प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) – प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना के अंतर्गत रिपोर्टिंग - फॉर्म एफसी - जीपीआर में संशोधन - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) – प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना के अंतर्गत रिपोर्टिंग - फॉर्म एफसी - जीपीआर में संशोधन
भारिबैंक/2013-14/490 11 फरवरी 2014 सभी श्रेणी- I प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) – प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी- I बैंकों का ध्यान, समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.20/2000-आरबी (इसके आगे अधिसूचना सं. फेमा.20 के रूप में उल्लिखित) के जरिये अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 के उपबंधों की ओर आकृष्ट किया जाता है। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी- I बैंकों का ध्यान 20 अप्रैल 2007 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.40, 30 मई 2008 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.44 तथा 12 जून 2013 के ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.110 की ओर भी आकृष्ट किया जाता है। 2. समय-समय पर यथा संशोधित, 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.20/2000-आरबी की अनुसूची - I के पैरा 9 (1)ए के अनुसार, भारतीय कंपनियों से अपेक्षित है कि वे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना के तहत शेयरों और परिवर्तनीय डिबेंचरों को जारी करने के लिए प्राप्त प्रतिफल राशि का ब्योरा रिजर्व बैंक के उस क्षेत्रीय कार्यालय, जिसके अधिकार क्षेत्र मेँ कंपनी का पंजीकृत कार्यालय कार्यरत है, को प्रतिफल राशि की प्राप्ति से 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट करें। इसके अलावा, उक्त अनुसूची के पैरा 9(1)बी के अनुसार कंपनियों से अपेक्षित है कि वे जारी किए गए शेयरों और परिवर्तनीय डिबेंचरों का ब्योरा फॉर्म एफसी-जीपीआर में, शेयरों और परिवर्तनीय डिबेंचरों के जारी होने की तारीख से 30 दिनों के भीतर, संबन्धित क्षेत्रीय कार्यालय को रिपोर्ट करें। 3. ब्राउनफील्ड (Brownfield)/ग्रीनफील्ड (Greenfield) निवेशों और निवेश प्राप्तकर्ता कंपनी के निगमन की तारीख के संबंध में एफडीआई के और व्यापक ब्योरे प्राप्त करने के लिए फार्म एफसी-जीपीआर को संशोधित किया गया है। तदनुसार, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के ब्योरे, इसके बाद, संलग्नक-I के रूप में अनुबद्ध, संशोधित फार्म एफसी-जीपीआर में रिपोर्ट किए जाएं। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों/घटकों को अवगत कराने का कष्ट करें। 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा),1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं । भवदीय, (रुद्र नारायण कर) |