विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 – छूट - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 – छूट
भारिबैंक/2014-15/360 17 दिसंबर 2014 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय, विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000 – छूट प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा. 5/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2000, समय-समय पर यथा संशोधित, के विनियम 4(5) की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार संयुक्त राष्ट्र संघ और भारत में इसकी सहायक/सम्बद्ध संस्थाओं तथा भारत में इसके अथवा उनके कर्मचारियों द्वारा किसी प्राधिकृत व्यापारी के पास रखे उनके खातों में धारित जमाराशियों पर इन विनियमों में निहित कोई भी शर्त लागू नहीं होगी। 2. यह परिलक्षित हुआ है कि प्राधिकृत व्यापारी बैंकों के समक्ष बहुधा बहुपक्षीय संगठनों, भारत जिनका सदस्य राष्ट्र है, के खातों को खोलने के मामले आते रहते हैं। 3. भारत में खाते खोलने के लिए सभी बहुपक्षीय संगठनों को समान स्तर पर लाने के उद्देश्य से मौजूदा अनुदेशों की समीक्षा की गई है और यह निर्णय लिया गया है कि 3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.5/2000-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली 2000 (समय-समय पर यथा संशोधित) में किए गए निर्धारणानुसार ऐसे बहुपक्षीय संगठनों, जिनका भारत एक सदस्य राष्ट्र है, और भारत में उनकी सहायक/सम्बद्ध संस्थाओं और भारत में उसके अथवा उसके कर्मचारियों द्वारा प्राधिकृत व्यापारी के पास रखे खाते में जमाराशियों को छूट प्राप्त श्रेणी में शामिल किया जाए। 4. तदनुसार यह सूचित किया जाता है कि रिज़र्व बैंक ने 9 दिसंबर 2014 के जी.एस.आर. सं.879 (ई) के जरिए 24 दिसंबर 2014 की अधिसूचना सं. 327/2014-आरबी के मार्फत अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा)(संशोधन) विनियमावली, 2014 के द्वारा मूल विनियमावली को अब संशोधित कर दिया है। 5. प्राधिकृत व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबन्धित घटकों को अवगत कराएं । 6. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(ए) के अंतर्गत तथा किसी अन्य विधि के अधीन अपेक्षित किसी अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं। भवदीय, (सी.डी.श्रीनिवासन) |