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विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 – दीर्घावधि वीज़ा धारकों (एलटीवी) द्वारा अनिवासी साधारण खाते खोलना, विशेष अनिवासी रुपया (एसएनआरआर) खाते तथा एस्क्रो खाते से संबंधित परिवर्तन

भारिबैंक/2018-19/155
ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 28

28 मार्च 2019

सभी श्रेणी - । प्राधिकृत व्यापारी तथा प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदया/महोदय,

विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 – दीर्घावधि वीज़ा धारकों (एलटीवी) द्वारा अनिवासी साधारण खाते खोलना, विशेष अनिवासी रुपया (एसएनआरआर) खाते तथा एस्क्रो खाते से संबंधित परिवर्तन

प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 1 अप्रैल 2016 की अधिसूचना सं. फेमा 5(आर)/2016-आरबी द्वारा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 तथा 5 मई 2016 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 67/2015-16[(1)5(आर)] की ओर आकर्षित किया जाता है। विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) (संशोधन) विनियमावली 2018 अर्थात फेमा (5(आर)(1) को भारत सरकार द्वारा दिनांक 9 नवंबर 2018 के जीएसआर सं.1093(ई) के माध्यम से अधिसूचित किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप विद्यमान अनुदेशों में निम्नलिखित परिवर्तन आवश्यक हो गए हैं:

i. प्राधिकृत व्यापारी भारतीय प्रतिभूति तथा विनिमय बोर्ड (सेबी) में पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफ़पीआई) तथा विदेशी जोखिम पूंजी निवेशक (एफ़वीसीआई) को समय-समय पर यथा संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत के बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2017 के अनुसार निवेश करने के प्रयोजन के लिए ब्याज रहित विदेशी मुद्रा खाता खोलने तथा उसे बनाए रखने की अनुमति दे सकते हैं।

ii. भारत में निवास करने वाले बांग्लादेश अथवा पाकिस्तान के नागरिक ऐसे नागरिक, जो कि उन देशों में अल्प संख्यक समुदायों अर्थात हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी तथा ईसाई समुदायों से हैं, तथा जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा दीर्घकालिक वीज़ा (एलटीवी) प्रदान किया गया है, के लिए प्राधिकृत व्यापारी केवल एक अनिवासी साधारण (एनआरओ) खाता खोल सकते हैं। जब ऐसा कोई व्यक्ति नागरिकता अधिनियम, 1955 की परिधि में भारत का नागरिक बन जाता है, तो इस खाते को निवासी खाते के रूप में परिवर्तित किया जाएगा। यह खाता तब भी खोला जा सकता है, जब ऐसे व्यक्ति द्वारा एलटीवी के लिए आवेदन किया गया है और उसका एलटीवी संबंधी प्रस्ताव केंद्र सरकार के विचारधीन है। ऐसे मामले में यह खाता छः महीने की अवधि के लिए खोला जाएगा और इस शर्त के अधीन छमाही अंतरालों पर उसका नवीकरण किया जाएगा कि उक्त व्यक्ति के पास वैध वीज़ा हो तथा वह संबन्धित विदेशीयों के पंजीकरण कार्यालय (FRO)/ विदेशीयों के क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) द्वारा जारी वैध निवास-पत्र का धारक हो। इस प्रकार के एनआरओ खाते खोलना संबंधित प्राधिकृत बैंक द्वारा खोले गए खातों के ब्यौरे तिमाही आधार पर गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करने के अधीन होगा। उक्त रिपोर्ट में (i) व्यक्ति/यों का/के नाम (ii) भारत में आगमन की तारीख; (iii) पासपोर्ट संख्या तथा पासपोर्ट जारी करने का स्थान/ जारी करने वाले देश का नाम; (iv) रिहायशी अनुमति-पत्र/ दीर्घकालिक वीज़ा की संदर्भ संख्या तथा तारीख और निर्गम का स्थान; (v) संबंधित FRO/ FRRO का नाम; (vi) जहाँ बैंक खाता रखा गया है, उस शाखा का पूर्ण पता और संपर्क करने के लिए फोन नंबर भी दिया जाए। ए.डी. बैंक का प्रधान कार्यालय उपर्युक्त ब्योरे तिमाही आधार पर अवर सचिव (फ़ोरेनर्स), गृह मंत्रालय, एनडीसीसी-॥ बिल्डिंग, जय सिंह रोड, नई दिल्ली -110001 को प्रस्तुत करेगा। ए.डी. बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे इन अनुदेशों का कड़ाई से अनुपालन करें।

(iii) विद्यमान अनुदेशों के अनुसार विशेष अनिवासी रुपया (एस.एन.आर.आर.) खाते सात वर्ष से अधिक अवधि के लिए धारित नहीं किए जा सकते हैं। अब यह निर्णय लिया गया है कि भारत के बाहर निवास करने वाले व्यक्तियों द्वारा खोले गए एसएनआरआर खाते भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुमोदन से सात वर्ष की निर्धारित अवधि के बाद भी सक्रिय रह सकते हैं। साथ ही सात वर्ष का प्रतिबंध सेबी के पास पंजीकृत तथा समय-समय पर संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत के बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2017 के अनुसार निवेश करने की इच्छा रखने वाले भारत के बाहर के निवासी व्यक्तियों द्वारा खोले गए एस.एन.आर.आर. खातों पर लागू नहीं होगा।

(iv) एस्क्रो खातों से संबंधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016 की विद्यमान अनुसूची 5 को विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत के बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2017 के प्रावधानों के अनुरूप बनाने के लिए प्रतिस्थापित किया गया है। उक्त प्रावधान के अनुसार निवासियों तथा अनिवासियों द्वारा पूंजीगत लिखतों/ परिवर्तनीय नोट के अर्जन/ अंतरण के लिए एस्क्रो खाते खोले जा सकते हैं तथा गारंटी (गारंटियों) द्वारा उनका निधीयन भी किया जा सकता है।

2. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं।

3. इस परिपत्र में निहित निर्देश, विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति / अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गये हैं।

भवदीय

(आर.के. मूलचंदानी)
मुख्य महाप्रबंधक

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