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प्रत्यक्ष विदेशी निवेश-प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना के अंतर्गत e-Biz प्लेटफार्म पर रिपोर्टिंग

भारिबैंक/2014-15/468
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 77

12 फरवरी 2015

सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय,

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश-प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना के अंतर्गत e-Biz प्लेटफार्म पर रिपोर्टिंग

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.20/2000-आरबी के मार्फत रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 के उपबंधों की ओर आकृष्ट किया जाता है। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 11 फरवरी 2014 के ए.पी.(डीआआर सीरीज) परिपत्र सं.102 एवं 18 जुलाई 2014 के ए.पी.(डीआआर सीरीज) परिपत्र सं. 6 की ओर भी आकृष्ट किया जाता है।

2. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के अंतर्गत हुए लेनदेनों की रिपोर्टिंग में सरलता के लिए, भारतीय रिज़र्व बैंक ने भारत सरकार की e-Biz परियोजना के तत्वावधान में/के अंतर्गत, भारतीय रिज़र्व बैंक के पास निम्नलिखित विवरणियों की फाइलिंग की सुविधा प्रदान करायी है अर्थात:

  • अग्रिम विप्रेषण फार्म (ARF): कंपनियों द्वारा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के इन्फ्लो को भारतीय रिज़र्व को रिपोर्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला फार्म; और

  • एफसीजीपीआर फार्म: उल्लिखित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के बदले ओवरसीज़ निवेशक को जारी किए जाने वाले पात्र लिखतों की रिपोर्ट कंपनी द्वारा भारतीय रिज़र्व को प्रस्तुत किया जाने वाला फार्म।

3. रिपोर्टिंग प्लेटफार्म का डिज़ाइन ग्राहक को e-Biz पोर्टल पर लागिन (login) करने, रिपोर्टिंग फार्मों (ARF और FCGPR) को डाउनलोड करने, उन्हें भरने/पूरा करने और डिजिटल रूप में अपने हस्ताक्षरित प्रमाणपत्र को पोर्टल पर अपलोड करने की सुविधा देता है। प्राधिकृत व्यापारी बैंकों से अपेक्षित होगा कि वे पूर्ण हुए फार्म/फार्मों को डानलोड करें, उपलब्ध दस्तावेजों से उन्हें प्रमाणित करें, यदि आवश्यक हो, तो ग्राहक/कों से अतिरिक्त सूचना मांगें एवं तदुपरांत उन्हें अपलोड करें ताकि भारतीय रिज़र्व बैंक उन पर कार्रवाई कर सके एवं यूआाईएन (UIN) आबंटित कर सके। यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय रिज़र्व बैंक की ARF एवं FCGPR सेवाएं 19 फरवरी 2015 से e-Biz प्लेटफार्म पर परिचालनीय हों/कार्य करने लगें। इन दोनों सेवाओं संबंधी मैन्युअल इस परिपत्र के साथ अनुलग्न है।

4. यह नोट किया जाए कि संप्रति, e-Biz प्लेटफार्म पर आनलाइन रिपोर्टिंग भारतीय कंपनियों को ARF और FCGPR रिपोर्टिंग करने के लिए एक अतिरिक्त सुविधा के रूप में दी गई है और 11 फरवरी 2014 के ए.पी.(डीआआर सीरीज) परिपत्र सं.102 के अनुसार विनिर्दिष्ट मैन्युअल रिपोर्टिंग प्रणाली अग्रिम सूचना तक जारी रहेगी।

5. प्राधिकृत व्यापारियों से अपेक्षित होगा कि वे NIC से प्राप्त वर्चुअल प्रायवेट नेटवर्क (VPN) खाते का प्रयोग करते हुए (नेशनल इंफार्मैटिक्स सेंटर सर्वर पर होस्ट) e-Biz पोर्टल को एक्सेस करें । वर्चुअल प्रायवेट नेटवर्क (VPN) खाते की प्राप्ति संबंधी वित्तीय पहलुओं को भारत सरकार, औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (DIPP) तथा NIC के परामर्श से अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसे यथा समय सूचित किया जाएगा।

6. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों एवं घटकों को अवगत कराएं। उन्हें यह भी सूचित किया जाता है कि वे अपने ग्राहकों को e-Biz प्लेटफार्म पर उक्त फार्म अपलोड करने में सहायोग/सहायता करें।

7. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं।

भवदीय,

(सी.डी.श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक

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