विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता) (चतुर्थ संशोधन) (विनियमावली, 2002 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता) (चतुर्थ संशोधन) (विनियमावली, 2002
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं.फेमा.69/2002-आरबी दिनांक : 26 अगस्त, 2002 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता) विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 9 के खंड (ख)और धारा 47 की उपधारा (2) के खंड (ङ) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 3 मई , 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.10/2000-आरबी) में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक,एतद द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (भाारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी करेंसी खाता) विनियमावली 2000 में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्- 1.संक्षिप्त नाम और प्रारंभ (i)यह विनियमावली , विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता) (चतुर्थ संशोधन) विनियमावली, 2002 कहालायेगी । 2. विनियमावली में संशोधन विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता) (संशोधन) विनियमावली, 2000 की अनुसूची में ; (i) अनुच्छेद (1) के स्थान पर निम्नलिखित अनुच्छेद प्रतिस्थापित किया जाएगा , अर्थात्- " (1) निम्नलिखित तालिका के स्तंभ 1 में विनर्दिष्ट सत्ता अथवा उप-अनुच्छेद (1अ) में विनर्दिष्ट विदेशी मुद्रा अर्जन में से विनर्दिष्ट सीमा तक की रकम ईईएफसी खाते में जमा कर सकता है , अर्थात्-
परंतु यदि कोई आवेदन किया जाता है और भारतीय रिज़र्व बैंक इस बात से संतुष्ट है कि ऐसा किया जाना जरूरी है तो ईईएफसी खाते में उच्चतर अंतर्वाह प्रेषण/ भुगतान रकम , तो विदेशी मुद्रा रखने की अनुमति दे सकता है । व्याख्या: स्तंभ(1) श्रेणी(2) के प्रयोजनार्थ "व्यावसायिक " से तात्पर्य है :
(ii)खंड( 5) के बाद उप-अनुच्छेद(1अ) में निम्नलिखित खंड जोड़ा जाएगा , अर्थात्-
(iv)किसी व्यावसायिक द्वारा अपनी निजी क्षमता में सेवाएं देने के लिए प्राप्त व्यावसायिक अर्जन जिसमें नदेशक की फीस, परामर्श फीस, व्याख्यान फीस, मानदेय और अन्य अर्जन शामिल हैं।
(कि.ज.उदेशी) |