विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी करेंसी खाते) (संशोधन) (विनियमावली, 2002) - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी करेंसी खाते) (संशोधन) (विनियमावली, 2002)
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. फेमा.74/2002-आरबी दिनांक : 1 नवंबर, 2002 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी करेंसी खाते) विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का अधिनियम 42) की धारा 9 के खंड (बी)और धारा 47 की उपधारा (2) के खंड (इ) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 3 मई , 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.10/2000-आरबी) में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी करेंसी खाते) विनियमावली 2000 में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्- 1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ (i) इन विनियमों को विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी करेंसी खाते) (पाँचवां संशोधन) विनियमावली, 2002 कहा जायेगा। (ii) ये सरकारी गजट में अपने प्रकाशन की तिथि से लागू होंगे। 2. विनियमावली में संशोधन विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी करेंसी खाते) विनियमावली, 2000 में विनियम 5 के पश्चात निम्नलिखित विनियम जोड़ा जाएगा, अर्थात् 5 ए. निवासी विदेशी मुद्रा (देशी) खाते खोलना, धारण करना और बनाए रखना (1) भारत में निवासी व्यक्ति, के भारत के प्राधिकृत व्यापारी के पास करेंसी नोट, बैंक नोट और यात्री चेकों के रूप में प्राप्त विदेशी मुद्रा में से विदेशी मुद्रा खाता खोल सकता है, उसे बनाए रख सकता है , जो निवासी विदेशी मुद्रा (देशी) खाता के नाम से जाना जायेगा। (क) भारत के बाहर किसी भी स्थान के दौरे पर दी गई सेवाओं के लिए भुगतान द्वारा जो भारत में किए गए कारोबार से या अन्य किसी काम से संबंधित न हो , अथवा (ख) उनमें से कोई भी व्यक्ति जो भारत का निवासी नहीं है और जो भारत के दौरे पर है , मानदेय के रूप में अथवा उपहार अथवा दी गई सेवाओं के लिए अथवा किसी भी कानूनी दायित्व के निपटान के लिए अथवा (ग) भारत के बाहर किसी भी स्थान के दौरे पर मानदेय अथवा उपहार द्वारा अथवा (घ) विदेश यात्रा के लिए प्राधिकृत व्यापारी से प्राप्त की गयी विदेशी मुद्रा की न खर्च की गई अभिव्यक्त राशि (2) विदेशी मुद्रा प्रबंध (चाल झखाता लेनदेन) विनियमावली,2000 के प्रावधानों के अनुसार , चालू खाता लेनदेन के प्रति और विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन)विनियमावली,2000 के अंतर्गत अनुमत पूंजी खाता लेनदेन के प्रति भुगतानों के लिए खाते में नामे करें। (3) यह खाता, चालू खाते के रूप में ,रखा जायेगा और उस पर कोई ब्याज नहीं दिया जायेगा। (4) खाते की शेष राशि की कोई सीमा नहीं होगी । (कि.ज.उदेशी) |