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भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश - प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति की समीक्षा - सेक्टर विशेष संबंधी शर्तें – विनिर्माण विकास (Construction Development)

भारिबैंक/2014-15/420
ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं. 60

22 जनवरी 2015

सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय,

भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश - प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति की समीक्षा -
सेक्टर विशेष संबंधी शर्तें – विनिर्माण विकास (Construction Development)

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.20/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की अनुसूची 1 के संलग्नक "बी" की ओर आकृष्ट किया जाता है। उक्त अधिसूचना की अनुसूची 1 के अनुसार विनिर्माण विकास क्षेत्र में स्वचालित मार्ग के अंतर्गत निम्नलिखित शर्तों के तहत 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दी गई है।

2. विनिर्माण विकास क्षेत्र में मौजूदा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति की अब समीक्षा की गई है। तदनुसार, 3 दिसंबर 2014 के प्रेस नोट 10 (2014 सीरीज) में विनिर्दिष्ट शर्तों के तहत विनिर्माण विकास क्षेत्र में स्वचालित मार्ग से 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति 3 दिसंबर 2014 से दी जाएगी।

3. औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सकरार द्वारा इस संबंध में जारी 3 दिसंबर 2014 के प्रेस नोट सं. 10 की प्रतिलिपि संलग्न है।

4. 22 दिसंबर 2014 के जीएसआर सं. 906(ई) के जरिए रिज़र्व बैंक ने 8 दिसंबर 2014 की अधिसूचना सं. फेमा. 329/2014-आरबी के द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम)(सोलहवां संशोधन) विनियमावली, 2014 के मार्फत अब मूल विनियमावली को संशोधित कर दिया है।

5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबन्धित घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं ।

6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं।

भवदीय,

(बी॰पी॰कानूनगो)
प्रधान मुख्य महाप्रबंधक

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