विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा उधार देना) (तृतीय संशोधन) विनियमावली, 2009 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा उधार देना) (तृतीय संशोधन) विनियमावली, 2009
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं.फेमा.197/2009-आरबी दिनांक : सितंबर 22, 2009 विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा उधार देना) विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (घ) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक , एतदद्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा उधार देना) विनियमावली 2000, (3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 3/2000-आरबी) में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्- 1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ (क) इन विनियमों को विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा उधार देना) (तृतीय संशोधन) विनियमावली, 2009 कहा जाये। (ख) ये 30 जून, 2009 से लागू होंगे। 2. विनियमों में संशोधन विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी मुद्रा में उधार लेना अथवा उधार देना) विनियमावली, 2000 की अनुसूची-I के पैराग्राफ (1) के उप-पैराग्राफ (i) के : (I) खंड (क) के पश्चात निम्नलिखित परंतुक जोड़ा जाएगा, अर्थात् : "बशर्ते कि उन्होंने कभी भी इन विनियमों के किसी प्रावधान का उल्लंघन न किया हो और अधिनियम के तहत बनाये गये इन विनियमों के उल्लंघन किये जाने के कारण उनके विरुद्ध कोई जाँच न चल रही हो।" (II) खंड (ख) के पश्चात निम्नलिखित परंतुक जोड़ा जाएगा, अर्थात्- "बशर्ते कि उन्होंने कभी भी इन विनियमों के किसी प्रावधान का उल्लंघन न किया हो और अधिनियम के तहत बनाये गये इन विनियमों के उल्लंघन किये जाने के कारण उनके विरुद्ध कोई जाँच न चल रही हो।" (III) खंड (ग) के पश्चात निम्नलिखित परंतुक जोड़ा जाएगा, अर्थात्- "बशर्ते कि उन्होंने कभी भी इन विनियमों के किसी प्रावधान का उल्लंघन न किया हो और अधिनियम के तहत बनाये गये इन विनियमों के उल्लंघन किये जाने के कारण उनके विरुद्ध कोई जाँच न चल रही हो।" (सलीम गंगाधरन) पाद टिप्पणी :
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