विदेशी मुद्रा प्रबंध (अनुमत पूंजी खाता लेनदेन) (संशोधन) विनियमावली, 2007 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (अनुमत पूंजी खाता लेनदेन) (संशोधन) विनियमावली, 2007
भाारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई 400 001.
अधिसूचना सं.फेमा. 165 /2007-आरबी
दिनांक अक्तूबर 10, 2007
विदेशी मुद्रा प्रबंध (अनुमत पूंजी खाता लेनदेन)
(संशोधन) विनियमावली, 2007
विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (2), धारा 47 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, केंद्रीय सरकार के परामर्श से विदेशी मुद्रा प्रबंध (अनुमत पूंजी खाता लेनदेन) विनियमावली, 2000 (मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.1/2000-आरबी) में संशोधन के लिए निम्नलिखित विनियम बनाता है, अर्थात्,
1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ
(i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (अनुमत पूंजी खाता लेनदेन) (संशोधन) विनियमावली, 2007 कहलाएंगे।
(ii) ये इन विनियमों में विशेष रूप से उल्लिखत तारीखों से लागू होंगे।*
2. विनियमावली में संशोधन
विदेशी मुद्रा प्रबंध (अनुमत पूंजी खाता लेनदेन) विनियमावली, 2000 में विनियम 4 उप-विनियम (क) में परंतुकों को निम्नलिखित परंतुकों से प्रतिस्थापित किया जाएगा, अर्थात् :-
"बशर्ते
(क) अधिनियम के प्रावधानों अथवा उसके तहत बनाए गए अथवा जारी किए गए नियमावली अथवा विनियमावली अथवा निदेश अथवा आदेश के अधीन निवासी व्यक्ति अनुसूची I में विनिर्दिष्ट किसी अनुमत पूंजी खाता लेनदेन के लिए प्राधिकृत व्यापारी से दिसंबर 20,2006 से 50,000 अमरीकी डॉलर तक प्रति वित्तीय वर्ष ,मई 8,2007 से 100,000 अमरीकी डॉलर तक प्रति वित्तीय और सितंबर 26,2007 से 200,000 अमरीकी डॉलर तक प्रति वित्तीय वर्ष विदेशी मुद्रा आहरित कर सकता है;
स्पष्टीकरण : समय-समय पर यथासंशोधित मई 3, 2000 की विदेशी मुद्रा प्रबंध (चालू खाता लेनदेन) नियमावली की अनुसूची III की मद सं.3 और 4 के अनुसार उपहार अथवा दान के प्रेषण के लिए निवासी व्यक्ति द्वारा विदेशी मुद्रा के आहरण को उपर्युक्त परंतुक (क) के तहत सीमा के अंदर शामिल किया जाएगा;
(ख) जहां निवासी व्यक्ति द्वारा अनुसूची I में विशेष रूप से उल्लिखित किसी अनुमत पूंजी खाता लेनदेन के लिए विदेशी मुद्रा का आहरण 50,000 अमरीकी डॉलर अथवा 100,000 अमरीकी डॉलर अथवा 200,000 अमरीकी डॉलर,जैसा मामला हो, प्रति वित्तीय वर्ष से अधिक होता है तो लेनदेन के लिए संगत विनियमों में विशेष रूप से उल्लिखित सीमा ऐसे आहरण के संबंध में लागू होगी।
बशर्ते आगे कि परंतुक (क) के तहत आहरित 50,000 अमरीकी डॉलर अथवा 100,000 अमरीकी डॉलर अथवा 200,000 अमरीकी डॉलर की विदेशी मुद्रा का कोई भी अंश वित्तीय कार्रवाई कार्यदल द्वारा समय-समय पर असहयोगी देशों और संघों के रूप में अधिसूचित और भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा सभी संबंधितों को सूचित देशों को प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप में प्रेषण के लिए उपयोग में नहीं लाया जाएगा। "
(सलीम गंगाधरन)
मुख्य महाप्रबंधक
पाद टिप्पणी :
1. *यह स्पष्ट किया जाता है कि ऐसे विनियमों के पूर्व प्रभावी होने से किसी भी व्यक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
2. मूल विनियमावली मई 5, 2000 के राजकीय गजट जी.एस.आर. सं. 384 (E) द्वारा भाग II, खण्ड 3, उप खण्ड (i) में प्रकाशित किए गए थे और बाद में 23.3.2004 के जी.एस.आर. 207 (E) द्वारा संशोधित किए गए।
जी. एस. आर. सं. 14(E)/जनवरी 5, 2008
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