विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा राशि) विनियमावली, 2000 - जमा राशि स्वीकार करना - संशोधित मार्गदर्शी सिध्दांत - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा राशि) विनियमावली, 2000 - जमा राशि स्वीकार करना - संशोधित मार्गदर्शी सिध्दांत
आरबीआइ/2004/179 अप्रैल 24, 2004 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्रधिकृत व्यापारी महोदया / महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा राशि) विनियमावली, 2000 - विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा राशि ) विनियमावली, 2000 (मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 5/2000-आरबी द्वारा जारी) के विनियम 7 (1) और (2) के अनुसार प्राधिकृत व्यापारी / प्राधिकृत बैंकों से इतर व्यक्तियों को अनिवासी भारतीयों से जमा राशि स्वीकार करने की अनुमति है । इसमें कंपनी अधिनियम, 1956 (रिज़र्व बैंक के पास पंजीकृत गैर - बैंकिंग वित्तीय कंपनियां शामिल है ) अथवा संसद अथवा राज्य विधान मंडल के किसी अधिनियम के अंतर्गत निर्मित कोई कंपनी निकाय जिसने प्रत्यावर्तन आधार पर अनिवासी भारतीयों से जमा राशि स्वीकार किया हो अथवा भारत स्थित किसी कंपनी अथवा स्वामित्व वाले प्रतिष्ठान अथवा फर्म जिसने अप्रत्यावर्तन आधार पर अनिवासी भारतीयों से जमा राशि स्वीकार किया हो, शामिल हैं । ऐसी जमा राशियों पर अर्जित ब्याज, चालू आय होने के कारण, भारत से बाहर प्रत्यावर्तन के लिए पात्र हैं । 2. प्राधिकृत व्यापारियों / प्राधिकृत बैंकों से इतर व्याक्तियों द्वारा अनिवासी भारतीयों से स्वीकृत की गई जमा राशियों से संबंधित मुद्यें की वर्तमान गतिविधियों का ध्यान में रखते हुए समीक्षा की गई हैं । यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय अनिवासी सामान्य खातों के नामे डालकर प्राधिकृत व्यापारियों / प्राधिकृत बैंकों से इतर किसी व्यक्ति द्वारा जमा राशि लेने को अब तक जारी रखा जाए बशर्ते कि ऐसे प्रतिष्ठानों के पास जमा की गई राशि एनआरई / एफसीएनआर (बी) खातों से निवासी सामान्य खातों में आवक विप्रेषण अथवा अंतरण का प्रतिनिधित्व नहीं करता हो । 3. अब से आगे अनिवासी भारतीयों द्वारा प्राधिकृत व्यापारियों / प्राधिकृत बैंकों से इतर व्यक्तियों के पास विदेश से आवक विप्रेषण अथवा एनआरई / एफसीएनआर (बी) के नामे डालकर जमा राशि रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी । 4. प्राधिकृत व्यापारियों / प्राधिकृत बैंकों से इतर सभी व्यक्ति प्रत्यावर्तन अथवा अप्रत्यावर्तन आधार पर अनिवासी भारतीय के नाम में अपने बहियों में वर्तमान जमा राशि को स्थिति के अनुसार रख सकते है और उसका नवीकरण कर सकते हैं । ऐसी जमा राशियों पर अर्जित ब्याज प्रत्यावर्तन के लिए पात्र रहेंगे । 5. संशोधित अनुदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे । 6. विदेशी मुद्रा संबंध (जमा राशि ) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से अधिसूचित किए जा रहे हैं । 7. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी ग्राहकों को अवगत करा दें । 8. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं । भवदीया, ग्रेस कोशी प्रेस विज्ञाप्ति रिज़र्व बैंक ने प्राधिकृत व्यापारी / प्राधिकृत बैंक से इतर व्यक्तियों द्वारा अनिवासी भारतीयों से स्वीकृत किए गए जमा राशियों से संबंधित मुद्यों की वर्तमान गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए समीक्षा की है । प्राधिकृत व्यापारियों / प्राधिकृत बैंकों से इतर व्यक्तियों में कंपनी अधिनियम, 1956 के अधीन पंजीकृत कंपनी (रिज़र्व बैंक के पास पंजीकृत गैर - बैंकिंग वित्तीय कंपनी सहित) अथवा संसद अथवा राज्य विधान मंडल के किसी अधिनियम के अंतर्गत निर्मित कंपनी निकाय जिसने प्रत्यावर्तन आधार पर अनिवासी भारतीयों से जमा राशि स्वीकार किया हो अथवा भारत स्थित किसी कंपनी अथवा स्वामित्व वाले प्रतिष्ठान अथवा फर्म जिसने अप्रत्यावर्तन आधार पर अनिवासी भारतीयों से जमा राशि स्वीकार किया हो, शामिल है । ऐसी जमा राशियों पर अर्जित ब्याज, चाले आय होने के कारण, भारत से बाहर प्रत्यावर्तन के लिए पात्र हैं । यह निर्णय लिया गया है कि अनिवासी भारतीयों द्वारा ऐसे जमा राशियों को रखना जारी रखा जाए बशर्ते कि ऐसे प्रतिष्ठानों के पास जमा की गई राशि एनआरई / एफसीएनआर (बी) खातों से अनिवासी सामान्य खातों में आवक विप्रेषण अथवा अंतरण का प्रतिनिधित्व नहीं करता हो । भविष्य में, अनिवासी भारतीयों द्वारा इन प्रतिष्ठानों में विदेश से आवक विप्रेषण द्वारा अथवा एनआरई / एफसीएनआर (बी) में नामे डालकर जमा राशि रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी । तथापि, ऐसे प्रतिष्ठान प्रत्यावर्तन अथवा अप्रत्यावर्तन आधार पर अनिवासी भारतीय के नाम में अपने बहियों में वर्तमान जमा राशि को स्थिति के अनुसार रख सकते हैं और उसका नवीकरण कर सकते हैं । ऐसी जमा राशियों पर अर्जित ब्याज प्रत्यावर्तन के लिए पात्र होंगे । संशोधित अनुदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे । प्राधिकृत व्यारियों को सूचित किया गया है कि संशोधित अनुदेशों से अपने सभी ग्राहकों को अवगत करा दें । ******** |