विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमाराशि ) (तृतीय संशोधन) विनियमावली, 2007 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमाराशि ) (तृतीय संशोधन) विनियमावली, 2007
भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई 400 001.
अधिसूचना सं.फेमा 162 /2007-आरबी
दिनांक 18 सितंबर, 2007
विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमाराशि ) (तृतीय संशोधन) विनियमावली, 2007
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (च) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमाराशि) विनियमावली 2000 ( मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. पे?मा 5/2000-आरबी) में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्,
1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ :-
(i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमाराशि) (तृतीय संशोधन) विनियमावली 2007 कहलाएंगे।
(ii) ये मई 24, 2007 से लागू समझे जाएंगो।@
2. विनियमावली में संशोधन :
विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा राशि) विनियमावली, 2000 में
(i)विनियम 5 में, उप-विनियम (2) के बाद निम्नलिखित नया उप-विनियम जोड़ा जाएगा:
"2अ अनिवासी अधिग्रहणकर्ता खुले प्रस्तावों/असूचीबद्ध करने/निकास प्रस्तावों के माध्यम से शेयरों / परिवर्तनीय डिबेंचरों के अधिग्रहण / अंतरण के लिए संबंधित सेबी (एसएएसटी) विनियमों अथवा अन्य लागू सेबी विनियमों / कंपनी अधिनियम , 1956 के प्रावधानों और अनुसूची 8 में विनिर्दिष्ट शर्तों के अधीन रिज़र्व बैंक के पूर्वानुमोदन के बगैर भारत में प्राधिकृत व्यापारी के पास एक्रो खाता और विशेष खाता खोल , रख और उसका रख-रखाव कर सकते हैं।"
(ii) अनुसूची 7 के बाद , इन विनियमों के स्ांलग्नक के अनुसार एक नई अनुसूची जोड़ी जाएगी।
(सलीम गंगाधरन)
मुख्य महाप्रबंधक
पाद टिप्पणी :
(i) @ यह स्पष्ट किया जाता है कि ऐसे विनियमों के पूर्व प्रभावी होने से किसी भी व्यक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
(ii)मूल विनियम सरकारी राजपत्र में दिनांक मई 5, 2000 के जी.एस.आर. सं.388(E) में भाग II , खंड 3,उप खंड(i) में प्रकाशित किए गए हैं और तत्पश्चात् निम्नलिखित द्वारा संशोधित किए गए हैं :-
(क)दिनांक अप्रैल 9,2002 का जीएसआर सं.262(E);
(ख)दिनांक अगस्त 19, 2002 का जीएसआर सं.577(E);
(ग)दिनांक दिसंबर 31,2002 का जीएसआर सं.855(E);
(घ)दिनांक अगस्त 4,2004 का जीएसआर सं. 494(E);
(ड़)दिनांक अप्रैल 7,2005 का जीएसआर सं.221(E) ;
(च)दिनांक नवंबर 14,2005 का जीएसआर सं.663(E);
(छ)दिनांक जनवरी 19,2006 का जीएसआर सं. 28(E); और
(ज)दिनांक जुलाई 23,2007 का जीएसआर सं495(E).
(झ)दिनांक अक्तूबर 16,2007 का जीएसआर सं. 664(E).
जी.एस.आर.सं. 91(E) / फरवरी 15, 2008 |
अनुसूची 8
(विनियम 5 का उप-विनियम 2अ देखें)
खुले प्रस्ताव /असूचीबद्ध करने /निकास प्रस्तावों के लिए अनिवासी कारपोरेटों द्वारा एक्रो खाते और विशेष खाते खोलने हेतु शर्तें
1. शेयरों के अधिग्रहण/अंतरण पूरी तरह समय-समय पर यथासंशोधित मई 3,2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20 /2000-आरबी के प्रावधानों और भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सब्सटेंशियल अक्विजिशन ऑफ शेयर्श एंड टेकओवर) विनियमावली, 1997 डसेबी(एसएएसटी)विनियमावली अथवा यथा लागू कोई अन्य सेबी विनियमावली डसेबी विनियमावली के अनुसार होंगे ।2. खाते ब्याजरहित होंगे ।
3. एक्रो खाते निम्नलिखित अनुमत जमा और नामे के साथ इस प्रयोजन के लिए भारतीय रुपए में संयुक्त अथवा अलग- अलग रूप से खोले जा सकते हैं।
अनुमत जमा:सामान्य बैंकिंग के माध्यम से विदेशी आवक प्रेषण ।
अनुमत नामे : सेबी (एसएएसटी) विनियमों के अनुसार अथवा यथालागू कोई अन्य सेबी विनियम ।
1. विशेष खाते सेबी (एसएएसटी) विनियमों अथवा यथालागू कोई अन्य सेबी विनियमों के अनुसार जमा और नामे के साथ रुपए में संयुक्त अथवा अलग- अलग रूप से खोले जा सकते हैं।
2. इस प्रयोजन के लिए समुद्रपारीय अधिग्रहणकर्ता द्वारा अधिकारप्रदत्त निवासी अधिदेशी (mandatee) यथालागू सेबी (एसएएसटी) विनियमों और कोई अन्य सेबी विनियमों के अनुसार और प्राधिकृत व्यापारी, जिसके पास खाता खोला गया है,के विशिष्ट अनुमोदन से एक्रो खाता का परिचालन कर सकता है ।
3. खाते में शेष राशि पर कोई निधि आधारित/गैर निधि आधारित सुविधा नहीं दी जाएगी।
4. रिज़र्व बैंक द्वारा जारी अपने ग्राहकों को जानिए मार्गदर्शी सिद्धांत के अनुपालन की शर्त प्राधिकृत व्यापारी के साथ होगी ।
5. एक्रो खाता की शेष राशि,यदि कोई हो,को उपर्युक्त अधिग्रहण की सभी औपचारिकताओं के पूरा होने के बाद उस समय प्रचलित विनिमय दर पर प्रत्यावर्तित किया जाए(अर्थात् शेयरों का अधिग्रहण करनेवाली समुद्रपारीय कंपनी विनिमय दर जोखिम का वहन करेगी)।
6. उपर्युक्त अधिग्रहण /अंतरण के तहत प्रस्ताव के क्रियान्वित न होने की स्थति में, प्राधिकृत व्यापारी एक्रो खाते की संपूर्ण जमाराशि को, ऐसे प्रेषणों की वास्तविकता से संतुष्ट होने के बाद प्रत्यावर्तित करने की अनुमति दें ।
7. उपर प्रस्तुत अपेक्षाओं के पूरा होने के बाद खातों को तत्काल बंद कर दिया जाएगा ।