्षित है कि यथावश्यक ऐसे राशि के लिए क्षतिपूर्ति बॉन्ड उपलब्ध करना होगा, यदि आवश्यक है। 7.3 संदेह की स्थिति में, मामले को पूरे विवरण के साथ आरबीआई, आईडीएमडी को भेजा जाएगा। 8. ब्याज का भुगतान 8.1 प्राप्तकर्ता बैंक/कार्यालय द्वारा बॉन्ड लेजर खाते को देखा जाएगा। 8.2 बॉन्ड पर ब्याज अभिदान की तारीख से उपचित होगा। 8.3 बॉन्ड जारी होने की तिथि से ब्याज अर्धवार्षिक अंतराल अर्थात 30 जून/ 31 दिसंबर की अवधि तक जैसी भी स्थिति हो, पर देय होगा, और उसके बाद 30 जून/31 दिसंबर को समाप्त होने वाली अर्धवार्षिक अवधि के लिए क्रमशः 1 जुलाई और 1 जनवरी को देय होगा। 8.4 ब्याज दर संबन्धित एनएससी दर से अधिक (+) 35 बीपीएस के प्रसार के साथ प्रचलित राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) दर के साथ जोड़ी गई है। 8.5 ब्याज दर छह महीनों में पुनः निर्धारित की जाएगी, धारक के बैंक खाते में सीधे क्रेडिट द्वारा 1 जनवरी, 2021 को पहली बार पुनः निर्धारित किया जा रहा है। 1 जनवरी 2021 को भुगतान योग्य ब्याज 7.15% पर निर्धारित किया गया है। 8.6 खंडित अवधि/ विगत छमाही के लिए ब्याज मूल के साथ भुगतान किया जाएगा। 8.7 संचयी आधार पर ब्याज भुगतान करने का कोई विकल्प नहीं है। 8.8 यदि कूपन के भुगतान की तारीख रविवार या किसी छुट्टी पर पड़ती है, तो कूपन भुगतान अगले कार्यकारी दिवस पर करना होगा। 8.9 जब तक आवेदन पत्र में आवेदक द्वारा आयकर अधिनियम, 1961 के संबंधित प्रावधानों के तहत छूट प्राप्ति की घोषणा नहीं की जाती है, तब तक ब्याज का भुगतान करते समय स्रोत पर कर काट लिया जाएगा। 9. बॉन्ड का पुनर्भुगतान 9.1 बॉन्ड अभिदान की तारीख से 7 वर्ष की समाप्ति पर प्रतिदेय होगा। बॉन्ड की परिपक्वता के बाद कोई ब्याज उपचित नहीं होगा। 9.2 आरओ बांड धारक को एक सलाह जारी करेगा जो उस तारीख से कम से कम एक महीने पहले अपने बांड की आगामी परिपक्वता को निर्दिष्ट करता है जिस पर बीएलए के तहत निवेश, पुनर्भुगतान के लिए देय है। अतः बैंक निवेशकों को यह भी सूचित करेंगे कि निवेश सलाह में निवेश परिपक्वता के बाद के ब्याज को प्रमुखता से नहीं लेता है। 9.3 यह सुनिश्चित किया जाए कि बीएलए के संदर्भ में केवल सूचनाएँ भेजी जाए जो व्यवधान से मुक्त हो। 9.4 बैंक मोचन के समय विधिवत अवमुक्त सीओएच पर जोर नहीं दे सकते हैं। 9.5 बीएलए के धारक को परिपक्वता आय का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक मोड द्वारा मोचन की नियत तिथि पर धारक के खाते में क्रेडिट द्वारा किया जाएगा। 9.6 परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881 (Negotiable Instrument Act, 1881) के अंतर्गत परिपक्व तिथि राज्य सरकार द्वारा घोषित छुट्टी या रविवार होने की दशा में, परिपक्वता आगम विगत कार्यकारी दिवस पर भुगतान किया जाएगा। 9.7 संबन्धित प्राप्तकर्ता कार्यालय के शाखा जो बीएलए व्यवस्थित रख रहे हो, द्वारा पुनर्भुगतान किया जाएगा। निवेश के समापन का विवरण जैसे तारीख और राशि इत्यादि प्राप्तकर्ता कार्यालय द्वारा व्यवस्थित किया जाएगा। 9.8 यदि समान बीएलए के सापेक्ष कई निवेश किए गए हैं, तो उसमे व्यैकतिक निवेश का मोचन प्रदर्शित होगा और बीएलए सं., परिपक्वता की तारीख और व्यैकतिक निवेशों के संबंध में राशि को प्रदर्शित करने वाला एक नवीन सीओएच जारी होगा और निवेशक को दे दिया जाएगा। यह सुनिश्चित होना चाहिए कि बीएलए में प्रदर्शित बकाया राशि और धारिता विवरण समान हो। 