विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - भारत में माल का आयात - आयात का साक्ष्य - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - भारत में माल का आयात - आयात का साक्ष्य
आर.बी.आइ/2004/65 20 फरवरी 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान (क) 19 जून 2003 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र क्रं.106 के पैरा अ.11 और (ख) उसके संलग्नक में बीईएफ विवरण के नोट के मद सं.iv की ओर आकृष्ट करते हैं जिसके द्वारा उन्हे आयात के अनंतिम साक्ष्य के रूप में "इंटु बॉण्ड बिल ऑफ एन्ट्री" को स्वीकार करने की अनुमति दी गई है। तथापि प्राधिकृत व्यापारी को यह सुनिश्चित करना है कि आयातक उचित अवधि के अंदर घरेलू खपत के विनिमय बिल की विदेशी मुद्रा नियंत्रण प्रतिलिपि प्रस्तुत करता है। 2. सीमा शुल्क प्राधिकारियों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक डाटा आदान-प्रदान (ईडीआई) प्रणाली के कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप माल के एक्स-बॉण्ड क्लियरेन्स हेतु आयात पत्र जारी करने के लिए एक संशोधित प्रक्रिया शुरू की गई है। संशोधित प्रक्रिया के अंतर्गत घरेलू खपत हेतु आयात बिल के विदेशी मुद्रा नियंत्रण प्रतिलिपि अब जारी नही की जा रही है तथा "एक्स-बॉण्ड बिल ऑफ एन्ट्री" की मात्र दो प्रतियां तैयार की जाती हैं; एक प्रति भंडार से माल की निकासी करते समय अपेक्षित है तथा दूसरी प्रति आयातक को दी जाती है। 3. अत: यह निर्णय लिया गया है कि जहां डाटा आदान-प्रदान प्रणाली को सीमा शुल्क ने कार्यान्वित किया है तथा आयातक "एक्स-बॉण्ड बिल ऑफ एन्ट्री" की मात्र एक प्रति सीमा शुल्क से प्राप्त करता है वहां प्राधिकृत व्यापारी आयातक को सूचित करें कि भंडार/बांड से माल के निकासी के बाद घरेलू खपत हेतु "एक्स-बॉण्ड बिल ऑफ एन्ट्री" की एक फोटोकॉपी प्रस्तुत करें जिसे प्राधिकृत व्यापारी विधिवत् सत्यापित करें तथा उसे आयात के अंतिम साक्ष्य के रूप में स्वीकार करें। 4. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु की जानकारी अपने सभी ग्राहकों को दे दें। 5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं। भवदीय ग्रेस कोशी |