विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - प्रिंट मिडिया क्षेत्र में लगे हुए कंपनियों में विदेशी संस्थागत निवेशकों /अनिवासी भारतीयों / विदेशी कंपनी निकायों /विदेशी उद्यम पूँजी निवेशकों द्वारा निवेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - प्रिंट मिडिया क्षेत्र में लगे हुए कंपनियों में विदेशी संस्थागत निवेशकों /अनिवासी भारतीयों / विदेशी कंपनी निकायों /विदेशी उद्यम पूँजी निवेशकों द्वारा निवेश
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 26 22 फरवरी 2001 प्रति प्रिय महोदय, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 - प्रिंट मिडिया क्षेत्र में लगे हुए कंपनियों में विदेशी संस्थागत निवेशकों / प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 20/2000 आरबी के अंतर्गत अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत के बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2000 की ओर आकृष्ट करते हैं । विनियम 5 के उप विनियमों (2) (3) तथा (5) के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों/ अनिवासी भारतीयों / विदेशी कंपनी निकायों तथा विदेशी उद्यम पूँजी निवेशकों को भारतीय कंपनियों के शेयर और परिवर्तनीय डिबेंचरों को खरीदने की अनुमति दी गई थी । 2. भारतय सरकार से परामर्श करने पर अब यह निर्णय लिया गया है कि प्रिंट मिडिया क्षेत्र में लगे हुए भारतीय कंपनी के शेयर अथवा परिवर्तनीय डिबेंचरों को खरीदने के लिए विदेशी संस्थागत निवेशकों /अनिवासी भारतीयों / विदेशी कंपनी निकायों तथा विदेशी उद्यम पूँजी निवेशकों को दी गई सुविधा को हटा लिया जाये । तदनुसार विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत के बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 में दिनांक 16 फरवरी 2001 की अधिसूचना सं. फेमा 35/2000 आरबी (प्रतिलिपि संलग्न( द्वारा संशोधन किया गया है । यह स्पष्ट किया गया है कि अनिवासी भारतीयों तथा विदेशी कंपनी निकायों द्वारा अप्रत्यावर्तन आधार पर शेयर और परिवर्तनीय डिबेंचरों को खरीदने के लिए भी प्रतिबंध लागू किया जाना होगा । 3. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत कराये । 4. इस परिपत्र में अंतर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत जारी किये गये है और इसका किसी भी तरह से उल्लंघन किया जाना अथवा अनुपालन न किया जाना अधिनियम के अधीन निर्धारित जुर्माने से दंडनीय है । भवदीया, (कि.ज.उदेशी) |