9.9 खंडित अवधि/पिछले अर्धवार्षिक के लिए ब्याज का भुगतान मूलधन के साथ किया जाएगा। 9.10 बीएलए के संयुक्त धारक का परिपक्वता आगम को उनके द्वारा दिये गए विवरण के अनुसार निवेशक के बैंक खाते में क्रेडिट किया जाएगा। 9.11 प्राप्तकर्ता कार्यालय द्वारा लागू कूपन दर पर ब्याज/परिपक्व मूल्य के देर से प्राप्ति /देरी होने के कारण हुए वित्तीय हानि के लिए निवेशक को मुआवजा देगा। 10. समयपूर्व नकदीकरण 10.1 बांड के समय से पहले नकदीकरण की सुविधा पात्र निवेशकों को 80 वर्ष और उससे अधिक,70 से 80 वर्ष और 60 से 70 वर्ष के बीच आयु वर्ग में क्रमशः अवरुद्धता अवधि (लॉक-इन) के 4, 5 और 6 वर्ष बाद उपलब्ध है। 10.2 पात्र निवेशक संबन्धित लॉक-इन अवधि के अनुसार 8वीं, 10वीं और 12वीं अर्धवार्षिक अवधि के बाद किसी भी समय बॉन्ड को अभ्यर्पित कर सकते हैं लेकिन प्रतिदान का भुगतान आगामी ब्याज भुगतान की निर्धारित तिथि पर किया जाएगा। इस प्रकार भुगतान की प्रभावी तिथि प्रत्येक वर्ष 1 जनवरी और 1 जुलाई होगी। 10.3 निवेशक जो समयपूर्व नकदीकरण की सुविधा प्राप्त करना चाहता है तो प्राप्तकर्ता कार्यालयों के संतुष्टि के लिए उनके जन्म तिथि के पक्ष में दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत करने होंगे। 10.4 समयपूर्व नकदीकरण की तारीख पर आयु-मापदंड लागू होगा। संयुक्त धारिता के दशा में, समयपूर्व नकदीकरण की तारीख पर कम से कम एक निवेशक मापदंड को पूरा कर रहा हो। 10.5 होल्डिंग अवधि की अंतिम छह महीने की अवधि के लिए देय ब्याज और भुगतान योग्य का 50% समय से पहले नकदीकरण लिए निवेशक से दंड के रूप में वसूल किया जाएगा। 10.6 निवेशकों को किसी भी एक आवेदन पर किए गए निवेश की पूरी राशि निकालने की अनुमति है। तथापि, यदि किसी धारक के पास उक्त बीएलए में कई निवेश हैं, तो वह एक या अधिक निवेश की पूरी राशि को समय से पहले नकदीकरण के लिए एक या अधिक अनुरोध कर सकता है, जिसने 26 जून 2020 के भारत सरकार की अधिसूचना के अनुसार जारी करने की तारीख से न्यूनतम अवरुद्धता अवधि (लॉक-इन) पूरी कर ली है। 10.7 एक आवेदन पर निवेश किए गए राशि का आंशिक नकदीकरण की अनुमति नहीं है। 10.8 निवेशक को पूरी राशि का समयपूर्व नकदीकरण के लिए एक अनुरोध प्रस्तुत करना होगा। 11. सीएएस, आरबीआई, नागपुर से ब्याज/मूलधन भुगतान के प्रतिपूर्ति हेतु दावे: 11.1 ब्याज/मूलधन भुगतान करने वाले प्राप्तकर्ता कार्यालयों की शाखाएं अपने लिंक सेल के माध्यम से सीएएस, आरबीआई, नागपुर से प्रतिपूर्ति का दावा करेंगी, जो किए गए भुगतानों का लेखावार विवरण देंगी। (बॉन्ड लेजर खाता संख्या, निवेश की राशि जिस पर ब्याज का भुगतान किया गया है और ब्याज की राशि) अलग से। 11.2 इस संबंध में योजना (परिशिष्ट IV एवं V के अनुसार) को देखने वाले प्राप्त कार्यालयों की शाखाओं द्वारा ब्याज/मूल भुगतान स्क्रॉल तैयार किए जाएंगे और संबन्धित कार्यालयों को उपलब्ध कराया जाएगा। 11.3 संपर्क कार्यालय विभिन्न शाखाओं से प्राप्त स्क्रॉल का मिलान करेंगे और समेकित शाखावर स्क्रॉल तैयार करेंगे। ऐसे समेकित स्क्रॉल निवेशकों को किए गए भुगतान की वास्तविक तारीख सूचित करेंगे। समेकित दावेदारी की सॉफ्ट प्रति एएससीआईआई फाइल प्रारूप में और ब्याज/मूलधन के प्रतिपूर्ति हेतु समेकित दावे की भौतिक अधिदेश, संपर्क कार्यालय द्वारा सीएएस, आरबीआई, नागपुर को भेजा जाएगा। 