RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S3

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79031345

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई 400 001

ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 35

11 जून 2001

प्रति
विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी

प्रिय महोदय,

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात

प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिनांक 9 सितंबर 2000 के ए पी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 12 के पैरा सी 10 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार प्राधिकृत व्यापारियों को सूचित किया गया था कि निर्यात बिलों की वसूलीपर कडी निगरानी रखी जाये और ऐसे टमामले जहाँ भुगतान के लिए देय तिथि के बाद अथवा निर्यात तिथि से 6 महीनों के लिए बकाया रह गया है, मामलों को संबंधित निर्यातक के पास तत्परतासे ले जाना चाहिए । यदि निर्यातक ने निर्यात आगमों के प्रत्यावर्तन छ: माह के भीतर करने में चूक की है अथवा छ: माह के बाद समय विस्तार प्राप्त किया है, तो मामले को विहित नरीके से भारतीय रिज़र्व बैंक को रिपोर्ट किया जाना चाहिए ।

2. विदेशी मुद्रा प्रबंध (वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात) विनियमावली 2000 में दिनांक 30 मार्च 2001 के ए पी (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 28 के साथ संलग्न दिनांक 27 फरवरी 2001 की अधिसूचना सं. फेमा 36/2001-आरबी द्वारा किये गये संशोधनों के अनुसार विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईझेड) में ईकाईयों के मालों अथवा साफ्टवेअर के पूर्ण निर्यात मूल्य की वसूली और भारत को प्रत्यावर्तन निर्यात की तिथि से बारह मरिनों के भीतर करने की अनुमति दी गई है । तथापि बकाया निर्यात आगमों की अनुवर्ती के संबंध में प्राधिकृत व्यापारियों को निर्यातक/ईकाई की अवस्थिति की ओर ध्यान दिये बिना लदान की तिथि से छ: माह के परे बकाया सभी निर्यात बिलों के पूरे ब्यौरों से अंतर्विष्टित फार्म एक्सओएस में एक विवरण भेजना चाहिए । विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईझेड) में स्थापित ईकाईयों के मामलें में प्राधिकृत व्यापारियों को एक्सओएस विवरण की टिप्पणियों के स्तंभ में "एसइझेड" दर्शाना चाहिए ।

3. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत कराये ।

4. इस परिपत्र में अंतर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत जारी किये गये है और इसका किसी भी तरह से उल्लंघन किया जाना अथवा अनुपालन न किया जाना अधिनियम के अधीन निर्धारित जुर्माने से दंडनीय है ।

भवदीया,

(कि.ज. उदेशी)
मुख्य महा प्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?