प्रत्यक्ष विदेशी निवेश-प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना के अंतर्गत e-Biz प्लेटफार्म पर रिपोर्टिंग - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश-प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना के अंतर्गत e-Biz प्लेटफार्म पर रिपोर्टिंग
भारिबैंक/2014-15/561 17 अप्रैल 2015 सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश-प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना के अंतर्गत e-Biz प्लेटफार्म पर रिपोर्टिंग प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.20/2000-आरबी के मार्फत रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 के उपबंधों की ओर आकृष्ट किया जाता है। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 12 फरवरी 2015 के ए.पी. (डीआआर सीरीज) परिपत्र सं.77 की ओर भी आकृष्ट किया जाता है जिसमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना के अंतर्गत अग्रिम विप्रेषण फार्म (ARF) एवं एफसीजीपीआर फार्म की रिपोर्टिंग को भारत सरकार के e-Biz प्लेटफार्म पर सक्रिय करने के संबंध में सूचित किया गया है। 2. उल्लिखित ए.पी. (डीआआर सीरीज) परिपत्र के पैराग्राफ 5 के संदर्भ में, यह सूचित किया जाता है कि e-Biz पोर्टल पर एक्स्सेस के लिए NIC से प्राप्त वर्चुअल प्रायवेट नेटवर्क (VPN) खाते का प्रयोग करने से संबंधित वित्तीय पहलुओं को भारत सरकार, औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग तथा NIC के परामर्श से अंतिम रूप दिया गया है। ब्योरा इस प्रकार है: i. VPN खाते प्रत्येक यूजर के नाम में होंगे एवं IDRBT हैदराबाद द्वारा जारी डिजिटल साइनिंग (क्लास 2) प्रमाणपत्रों की कालावधि (जो अधिकतम दो सालों के लिए होती है) के साथ समाप्त हो जाएंगे; ii. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों से अपेक्षित होगा कि वे (प्रति दो सालों की अवधि के लिए रु. 9654/- प्रति VPN खाते के हिसाब से) राशि अग्रिम तौर पर (NEFT/RTGS के द्वारा) NICSI के बैंक खाते में सीधे जमा करें, जिसका ब्योरा नीचे दिया गया है:
iii. भुगतान करने के बाद, प्राधिकृत व्यापारी बैंक "भुगतान संदर्भ फार्म (PRF) में ब्योरे भरेंगे और उसे संदर्भित ई-मेल पर अग्रसारित करें। फार्म की प्रतिलिपि परिपत्र के अनुबंध के रूप में दी गई है। iv. प्राधिकृत व्यापारी बैंक नोट करें कि कनेक्शनों की संख्या, NICSI को विप्रेषित राशि, आदि से संबंधित ब्योरे वे अपने पास रखें। इससे मिलान संबंधी, यदि कोई, मामला होगा तो उसे उपर्युक्त ई-मेल पते पर NICSI को लिखकर निपटाया जा सकता है। 3. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किये गये हैं। भवदीय, (बी.पी.कानूनगो) |