11.4 दावेदारी का आंतरिक/ समवर्ती लेखापरीक्षकों से उचित रूप से समर्थित होना चाहिए कि ब्याज/मूलधन भुगतान आंकड़े 100% प्रमाणित हो, राशि का निवेशकों को पहले से भुगतान किया जा चुका हो और देरी के मामले में, निवेशकों को मुआवजा दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, लेखापरीक्षकों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि विगत किसी दावे में राशि को पहले क्लेम नहीं किया गया है। 11.5 शाखाओं से प्राप्त प्रत्येक स्क्रॉल की प्रति के साथ समेकित स्क्रॉल की हार्ड प्रति, लेखा नियंत्रक, आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय, नई दिल्ली को लिंक कार्यालय द्वारा प्रेषित किया जाए और उक्त की सॉफ्ट प्रति आरबीआई के ईमेल को भेजी जाए। समेकित स्क्रॉल और शाखा के स्क्रॉल की प्रति संपर्क कार्यालय द्वारा अपने रिकार्ड के लिए रखी जानी चाहिए। 11.6 शाखाओं द्वारा ब्याज/मूलधन के भूगतान के एक माह के अंदर ही प्रतिपूर्ति का दावा कर देना चाहिए। एक माह के बाद प्राप्त दावों पर 0.5% का दंड लगाया जाएगा और सीएएस, नागपुर द्वारा वसूल किया जाएगा। 12. लेखांकन ब्याज और मूलधन भुगतान का अलग से लेखा-जोखा देना होगा और स्क्रॉल अलग से आहरित किया जाएगा और ऑडिट/सत्यापन के लिए रिकार्ड रखा जाए। 13. रिपोर्टिंग एवं समाशोधन आरओ अनुलग्नक VI में दिये गए प्रारूप के अनुसार मासिक आधार आर योजना के अंतर्गत बीएलए के संदर्भ में भुगतान और बकाया दिखाने वाले विवरण को तैयार करेंगे और इसकी सॉफ्ट प्रति आरबीआई को ईमेल पर प्रस्तुत करेंगे और अपने संपर्क कार्यालय के माध्यम से लेखा नियंत्रक, आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार को हार्ड प्रति भेंजेंगे। ब्याज और मूलधन से संबन्धि पुनर्भुगतान स्क्रॉल अनुलग्नक IV एवं V के अनुसार अलग से आहरित किया जाए और विवरण के साथ संलग्न हो। 14. ब्रोकर्स/उप-अभिकर्ता की नियुक्ति और ब्रोकरेज का भुगतान 14.1 आरओ ब्रोकर्स के मनोनयन हेतु बोर्ड अनुमोदित नीति के अनुसार एफ़आरएसबी 2020 (टी) हेतु आवेदन स्वीकार करने के लिए ब्रोकर्स/उप-अभिकर्ता को नियुक्त करेगा। 14.2 प्राप्तकर्ता कार्यालय को ब्रोकर के लिए कोड सं. आवंटित करनी चाहिए जो कि ब्रोकरेज के दावे के लिए प्राप्तकर्ता कार्यालय पर प्रस्तुत सभी आवेदनों पर ब्रोकर द्वारा उद्धृत किया गया हो। 14.3 जहां पर आरओ अन्य बैंक/संस्थाओं के ब्रोकर या अभिकर्ता (एजेंट) के रूप में कार्य कर रहा हो, प्राप्तकर्ता कार्यालय जिन्होंने उन्हे नियुक्त किया है, वे एजेंट/ब्रोकर के रूप में अपनी गतिविधियों के लिए स्वयं उत्तरदायी है, आरबीआई का नाम ऐसे एजेंट/ब्रोकरों द्वारा प्रयोग नहीं किया जाएगा। 14.4 जुटाई गई राशि का 0.5% की दर से ब्रोकरेज प्राप्तकर्ता कार्यालय को भुगतान की जाएगी। प्राप्तकर्ता कार्यालय प्राप्त ब्रोकरेज का कम से कम 50 प्रतिशत अपने साथ पंजीकृत ब्रोकर्स/सब ब्रोकर्स को साझा करेंगे, जो ब्रोकर्स/सब-ब्रोकर्स को अपने द्वारा मुहर लगे ग्राहको के आवेदनों से प्राप्त हुआ है। 14.5 निवेशकों/आवेदकों के ब्रोकर होने की दशा में कोई ब्रोकरेज का भुगतान नहीं किया जाएगा। 15. सीएएस, नागपुर से किए जाने वाले दावे का पारितोषिक 15.1 आरओ नीचे दिये गए प्रभारों/आवधिकता की सूची के अनुसार बचत बॉन्ड योजना के प्रबंधन हेतु निम्न राशि का भुगतान करेगा:
16. अभिलेखों की परिरक्षण अवधि वह अवधि जिसके लिए बॉन्ड लेजर खाते के संदर्भ में अनुरक्षित किया जाएगा, निम्न है-
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