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विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता) विनियमावली, 2015

भा.रि.बैंक/2015-16/430
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 77[(2)/10(R)]

23 जून 2016

सभी श्रेणी–I प्राधिकृत व्यापारी एवं प्राधिकृत बैंक

महोदया / महोदय,

विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा खाता) विनियमावली, 2015

प्राधिकृत व्यापरी बैंकों का ध्यान 21 जनवरी 2016 की अधिसूचना सं.फेमा 10(आर)/2015-आरबी के मार्फत यथा अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा (करेंसी) खाता) विनियमावली, 2015 तथा 11 फ़रवरी 2016 के ए.पी. (डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं. 51, जिसमें स्टार्ट-अप उद्योगों (start-ups) को कुछ विनियामक छूट दी गई है, की ओर आकृष्ट किया जाता है ।

2. स्टार्ट-अप उद्योगों को बढ़ावा देने संबंधी भारत सरकार की पहल के अनुसरण में, यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे भारतीय स्टार्ट-अप, जिनकी समुद्रपारीय सहायक कंपनी हो, वे स्वयं द्वारा अथवा अपनी समुद्रपारीय सहायक कंपनी द्वारा विदेशी मुद्रा में प्राप्त निर्यातगत/ बिक्रीगत आय को जमा करने के प्रयोजन से भारत से बाहर के बैंको में विदेशी मुद्रा खाते खोल सकते हैं। ऐसे खातों में धारित जमाराशियों को भारत से किये गए निर्यात की सीमा तक एवं समय-समय पर यथा-संशोधित 12 जनवरी 2016 को जारी विदेशी मुद्रा प्रबंधन (माल और सेवाओं का निर्यात) विनियमावली, 2015 के तहत निर्यातों की वसूली हेतु निर्धारित अवधि के भीतर भारत में प्रत्यावर्तित किया जाएगा ।

3. इसके अतिरिक्त, भारतीय स्टार्ट-अप अथवा उसकी समुद्रपारीय सहायक कंपनी द्वारा बिक्री / निर्यात पर उसे विदेशी मुद्रा में प्राप्त भुगतान राशियों को भारत में रखे हुए उस स्टार्ट-अप के मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा (ईईएफसी) खाते में रखे जाने हेतु इसे अनुमत क्रेडिट माना जाएगा।

4. "स्टार्ट-अप" का तात्पर्य किसी ऐसी इकाई (Entity) से है, जो औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 17 फरवरी 2016 जारी अधिसूचना सं. जी.एस.आर.180(ई) में निर्धारित शर्तों का अनुपालन करती हैं ।

5. इसके अतिरिक्त, भारत के बाहर विदेशी मुद्रा खाता खोलने की मौजूदा सुविधा, भारतीय जीवन बीमा निगम या भारतीय साधारण बीमा निगम और उनकी सहायक कंपनियों के लिए उपलब्ध है। इन बीमा निगमों और उनकी सहायक कंपनियों द्वारा अपने बीमा कारोबार हेतु किए जाने वाले आकस्मिक व्यय संबंधी जरूरतों को पूरा करने के प्रयोजन से इस नीति को और उदार बनाया गया है। तदनुसार, बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण के पास पंजीकृत कोई बीमा / पुनर्बीमा कंपनी अपने बीमा / पुनर्बीमा कारोबार के परिचालन हेतु भारत से बाहर के किसी बैंक में विदेशी मुद्रा खाता खोल सकती है।

6. प्राधिकृत डीलर श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने संबन्धित घटकों एवं ग्राहको को अवगत कराएं ।

7. तदनुसार रिजर्व बैंक ने 1 जून 2016 की अधिसूचना सं.फेमा 10(आर)/(1)/2016-आरबी के मार्फत यथा अधिसूचित एवं 1 जून 2016 को जी.एस.आर. सं.570 (ई) के तहत प्रकाशित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत में निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा (करेंसी) खाता) (संशोधन) विनियमावली, 2016 के रूप में इस विषय पर जारी विनियमावली को संशोधित किया है। इसके अलावा, जमाराशियों और खातों के विषय पर जारी मास्टर निदेश सं.14 में भी आवश्यक संशोधन किए गये हैं।

8. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किए गए हैं।

भवदीय

(ए के पाण्डेय)
मुख्य महाप्रंबधक

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