भारत में एफसीएनआर (B) जमा धारियों को विदेशी मुद्रा में ऋण देना - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में एफसीएनआर (B) जमा धारियों को विदेशी मुद्रा में ऋण देना
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.24 सितंबर 25, 2002 सेवा में महोदया / महोदय भारत में एफसीएनआर (B) प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 3 मई 2000 की रिज़र्व बैंक की अधिसूचना फेमा 3/2000-आरबी के विनियम 4 के उप-विनियम 1(v) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार किसी प्राधिकृत व्यापारी की भारत से बाहर की शाखा की विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 के अनुसार एनआरई / एफसीएनआर जमा खातों में निधियों को जमानत रखकर विदेशी मुद्रा में ऋण देने की शक्ति प्रदान की गई थी । 2. भारत में खाता धारकों के लिए उक्त सुविधा का विस्तार करने के विचार से अब यह निर्णय किया गया है कि प्राधिकृत व्यापारी अनुबध्द में दिए निदेशों के अधीन एफसीएनआर (B) जमा खातों में जमा निधियों को जमानत रखकर केवल खाता धारकों को विदेशी मुद्रा में ऋण दे सकते है । और यह भी कि अनिवासी जमा रकम के बदले ऋण देने हेतु प्राधिकृत व्यापारियों को बैंकिंग पर्यवेक्षण विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी 21 मई 2002 के परिपत्र डीबीएस, एफजीवी (F) सं.बीसी. 13/23.04.001/2001ञ02 में दिए गए अनुदेशों के अनुपालन के साथ-साथ अनिवासी जमा राशियों के बदले ऋण देते समय बैंकों को सावधानी बरतना होगा । 3. उपर संदर्भित विनियमों के संशोधन के लिए अधिसूचना अलग से जारी की जा रही है । 4. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु की जानकारी अपने सभी ग्राहकों को दे दें । 5. इस परिपत्र में अन्तर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत जारी किए गए है । भवदीया ग्रेस कोशी |