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विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपये में उधार लेना अथवा देना) (संशोधन) विनियमावली, 2004

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई 400 001.

अधिसूचना सं.फेमा.115/2004-आरबी

दिनांक: 25 मार्च,2004

विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपये में उधार लेना अथवा देना)
(संशोधन) विनियमावली, 2004

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 6 की उप-धारा 3 के खंड (घ),धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 4/2000-आरबी, समय समय पर यथासंशोधित, में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपये में उधार लेना अथवा देना) विनियमावली, 2000 को संशोधित करने के लिए निम्नलिखित विनियम बनाता है, अर्थात् :,

संक्षिप्त नाम और प्रारंभ

(i) यह विनियमावली विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपये में उधार लेना अथवा देना) (संशोधन) विनियमावली, 2004 कहलाएगी।

(ii) यह राजकीय राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से लागू होगी ।

2. विनियमों में संशोधन

विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपये में उधार लेना अथवा देना) विनियमावली, 2000 के विनियम 7 में निम्नलिखित संशोधन किये जायेंगे, अर्थात् :,

(i) शीर्षक को "अनिवासियों को रुपये में ऋण " से प्रतिस्थापित किया जायेगा।

(ii) उप-विनियम (आ) के बाद निम्नलिखित उप-विनियम जोड़ा जायेगा ।

(इ) प्राधिकृत व्यापारी के निदेशक मंडल की ऋण -नीति के अनुसार किसी भी प्रयोजन के लिए बशर्ते कि;

(क) ऋण अकेले या किसी और के साथ में निम्नलिखित के लिए उपयोग में नहीं लाया जायेगा ।

(i) चिट-फंड के कारोबार के लिए अथवा,

(ii) नधि कंपनी , अथवा,

(iii) कृषि अथवा वृक्षारोपण कार्यकलाप, अथवा स्थावर संपदा अथवा फॉर्म हाउस के निर्माण अथवा,

(iv) अंतरणीय विकास अधिकार (टीडीआर)में व्यापार अथवा,

(v) मार्जिन ट्रेडिंग और व्युत्पन्न सहित पूंजी बाजार में निवेश,

(ख) ऐसे अग्रिमों के संबंध में, भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशों का विधिवत् अनुपालन किया जायेगा ;

(ग) ऋण-राशि एनआरई/एफसीएनआर(ब)/एनआरओ खातों में जमा नहीं की जायेगी;

(घ) ऋण-राशि का प्रेषण भारत से बाहर नहीं किया जायेगा ।

(ङ) ऋण की चुकौती सामान्य चैनेलों से भारत के बाहर से विप्रेषणों में से अथवा एनआरई/एफसीएनआर(ब)/एनआरओ खातों में नामे डालकर की जायेगी ।

(श्यामला गोपीनाथ)
कार्यपालक निदेशक

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