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विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियम, 2000 अनिवासी (बाह्य) रूपया खाते में क्रेडिट करना -स्पष्टीकरण

़ख्र्ख्र्दृ्र॰ख्र्ज्ञ्i/िं2008-09/222 14 –र्ट्टेख्र्ह्व॰्र 2008

भारिबैंक/2008-09/276
ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.34

10 नवंबर, 2008

 

सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक और प्राधिकृत बैंक

महोदय/महोदया

विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियम, 2000 अनिवासी
(बाह्य) रूपया खाते में क्रेडिट करना -स्पष्टीकरण

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। (एडी श्रेणी-।) बैंक और प्राधिकृत बैंकों का ध्यान उपर्युक्त विषय पर 30 मई 2008 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.45 की ओर आकर्षित किया जाता है । इस संबंध में स्पष्ट किया जाता है कि जहां अनिवासी भारतीय खाताधारक को जारी लिखतों के समर्थन में प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-।/श्रेणी-II द्वारा जारी नकदीकरण प्रमाणपत्र संलग्न किये गये हों,प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक (एडी श्रेणी-।) और प्राधिकृत बैंक, अनिवासी भारतीय खाताधारक के अनिवासी विदेशी खाते में,विदेशी मुद्रा के नकदीकरण के कारण जारी किये गये मांग देय ड्राफ्ट / बैंकर्स चेकों के अतिरिक्त आदाता खाता चेकों से वसूल हुई राशि भी जमा कर सकते हैं ।

2. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -I बैंक और प्राधिकृत बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु अपने संबंधित घटकों को अवगत करा दें ।

3. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत जारी किये गये हैं और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है ।

भवदीय

सलीम गंगाधरन
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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