भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश – 'समूह कंपनी' की परिभाषा - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश – 'समूह कंपनी' की परिभाषा
भारिबैंक/2013-14/356 1 नवंबर 2013 सभी श्रेणी -। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश – 'समूह कंपनी' की परिभाषा प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.20/2000-आरबी के जरिये रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता है। 2. वर्तमान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति की अब समीक्षा की गयी है और यह निर्णय लिया गया है कि 'समूह कंपनी' की निम्न परिभाषा को शामिल किया जाए; 'समूह कंपनी' का अर्थ दो अथवा अधिक उद्यमों से है जो प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से:
3. औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इस संबंध में जारी 3 जून 2013 के प्रेस नोट सं. 2 (2013 सीरीज़) की प्रतिलिपि संलग्न है। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों/घटकों को अवगत कराने का कष्ट करें। 5. रिज़र्व बैंक ने विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2013 द्वारा अब उक्त विनियमावली को तदनुसार संशोधित किया है जो 11 अक्तूबर 2013 के जीएसआर सं. 683(ई) के जरिए 4 अक्तूबर 2013 की अधिसूचना सं. फेमा.292/ 2013-आरबी के द्वारा अधिसूचित की गयी है। 6. इस परिपत्र में समाहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा),1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं। भवदीय, (रुद्र नारायण कर) |