भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) - सरकारी मार्ग के तहत अनुमत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना के अंतर्गत ईक्विटी शेयर जारी करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) - सरकारी मार्ग के तहत अनुमत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना के अंतर्गत ईक्विटी शेयर जारी करना
भारिबैंक/2010-11/586 30 जून 2011 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक महोदया/महोदय, भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(एफडीआइ) - सरकारी मार्ग के तहत प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। (एडी श्रेणी-।) बैंकों का ध्यान, समय समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000 आरबी- के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की ओर आकृष्ट किया जाता है । 2. पूर्वोक्त अधिसूचना की अनुसूची 1 के अनुसार, कोई भारतीय कंपनी, स्वत: अनुमोदन मार्ग के तहत, भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति को प्रौद्यौगिकी/तकनीकी जानकारी प्रदाता होने के कारण तथा भुगतान के लिए देय रॉयल्टी/एकमुश्त फीस के बदले ईक्विटी शेयर/अधिमानी शेयर, प्रवेश मार्ग, सैक्टोरेल कैप, कीमत निर्धारण दिशा-निर्देश तथा लागू कर कानूनों के अनुपालन जैसी कतिपय शर्तों के तहत जारी कर सकती है । 3. सरकारी मार्ग के तहत ईक्विटी शेयर/अधिमानी शेयर जारी करने के मौजूदा दिशा-निर्देशों की भारत सरकार के परामर्श से पुनरीक्षा की गयी है और, तदनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना के सरकारी मार्ग के तहत निम्नलिखित श्रेणियों के लेनदेनों के लिए ईक्विटी शेयर/अधिमानी शेयर जारी करने की अनुमति दी जाए : (I) निम्नलिखित शर्तों के अनुपालन के अधीन पूँजीगत माल/मशीनरी/उपकरणों (पुरानी मशीनरी सहित)के आयात: (ए) भारत में किसी निवासी द्वारा पूँजीगत माल/मशीनरी, आदि का आयात विदेश व्यापार महानिदेशालय द्वारा यथा अधिसूचित भारत सरकार द्वारा जारी निर्यात/आयात नीति तथा विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 के तहत आयात करने के संबंध में रिज़र्व बैंक द्वारा जारी विनियमों के अनुसार किया गया हो; (बी) ऐसे आयातित पूँजीगत माल/मशीनरी/उपकरणों (पुरानी मशीनरी सहित) का स्वतंत्र मूल्यांकन किसी तीसरी पार्टी संस्था (कंपनी), अधिमानत: जिस देश से आयात किया जा रहा है उसके किसी स्वतंत्र मूल्यांकन कर्ता द्वारा किए गए मूल्यांकन और ऐसे आयातों का उचित मूल्य निर्धारण करने के संबंध में सीमा शुल्क प्राधिकारियों द्वारा जारी दस्तावेजों/प्रमाणपत्रों की प्रतिलिपि के साथ प्रस्तुत किया गया हो; (सी) आवेदनपत्र में लाभकारी स्वामित्व तथा आयातक कंपनी एवं विदेशी संस्था की पहचान स्पष्ट रूप से दर्शायी जानी चाहिए । (डी) विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के तहत पूँजीगत माल के किए गए आयात संबंधी देय/भुगतान योग्य सभी परिवर्तन माल के लदने की तारीख से 180 दिनों के भीतर पूरे हो जाने चाहिए । (II) निम्नलिखित शर्तों के पालन के अधीन परिचालनपूर्व/निगमनपूर्व व्यय (किराये के भुगतान, आदि सहित) किये जा सकते हैं: (ए) किये गये व्यय के लिए विदेशी प्रवर्तकों द्वारा निधियों के प्रेषण के लिए विदेशी आवक प्रेषण प्रमाणपत्र का प्रस्तुतीकरण; (बी) सांविधिक लेखा-परीक्षक द्वारा निगमनपूर्व/ परिचालनपूर्व व्ययों का सत्यापन तथा प्रमाणीकरण; (सी) विदेशी निवेशक द्वारा भुगतान सीधे कंपनी को किया जाना चाहिए । बैंक खाता न होने अथवा इसी प्रकार के कारण देते हुए तीसरी पार्टियों द्वारा किए गए भुगतान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तहत शेयर जारी करने हेतु पात्र नहीं होंगे; और (डी) मौजूदा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तहत ईक्विटी जारी करने के बाबत अग्रिम रोक रखने के लिए अनुमत 180 दिनों की विनिर्दिष्ट अवधि के भीतर पूँजीकरण पूर्ण होना चाहिए । 4. (i) रूपांतरण के लिए सभी अनुरोधों के साथ कंपनी का विशेष प्रस्ताव संलग्न होना चाहिए । (ii) रिज़र्व बैंक द्वारा जारी कीमत निर्धारण संबंधी दिशा-निर्देशों तथा यथोचित कर बेबाकी (टैक्स क्लियरेंस) की शर्त पूरी होने के तहत सरकार का अनुमोदन प्राप्त होगा । 5. ये निर्देश औद्यौगिक नीति और संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी 31 मार्च 2011 के समेकित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति परिपत्र 1 के संबंधित पैराग्राफों के तहत जारी किये गये हैं । 6. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी । बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों और ग्राहकों को अवगत करायें । 7. 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2004 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किये जाएंगे। 8. इस परिपत्र में समाहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं । भवदीया, (मीना हेमचंद्र) |