पेट्रोलियम क्षेत्र और वायु परिवहन सेवाओं में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
पेट्रोलियम क्षेत्र और वायु परिवहन सेवाओं में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश
आरबीआइ/2005-06/83
ए पी(डीआइआर सिरीजॅ)परिपत्र सं.04
जुलाई 29, 2005
सेवा में
विदेशी मुद्रा का कारोबार करने के लिए प्राधिवफ्त सभी बैंक
महोदया/महोदय,
पेट्रोलियम क्षेत्र और वायु परिवहन सेवाओं में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश
प्राधिवफ्त व्यापारियों का ध्यान समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 की ओर आकर्षित किया जाता है।
2. स्वत: अनुमोदित मार्ग के तहत पेट्रोलियम क्षेत्र और वायु परिवहन सेवाओं (घरेलू कंपनियों) में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की सीमा को भारत सरकार ने और उदार बनाया है। तदनुसार, पेट्रोलियम उत्पाद विपणन, लघु और मध्यम आकार क्षेत्र में तेल की खोज और पेट्रोलियम उत्पाद पाइपलाइनों में स्वत: अनुमोदित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की अनुमति दी गई है। वायु परिवहन सेवा (घरेलू कंपनियों) क्षेत्र में स्वत: अनुमोदित मार्ग के तहत अनिवासी भारतीयों द्वारा 100 प्रतिशत और अन्यों द्वारा 49 प्रतिशत तक के विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की अनुमति दी गई है। फिर भी विदेशी हवाई कंपनियों द्वारा किसी भी प्रकार के प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष ईक्विटी सहभागिता की अनुमति नहीं होगी।
3. विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2005, मार्च 17, 2005 की अधिसूचना सं. फेमा 130/2005-आरबी सरकार के दिनांक अप्रैल 01, 2005 के जी.एस.आर सं. 201(E) (प्रतिलिपि संलग्न) द्वारा अधिसूचित की गई है।
4. प्राधिवफ्त व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें।
5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।
भवदीय
(विनय बैजल)
मुख्य मब प्रबंधक
भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई 400 001.
अधिसूचना सं.फेमा /2005-आरबी दिनांक मार्च 17, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का
अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2005
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की इसकी अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2000, में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्,
संक्षिप्त नाम और प्रारंभ
(व) यह विनियमावली विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम)(संशोधन) विनियमावली 2005 कहलाएगी।
(वव) ये सरकारी राजपत्र में अपने प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे।
2. विनियमावली में संशोधन
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 में,
क) अनुसूची 1 के संलग्नक अ में, पैरा (अ) में,
i. मद सं.1 निकाल दिया जाएगा तथा वर्तमान मद 2 से 12 को 1 से 11 के रूप में संख्या दी जाएगी।
ii. वर्तमान मद सं.2 में निम्नलिखित जोड़ा जाए, अर्थात् :
"प्रावफ्तिक गैस / एलएनजी पाइपलाइन्स"
ख) अनुसूची 1 के संलग्नक आ में दर्शाई गई सारणी में,
(व) वर्तमान मद सं.5 को मद सं. 5(व) तथा (वव) के रूप में संख्या दी जाएगी तथा निम्नलिखित शीर्षक क्षेत्र के अंतर्गत उप-मदें क्रमश: निवेश सीमा, कार्यकलाप/मदों/शर्तों का वर्णन को जोड़ा जाएगा अर्थात्:
(वव) पेट्रोलियम उत्पाद विपणन |
100% |
तेल विपणन क्षेत्र में वर्तमान सेक्टोरल नीति तथा विनियामक ढांचे के अधीन |
(ववव) छोटे तथा मध्यम दोनों आकार के क्षेत्र में तेल की खोज |
100% |
निम्नलिखित में निजी सहभागिता पर सरकार की नीति के अंतर्गत और अधीन : क) तेल की खोज तथा ख) नैशनल ऑइल कंपनियों द्वारा खोज किए गए क्षेत्र |
(वख्) पेट्रोलियम उत्पाद पाइपलाइन |
100% |
सरकार की नीति तथा उस विनियमों के अंतर्गत और अधीन |
(ववव) मद सं.21 के बाद, शीर्षक क्षेत्र, निवेश सीमा, कार्यकलाप/ मदों/ शर्तों के वर्णन शीर्षकों के अंतर्गत, निम्नलिखित क्रमश: जोड़े जाएंगे, अर्थात् :
22. हवाई परिवहन सेवाएं (घरेलू हवाई कंपनियां) |
100%-अनिवासी भारतीयों के लिए 49% - अन्य लोगों के लिए |
विदेशी हवाई कंपनियों को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष किसी भी प्रकार की ईक्विटी सहभागिता की अनुमति नहीं है। |
(एफ.आर. जोसफ)
मुख्य महाप्रबंधक
पाद टिप्पणी : मूल विनियमावली सरकारी राजपत्र में दिनांक मई 8, 2000 के जी.एस.आर. सं.406(E) में भाग घ्घ्, खंड 3, उप-खंड (व) में प्रकाशित की गई है और तत्पश्चात् निम्नानुसार संशोधित की गई है :-
दिनांक 02.03.2001 का जीएसआर सं.158(E)
दिनांक 13.03/2001 का जीएसआर सं.175(E)
दिनांक 14.03.2001 का जीएसआर सं.182(E)
दिनांक 02.01.2002 का जीएसआर सं. 4(E)
दिनांक 19.08.2002 का जीएसआर सं.574(E)
दिनांक 18.03.2003 का जीएसआर सं.223(E)
दिनांक 18.03.2003 का जीएसआर सं.225(E)
दिनांक 22.07.2003 का जीएसआर सं.558(E)
दिनांक 23.10.2003 का जीएसआर सं.835(E)
दिनांक 22.11.2003 का जीएसआर सं.899(E)
दिनांक 07.01.2004 का जीएसआर सं.12(E)
दिनांक 23.04.2004 का जीएसआर सं.278(E)
दिनांक 21.09.2004 का जीएसआर सं.625(E)
दिनांक 08.12.2004 का जीएसआर सं.799(E)
दिनांक 01.04.2005 का जीएसआर सं. 201(E)