प्रत्यक्ष विदेशी निवेश - शेयरों का अंतरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश - शेयरों का अंतरण
भारिबैंक/2011-12/247 4 नवंबर 2011 सभी श्रेणी I के प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/ महोदय, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश-शेयरों का अंतरण प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I (प्रा.व्या.श्रेणी I) बैंकों का ध्यान समय-समय पर यथा संशोधित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा. 20/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 के विनियम 9 तथा विनियम 10 की ओर आकृष्ट किया जाता है। तदनुसार, निवासी व्यक्ति द्वारा किसी अनिवासी व्यक्ति को शेयरों के अंतरण जहाँ i) अंतरण रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर विनिर्दिष्ट कीमत निर्धारण संबंधी दिशा निर्देशों के अनुरूप न हो; या ii) मौजूदा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति के अनुसार शेयरों के अंतरण के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड के पूर्व अनुमोदन की अपेक्षा हो; या iii) भारतीय कंपनी जिसके शेयर अंतरित किए जाने हैं, वह किन्ही वित्तीय सेवाओं में संलग्न हो; या iv) अंतरण सेबी (एसएएसटी) विनियमावली के उपबंधों के दायरे में आते हैं, के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है। इसके अलावा, किसी अनिवासी व्यक्ति से किसी निवासी व्यक्ति को शेयरों के अंतरण के मामले में जो भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनिर्दिष्ट कीमत निर्धारण संबंधी दिशानिर्देशों के अनुरूप न हों, उनके लिए भी भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्व अनुमोदन प्राप्त करना आवश्यक है। 2. भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को विनियमित करने वाली प्रक्रिया एवं नीतियों को और उदार तथा युक्तियुक्त बनाने के लिए अब यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय रिज़र्व बैंक की पूर्वानुमति के बिना निम्नलिखित अंतरण करने की अनुमति दी जाए: ए. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश योजना के तहत किसी अनिवासी व्यक्ति से किसी निवासी व्यक्ति को शेयरों के अंतरण जहाँ विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 के तहत कीमत निर्धारण संबंधी दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं हें, बशर्ते कि :-
बी. निवासी से अनिवासी को शेयरों का अंतरण: i) जहाँ शेयरों के अंतरण के लिए मौजूदा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति के तहत विदेशी निवेश संबर्द्धन बोर्ड का पूर्व अनुमोदन आवश्यक हो, बशर्ते कि : ए) विदेशी निवेश संबर्द्धन बोर्ड से अपेक्षित पूर्व अनुमोदन प्राप्त किया गया हो; और बी) शेयरों के अंतरण हेतु भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर विनिर्दिष्ट कीमत निर्धारण संबंधी दिशानिर्देशों एवं प्रलेखन अपेक्षाओं का पालन किया गया हो। ii) जहाँ सेबी (एसएएसटी) के दिशानिर्देश लागू हों बशर्ते भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर विनिर्दिष्ट कीमत निर्धारण संबंधी दिशानिर्देशों एवं प्रलेखन अपेक्षाओं का पालन किया गया हो। iii) जहाँ विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 के अंतर्गत कीमत निर्धारण संबंधी दिशानिर्देशों का पालन न हुआ हो, बशर्ते कि: ए) परिणामी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मौजूदा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति और विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम संबंधी विनियमावली के तहत क्षेत्रगत सीमा, शर्तों (जैसे न्यूनतम पूंजीकरण आदि), रिपोर्टिंग अपेक्षाओं, प्रलेखन आदि के अनुरूप हैं; बी) लेनदेन के लिए कीमत निर्धारण विनिर्दिष्ट/स्पष्ट, मौजूदा सेबी विनियमावली/ दिशानिर्देशों (यथा आयपीओ, बुक बिल्डिंग, ब्लाक डील्स, डिलिस्टिंग, एक्जिट, खुला प्रस्ताव/ भारी अर्जन/ सेबी एसएएसटी) के अनुरूप है; और सी) उल्लेखानुसार सेबी की संबंधित विनियमावली/के दिशानिर्देशों का अनुपालन होने संबंधी सनदी लेखाकार का प्रमाणपत्र प्राधिकृत व्यापारी के पास फाइल किए जाने वाले एफसी-टीआरएस फार्म के साथ संलग्न है। iv) जहाँ निवेशप्राप्तकर्ता कंपनी वित्तीय क्षेत्र में है, बशर्ते कि: ए) वित्तीय क्षेत्र के संबंधित विनियामकों/निवेश प्राप्तकर्ता कंपनी के विनियामकों के साथ-साथ अंतरणकर्ता और अंतरिती कंपनी (इंटिटी) से प्राप्त अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त किए जाएं तथा ऐसे अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राधिकृत व्यापारी बैंक को फार्म एफसी-टीआरएस के साथ फाइल किए जाते हैं; और बी) प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति और विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम संबंधी विनियमावली के तहत क्षेत्रगत सीमा, शर्तों (जैसे न्यूनतम पूंजीकरण आदि), रिपोर्टिंग अपेक्षाओं, प्रलेखन आदि का अनुपालन करती हैं। 3. 3 मई 2000 की अधिसूचना फेमा. सं. 20/ 2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूतियों का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से अधिसूचित किए जा रहे हैं। 4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने ग्राहकों/घटकों को अवगत कराने का कष्ट करें। 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) तथा 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अधीन अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं। भवदीया, (मीना हेमचंद्र) |