विदेशी मुद्रा प्रबंध (प्राप्ति और भुगतान का तरीका) विनियमावली, 2023 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (प्राप्ति और भुगतान का तरीका) विनियमावली, 2023
भारतीय रिज़र्व बैंक सं.फेमा 14 (आर)/2023-आरबी 21 दिसंबर 2023 विदेशी मुद्रा प्रबंध (प्राप्ति और भुगतान का तरीका) विनियमावली, 2023 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और दिनांक 02 मई 2016 की अधिसूचना सं. फेमा 14 (आर)/2016-आरबी का अधिक्रमण करते हुए, इस तरह के अधिक्रमण से पहले की गई या की जाने वाली चीजों को छोड़कर, रिज़र्व बैंक निम्नलिखित विनियमावली बनाता है, यथा: 1. संक्षिप्त शीर्षक और प्रारंभ- (1) इन विनियमों को विदेशी मुद्रा प्रबंध (प्राप्ति और भुगतान का तरीका) विनियमावली, 2023 कहा जाएगा। (2) वे सरकारी राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे। 2. परिभाषाएँ (1) इन विनियमों में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो, - i. 'अधिनियम' का अर्थ है विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42); ii. 'प्राधिकृत बैंक' का अर्थ वही है जो विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली- 2016, समय-समय पर यथासंशोधित, में दिया गया है। (2) इन विनियमों में प्रयुक्त किन्तु परिभाषित नहीं किए गए शब्दों और अभिव्यक्तियों के वही अर्थ होंगे जैसे उक्त अधिनियम में हैं। 3. प्राप्ति और भुगतान का तरीका- (1) अधिनियम या उसके अंतर्गत बनाए गए नियमों या विनियमों अथवा जारी किए गए निदेशों में अन्यथा उपबंधित किसी तरीके को छोड़कर, भारत में निवासी कोई भी व्यक्ति भारत के बाहर निवासी व्यक्ति को न तो भुगतान करेगा और न ही उससे भुगतान प्राप्त करेगा: बशर्ते, रिज़र्व बैंक भारत में निवासी व्यक्ति से आवेदन प्राप्त होने पर उसे भुगतान करने या प्राप्त करने की अनुमति उक्त अधिनियम के तहत दे सकता है। (2) भारत में निवासी व्यक्ति और भारत के बाहर निवासी व्यक्ति के बीच प्राप्ति और भुगतान, किसी प्राधिकृत बैंक अथवा प्राधिकृत व्यक्ति के माध्यम से और नीचे निर्दिष्ट तरीके से किया जाएगा, जब तक कि अन्यथा उपबंध न किया गया हो: (I) व्यापारिक लेनदेन - (क) निम्नलिखित देशों को पात्र वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात अथवा उनसे आयात के बदले प्राप्ति/ भुगतान निम्नानुसार किया जाएगा: (i) नेपाल और भूटान - भारतीय रुपये में, बशर्ते भारत से निर्यात के मामले में जहां नेपाल में स्थित आयातक को नेपाल राष्ट्र बैंक द्वारा विदेशी मुद्रा में भुगतान करने की अनुमति प्रदान की गयी हो, उक्त निर्यात की राशि के बदले इस प्रकार की प्राप्तियाँ विदेशी मुद्रा में हो सकती हैं; (ii) नेपाल और भूटान को छोड़कर एसीयू के सदस्य देश - एसीयू तंत्र के माध्यम से अथवा रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर प्राधिकृत व्यापारियों को जारी किए गए निदेशों के अनुसार: बशर्ते, आयातों के मामले में, जब एसीयू के सदस्य देश (नेपाल और भूटान के अलावा) से माल भारत भेजा जाता है, लेकिन आपूर्तिकर्ता एसीयू के सदस्य देशों से भिन्न किसी देश का निवासी है, तब भुगतान नीचे (iii) में निर्दिष्ट तरीके से किया जाए। (iii) एसीयू के सदस्य देशों से भिन्न देश – भारतीय रुपये में या किसी विदेशी मुद्रा में। (ख) इस उप-विनियम में निहित किसी बात के बावज़ूद, प्राप्तियां और भुगतान केन्द्र सरकार द्वारा बनाई गई मौजूदा विदेश व्यापार नीति में किए जाने वाले प्रावधानों के अनुसार भी किए जा सकते हैं। स्पष्टीकरण: 'एसीयू' (एशियाई समाशोधन संघ) शब्द का वही अर्थ होगा जैसा एसीयू करार के अनुच्छेद 1 में दिया गया है और एसीयू-तंत्र का अर्थ भी उसी के अनुरूप लगाया जाएगा। (II) व्यापारिक लेनदेन से भिन्न लेनदेन - प्राप्ति और भुगतान निम्नानुसार किया जाएगा- (i) नेपाल और भूटान - भारतीय रुपये में, बशर्ते भूटान में किए गए पारदेशीय निवेश के मामले में भुगतान विदेशी मुद्रा में भी किया जा सकता है; (ii) अन्य देश - भारतीय रुपये या किसी विदेशी मुद्रा में। (3) भारत में निवासी व्यक्ति और भारत के बाहर निवासी व्यक्ति, जो भारत की यात्रा पर आया हो, के बीच व्यापारिक लेनदेन से भिन्न किसी भी चालू खाता लेनदेन के लिए भारत में भुगतान या प्राप्ति केवल भारतीय रुपये में की जा सकती है। बशर्ते, विनियम 3 के अंतर्गत कोई भी भुगतान या प्राप्ति उक्त अधिनियम के अंतर्गत बनाए गए नियमों, विनियमों या जारी निदेशों के अनुसार खोले गए किसी बैंक खाते में डेबिट/ क्रेडिट के माध्यम से भी किया जा सकता है। (डॉ आदित्य गेहा) |