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विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिसंपत्तियों का प्रेषण) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2003

भारतीय रिज़र्व बैंक
विदेशी मुद्रा विभाग
केंद्रीय कार्यालय
मुंबई 400 001.

अधिसूचना सं.फेमा 97/2003-आरबी

दिनांक: 08 जुलाई , 2003

विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिसंपत्तियों का प्रेषण)
(द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2003

विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग और दिनांक 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 13/2000-आरबी और 13 मई 2002 की अधिसूचना सं.फेमा 62/2002-आरबी में आंशिक आशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिसंपत्तियों का प्रेषण) (संशोधन) विनियमावली, 2000, में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्,

संक्षिप्त नाम और प्रारंभ

1. (i) यह विनियमावली,"विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिसंपत्तियों का प्रेषण) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली, 2003 " कहलाएगी।

(ii) यह भारत सरकार के सरकारी गजट में प्रकाशन की तारीख से लागू होंगी।

विनियमावली में संशोधन

2. विदेशी मुद्रा प्रबंध (परिसंपत्तियों का प्रेषण)विनियमावली, 2000 के विनियम 4 में

(क) (i) उप-विनियम (2) में शब्दों और अंकों के लिए
" 1,0 000 अमरीकी डॉलर ( केवल एक लाख अमरीकी डॉलर )" शब्दों के बदले " 1,00,000 अमरीकी डॉलर ( केवल एक मिलियन अमरीकी डॉलर )" प्रतिस्थापित किया जायेगा ।

(ii) खंड (क) के बदले निम्नलिखित खंड प्रतिस्थापित किया जायेगा , अर्थात्;
" (क) प्रेषणक द्वारा परिसंपत्ति के अभिग्रहण , उत्तराधिकार या वसीयत के समर्थन में दस्तावेजी साक्ष्य , और "

(ख) उप-विनियम (3) के बदले निम्नलिखित उप-विनियम प्रतिस्थापित किया जायेगा , अर्थात्;
" कोई अनिवासी भारतीय (एनआरआई) /भारतीय मूल का का व्यक्ति /भारत में अपने एनआरओ खाते में जमा राशियों से / परिसंपत्ति /वसीयत से अभिग्रहीत परिसंपत्ति की विक्री आाय से उप-विनियम (2)(क) और (ख) में उल्लिखित दस्तावेज प्रस्तुत करने पर प्रति कैलेंडर वर्ष अधिकतम् 1,00, 000 अमरीकी डॉलर ( केवल एक मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र ) राशि प्रेषित कर सकता है ;

बशर्ते कि अचल सपत्ति की विक्री आय के प्रेषण के संबंध में सपत्ति/ विक्री थाय दोनों ही मोलाकर कम से कम 10 वर्ष तक धारित हो

इसके अलावा , त्यह भी कि जहाँ प्रेषण एक से अधिक किस्तों में भेजा जाता है , वहाँ सभी किस्तों का प्रेषण उसी प्राधिकृत व्यापारी के माध्यम से किया जाये ।"

3. विनियम 6 के उप-विनियम (1) के खंड (i) के बदले निम्नलिखित खंड प्रतिस्थापित किया जायेगा , अर्थात्;

" (i) कैलेंडर वर्ष में 1,00, 000 अमरीकी डॉलर ( केवल एक मिलियन अमरीकी डॉलर मात्र ) से अधिक प्रेषण,

(क) भारत के बाहर का स्थायी निवासी विदेशी नागरिक को वसीयत या उत्तराधिकार के कारण

(ख) अनिवासी भारतीय (एनआरआई) /भारतीय मूल के व्यक्ति द्वारा भारत में एनआरओ खारे में जमा राशियों/ परिसंपत्तियो. की विक्री आय उत्तराधिकार/ वसीयत में अभिगरहीत परिसंपत्तियों की विक्री आय उत्तराधिकार वसीयत में अभिग्रहीत परिसंपत्ति से ..?

(उषा थोरात)
कार्यपालक निदेशक

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