RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S1

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79027760

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई 400 001

ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं. 9

अगस्त 24, 2000

प्रति
विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी

प्रिय महोदय,

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999

प्राधिकृत व्यापारीयों का ध्यान विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) नियमावली, 2000 को अधिसूचित की गई दिनांक 3 मई 2000 की भारत सरकार की अधिसूचना सं. जीएसआर 381 (ई) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार कतिपय चालू खाता लेनदेनों के लिए विदेशी मुद्रा के आहरण पर प्रतिबंध लगाया गया था और कतिपय अन्य लेनदेनों पर प्रतिबंध लगाया गया था । उक्त नियम 4 के अनुसार उक्त अधिसूचना के साथ संलग्न अनुसूची II में विनिर्दिष्ट लेनदेनों के लिए भारत सरकार का पूर्वानुमोदन आवश्यक है और नियम 5 के अनुसार अधिसूचना के साथ संलग्न अनुसूची III में विनिर्दिष्ट लेनदेनों के लिए रिज़र्व बैंक का पुर्वानुमोदन आवश्यक है । प्राधिकृत व्यापारी भारत में वस्तुओं और सेवाओं के आयात के संबंध में आवेदनों पर कार्यवाही करते समय अनुबंध में अंतर्विष्ट निदेशों का अनुपालन करें ।

2. आयात व्यापार का नियंत्रण विदेशी व्यापार महा निदेशालय द्वारा किया जाता है और उसके क्षेत्रीय कार्यालय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, वाणिज्य विभाग, भारत सरकार के अधीन कार्य करते हैं । भारत में आयातों के लिए पालन किये जानेवाले नीतिवाले नीतियों और क्रियाविधियों की घोषणा समय-समय पर विदेश व्यापार महानिदेशालय करता है । अत: प्राधिकृत व्यापारी किसी भी विदेशी देश से भारत में आयातों के लिए भुगतान की ओर विदेशी मुद्रा बेचना अथवा अनिवासी खाते में रुपया अंतरित करना प्रचलित आयात निर्यात नीति और भारत सरकार द्वारा बनायी गयी नियमावली और अधिनियम के अधीन समय-समय पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अनुरुप होंगे ।

3. प्राधिकृत व्यापारियों को दस्तावेजी ऋणों आदि के लिए अपने ग्राहकों की ओर से भारत में आयातों के लिए साख पत्र खोलते समय सामान्य बैंकिंग कार्यप्रणाली और एक समान रीति और रिवाजों का अनुपालन करना चाहिए । आरेखण और डिझाइनों के आयात के संबंध में निर्यातकों को अनुसंधान और विकास उपकर, अधिनियम 1986 के अनुपालन के संबंधित प्रमाणपत्र अथवा वचन पत्र प्रस्तुत करने के लिए सूचित किया जाये । आयकर के भुगतान अथवा आयकर प्राधिकारियों से अनापत्ति प्रमाणपत्र, अधिनियम के वर्तमान प्रावधानों के अधीन जहाँ जहाँ आवश्यक है, विहित फार्मेट में वचन पत्र भारत में सेवाओं और आरेखण तथा डिझाइनों के आयात के संबंध में प्रेषणों के मामलों में प्राप्त किया जाना चाहिए ।

4. आगे यह स्पष्ट किया जाता है कि अनुबंध में अंतर्विष्ट निदेशों को पूर्व संदर्भित दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना द्वारा वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अधिसूचित नियमावली के साथ पढ़ना चाहिए ।

5. अनुबंध में अंतर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा नियंत्रण मैन्युअल, संस्करण 1993 के अध्याय 7 के भाग "अ" भाग "इ " में अंतर्विष्ट निदेशों का अधिक्रमण करते हैं ।

6. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत कराएं ।

7. इस परिपत्र में अंतर्विष्ट निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम , 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11 (1) के अंतर्गत जारी किए गये है और इन निदेशों का किसी भी तरह से उल्लंघन किया जाना अथवा अनुपालन न किया जाना अधिनियम के अधीन निर्धारित जुर्माने से दंडनीय है ।

भवदीय

( बी. महेश्वरन )
मुख्य महा प्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?