विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - संशोधन - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - संशोधन
आरबीआइ/2004-05/230 अक्तूबर 20, 2004 प्रति महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - संशोधन प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान सितंबर 13, 2004 के एपी (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.11 की ओर आकर्षित किया ााता है ासिमें यह सूर्ातिं किया गया था कि विदेशी मुद्रा प्रबंध विनियमावली, 2000 के आवश्यक संशोधन / संशोधनों को अलग से ाारी किया ाा रहा है । रिज़र्व बैंक द्वारा ाारी और सरकारी गाट में सरकार द्वारा अधिसूर्ातिं संबंधित संशोधन अधिसूर्ानिंा नीर्ाटिं दिए गए अनुसार संलग्न किया ााता है ।
2. अक्तूबर 21, 2003 की अधिसूर्ानिंा सं. फ्टमा. 105/2000-आरबी को दर्शानेवाला ााटखिम प्रबंधन और अंतर बैंक लेनदेन के संबंध में ाजलाई 1, 2004 के मास्टर परिपत्र सं. 2/2004-05 के संलग्नक I, मद II की ओर भी ध्यान आकर्षित किया ााता है, ासिकी एक प्रति संलग्न है । 3. प्राधिकृत व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें । 4. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी म्जाद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धार 11(1) के अंतग्दात ाारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति /अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है । भवदीया (ग्रेस कोशी ) भारत का गाट सं. 551 नई दिल्ली, मंगलवार, नवंबर 11, 2003 वित्त मंत्रालय विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव कांट्रैक्ट्स) ज़्ाा.एस.आर. 881 (E) - विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999(1999 का अधिनियम 42) की धारा 47 की उपधारा (2) के खंड (ा) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और मई 3, 2000 की अपनी अधिसूर्ानिंा सं. फ्टमा 25/आरबी-2000 के आंशिक संशोधन में भारतीय रिज़र्व बैंक समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव कांट्रैक्ट्स) विनियमावली,2000 में निम्नलिखित संशोधन करता है अर्थात् : 1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ (i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव कांट्रैक्ट्स) (र्ााठिंथा संशोधन) विनियमावली, 2003 कहलाएंगे । (ii) ये सरकारी गाट में अपने प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे । 2. विनियमावली में संशोधन विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव कांट्रैक्ट्स) विनियमावल, 2000 में अनुसूर्ाा िंIII में पैरा 1 में ’निर्यात-आयात व्यापार में लगी’ शब्दों के बाद ’अथवा रिज़र्व बैंक द्वारा यथा अनुमत’ शब्दों को ज़्ााटड़ा ज़ाएगा । (सं.1/23/ईसी/2000-खंड III) भारत का गाट सं. 412 नई दिल्ली, मंगलवार, सितंबर 21, 2004 वित्त मंत्रालय मुंबई, 30 अगस्त 2004 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का ज़्ाा.एस.आर. 625 (E) - विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999(1999 का अधिनियम 42) की धारा 47 की उपधारा (3) के खंड (ख) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और मई 3, 2000 की अपनी अधिसूर्ानिंा सं. फ्टमा 20/आरबी-2000 के आंशिक संशोधन में भारतीय रिज़र्व बैंक समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली,2000 में निम्नलिखित संशोधन करता है अर्थात् : 1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ (i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (र्ााठिंथा संशोधन) विनियमावली, 2004 कहलाएंगे । (ii) ये अगस्त 2004 के 30 तारीख से लागू होंगे । 2. विनियमावली में संशोधन विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम)विनियमावल, 2000 में, अ.विनियम 2 (vii क) निम्नानुसार प्रतिस्थापित किया ााएगा : आ. विनियम 5 में उप-विनियम (1) में ’अथवा श्रीलंका’ शब्द को हटा दिया ााएगा । (सं.1/23/ईसी/2000-खंड III) पाद टिप्पणी :- मूल विनियमावली सरकारी गाट में दिनांक मई 8, 2000 के ाा.एस.आर. सं. 406 (E) में भाग II, खंड 3, उप खंड (I) में प्रकाशित किए गए हैं और तत्पश्र्ाात् िंनिम्नानुसार संशोधित किए गए हैं :- दिनांक 13/3/2001 का ााएसआर सं. 175 (E) |