विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 चालू खामा लेनदेन - उदारीकरण - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 चालू खामा लेनदेन - उदारीकरण
एपी(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं. 33 नवंबर 13, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी महोदया /महोदय , विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिनांक जुलाई 17, 2003 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज)परिपत्र क्रं.3 की ओर ओञष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार वे विविध प्रयोजनों, नामत: (i) विदेश में रोजगार (ii) उत्प्रवास (iii) नज़दीकी रिश्तेदारी के भरणपोषण, और (iv) विदेश में शिक्षा, के लिए प्रत्येकी 100,000 अमरीकी डॉलर तक प्रेषण करने के लिए अनुमति दे सकते हैं । प्राधीकृत व्यापारी भारत के बाहर से लिए जाने वाली परामर्शी सेवाओं के लिए, आवेदन द्वारा संतोषजनक दय्तावेज प्रस्तुत करने पर, एक डॉलर अमरीकी डॉलर तक प्रति परियोजना की दर से प्रेषण करने की अनुमति भी दे सकते हैं । सरकार ने राजकीय राजपत्र में सितंबर 5, 2003 की अधिसूचना जी.एस.आर.731(ई) द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) नियम, 2000 में आवश्यक संशोधन अधिसूचित किया है, जिसकी प्रतिलिपि संलग्न है । 2. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें । 3. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999(1999 का 42 की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं । भवदीय (ग्रेस कोशी) |