विदेशी मुद्रा प्रबंध (पारदेशीय निवेश) निदेश, 2022 - पारदेशीय निधियों में निवेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (पारदेशीय निवेश) निदेश, 2022 - पारदेशीय निधियों में निवेश
भा.रि.बैंक/2024-25/41 07 जून 2024 सभी श्रेणी-। प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया / महोदय विदेशी मुद्रा प्रबंध (पारदेशीय निवेश) निदेश, 2022 - पारदेशीय निधियों में निवेश प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों का ध्यान 22 अगस्त 2022 के एपी (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.12 द्वारा जारी विदेशी मुद्रा प्रबंध (पारदेशीय निवेश) निदेश, 2022 के पैराग्राफ 1(ix)(e) की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार मेजबान क्षेत्राधिकार के वित्तीय क्षेत्र विनियामक द्वारा विधिवत विनियमित किसी भी पारदेशीय निवेश निधि की यूनिटों में निवेश (प्रायोजक अंशदान सहित) को विदेशी पोर्टफोलियो निवेश माना जाएगा। इसके अलावा, फेम (ओआई) निदेश, 2022 के पैराग्राफ 1(ix)(e) और पैराग्राफ 24(1) के प्रावधानों के अनुसार, निवेश निधियों की "यूनिटों" में निवेश किया जा सकता है। 2. इस संबंध में, विभिन्न क्षेत्राधिकारों में निवेश निधियों को नियंत्रित करने वाले विनियामक ढांचों की विविधता को देखते हुए और अधिक स्पष्टता लाने के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंध (पारदेशीय निवेश) निदेश, 2022 में निम्नलिखित संशोधन किए जाते हैं: (ए) फेम (ओआई) निदेश, 2022 के मौजूदा पैराग्राफ 1(ix)(e) को निम्नलिखित से प्रतिस्थापित किया जाता है: मेजबान क्षेत्राधिकार के वित्तीय क्षेत्र विनियामक द्वारा विधिवत विनियमित किसी भी पारदेशीय निवेश निधि की यूनिटों या किसी भी अन्य लिखत (चाहे उसे कोई भी नाम दिया गया हो) में निवेश (प्रायोजक अंशदान सहित) विदेशी पोर्टफोलियो निवेश माना जाएगा। तदनुसार, आईएफएससी से भिन्न क्षेत्राधिकारों में, सूचीबद्ध भारतीय कंपनियां और निवासी व्यष्टि इस तरह का निवेश कर सकेंगे। यद्यपि, आईएफएससी में, कोई असूचीबद्ध भारतीय इकाई भी ओआई नियमावली की अनुसूची V के अंतर्गत किसी निवेश निधि या व्हीकल द्वारा जारी की गयी यूनिटों या किसी भी अन्य लिखत (चाहे उसे कोई भी नाम दिया गया हो) में ऐसा ओपीआई यथालागू सीमा तक कर सकती है। स्पष्टीकरण: इस पैराग्राफ के प्रयोजन के लिए ‘विधिवत विनियमित पारदेशीय निवेश निधि’ के अंतर्गत ऐसी निधियाँ भी शामिल होंगी जिनकी गतिविधियाँ मेजबान क्षेत्राधिकार के वित्तीय क्षेत्र विनियामक द्वारा किसी निधि प्रबंधक के माध्यम से विनियमित की जाएँगी।“ (बी) फेम (ओआई) निदेश, 2022 के मौजूदा पैराग्राफ 24 (1) को निम्नलिखित से प्रतिस्थापित किया गया है: "भारत में निवासी व्यक्ति, भारतीय संस्था या निवासी व्यष्टि होने के नाते, आईएफएससी में स्थापित किसी निवेश निधि या व्हीकल द्वारा यूनिटों या किसी अन्य लिखत (चाहे उसे कोई भी नाम दिया गया हो) में ओपीआई के रूप में निवेश (प्रायोजक अंशदान सहित) कर सकता है। तदनुसार, सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों और निवासी व्यष्टियों के अलावा, असूचीबद्ध भारतीय संस्थाएं भी आईएफएससी में इस तरह का निवेश कर सकती हैं।“ 3. दिनांक 22 अगस्त 2022 के एपी (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र सं.12 के माध्यम से जारी विदेशी मुद्रा प्रबंध (पारदेशीय निवेश) निदेश, 2022 को तदनुसार अद्यतन किया जाएगा ताकि उपर्युक्त परिवर्तनों को दर्शाया जा सके। प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने घटकों को अवगत कराएँ। 4. इस परिपत्र में निहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के अंतर्गत जारी किये गए हैं और ये किसी अन्य विधि/ कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/ अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालते हैं। भवदीय (एन सेंथिल कुमार) |