विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - आर-विवरणियों के समेकन के लिए मार्गदर्शी सिद्धांत - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - आर-विवरणियों के समेकन के लिए मार्गदर्शी सिद्धांत
आर.बी.आइ/2004/95 एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 77 13 मार्च 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - आर-विवरणियों प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान फरवरी 3, 2003 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.76 के की ओर आकर्षित किया जाता है जिसके अनुसार उन्हें फलॉपी में लेनदेन के ब्योरों (एफईटी-ईआरएस- वर्शन 5.0) के साथ हार्ड कॉपी में आर-विवरणी (नॉस्त्रो)और आर-विवरणी (वॉस्त्रो) जमा करना ज़रूरी हैं। 2. आर-विवरणी फॉर्मेटों को अद्यतन बनाया गया है और संलग्नक I (नॉस्त्रो) और Iअ (वॉस्त्रो) के रूप में संलग्न किया गया है। प्राधिकृत व्यापारी कृपया मद सं.I - एच और II-एच - आनुमानिक बिक्री और आनुमानिक खरीद और मद सं.V - आर-विवरणी (नॉस्त्रो) में सकल शेष को हटाने से संबंधित परिवर्तनों को नोट करें। वे यह भी नोट करें कि खरीदे/ परक्रामित/ भुनाए गए निर्यात बिलोंके परिणति/निरसन के संबंध में लेनदेनों को मद आईसी(i)/(ii) के अंतर्गत शामिल किया जाना है। खरीद, बिक्री लेनदेनों के लिए संशोधित प्रयोजन कूट संख्या की सूची, साथ में आर-विवरणी के मुख पृष्ठ को भरने के लिए उपयोग की जाने वाली प्रयोजन कूट की एक सूची संलग्नक II, III और iv के रूङा में संलग्न द्रै। 3. यह भी निर्णय लिया गया है कि गैर-आयात विप्रेषणों के लिए प्रक्रिया और प्रलेखीकरण औपचारिकताओं को सरल बनाया जाए। तदनुसार फेमा, 1999 की उप-धारा 19(4) के अनुसार आवेदन फार्म और घोषणा को शामिल करने के लिए भारतीय विदेशी मुद्रा व्यापारी संघ (एफईडीएआइ) के परामर्श से अ-2 फार्म को आशोधित किया गया है और नमूना फार्म संलग्नक V के रूप में संलग्न है। ग्राहकों के लिए अपेक्षित होगा कि वे दिसम्बर 23, 2003 के हमारे एपी डीआइआर परिपत्र सं.55 के अनुसार 5000 अमरीकी डॉलर की सीमा तक के व्यक्तिगत अनुमत लेनदेनों के लिए सिर्फ सह फार्म प्रस्तुत करें। प्राधिकृत व्यापारी फार्म के पिछले पृष्ठ भरेंगे जिसमें प्रयोजन वा कूट दिया गया है। निवासी व्यक्तियों के लिए 25000 अमरीकी डॉलर के उदारीकृत विप्रेषण योजना के अंतर्गत लेनदेन हेतु प्राधिकृत व्यापारी फरवरी 4, 2004 के हमारे एपी डीआइआर सं. 64 में दिए गए अनुदेशों द्वारा नियंत्रित किए जाएंगे। संलग्नक V के अनुसार फार्म अ2 के अलावे अन्य लेनदेनों के संबंध में प्राधिकृत व्यापारी अपेक्षानुसार अतिरिक्त सूचना और दस्तावेज मांग सकते है। नियमित कॉर्पोरेट ग्राहकों के लिए बैंक संलग्नक VI में दिए गए प्रोफार्मा के अनुसार फेमा के अंतर्गत एक-बारगी घोषणा प्राप्त करना पसंद कर सकते हैं। इन कार्रवाइयों का उद्देश्य सभी ग्राहकों को बाधा-रहित सेवा उपलब्ध कराना है। 4. प्राधिकृत व्यापारियों से अपेक्षित है कि वे अप्रैल 1, 2004 से पाक्षिक आधार पर एफईटी-ईआरएस फलॉपी के साथ हार्ड कॉपी में अद्यतन बनाए गए फॉर्मेट के अनुसार आर-विवरणी (नॉस्त्रो) आर-विवरणी (वॉस्त्रो) प्रस्तुत करें। 5. प्राधिकृत व्यापारियों के पदाधिकारियों की रिज़र्व बैंक ने नए एफईटी-ईआरएस पैकेज (वर्शन 6.1) के संबंध में प्रशिक्षण दिया है जिसे विभिन्न विदेशी मुद्रा लेनदेनों के लिए नये प्रयोजन कूट को शामिल कर व्यापक रूप से सेशोधित किया गया है। बैंको द्वारा नये वर्शन वाले पैकेज प्रधिकृत व्यापारियों को जल्द ही उपलब्ध कराए/ वितरित किए जाएंगे। प्राधिकृत व्यापारियों से अनुरोध है कि वे शेष बचे शाखाओं के पदाधिकारियों के लिए प्रशिक्षण की व्यसस्था करे ताकि विदेशी मुद्रा लेनदेनो को अप्रैल 1, 2004 से संशोधित एफईटी-ईआरए (वर्शन 6ण्1)के माध्यम से नये प्रयोजन कूट के साथ रिपोर्ट किया जा सके। 6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं। भवदीय ग्रेस कोशी |