विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा जारी करना ) (संशोधन) विनियमावली, 2002 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा जारी करना ) (संशोधन) विनियमावली, 2002
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं.फेमा.59/2002-आरबी दिनांक:24 अप्रैल ,2002 विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा जारी करना ) विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (क) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 19/2000-आरबी के आंशिक संशोधन में,भारतीय रिज़र्व बैंक, समय-समय पर यथा संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा जारी करना )विनियमावली,2000 में, निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्, (i)इन विनियमों को "विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा जारी करना ) विनियमावली,2002" कहा जायेगा । 2. विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा जारी करना) विनियमावली, 2000 में, (1) विनियम 21में , (क) भारत में निवासी कोई व्यक्ति, व्यक्तिगत रूप से कंपनी में किसी निदेशक का पद धारण करने के लिए में भारत के बाहर निगमित किसी कंपनी द्वारा जारी विदेशी प्रतिभूतियां अर्हता शेयर के रूप में अर्जित कर सकता है :- बशर्ते कि ; (ख) भारत में निवासी कोई व्यक्ति,व्यक्तिगत के रूप से खंड (क) के परंतुक में दी गई सीमाओं से अधिक भारत के बाहर किसी कंपनी में अर्हता शेयरों के अर्जन हेतु प्राप्त करना चाहता है तो पूर्व में अनुमोदन के लिए भारतीय रिजर्व बंक को आवेदन करना चाहिए। (ii) उप-विनियम (1) में निम्नलिखित को खंड (ग) के रूप में जोड़ा जाये और वर्तमान खंड (ग) (घ)के रूप में पुन: वर्णित करें। (ग) भारत मेंनिवासी कोई व्यक्ति,व्यक्तिगत के रूप से भारत के बाहर निगमित किसी कंपनी में अधिकारी शेयरों के मार्ग से विदेशी प्रतिभूतियां अर्जित कर सकता है :- बशर्ते कि ; 2. विनियम 16 के परंतुक में निम्नलिखित को शामिल किया जाये :- बशर्ते कि ; (कि.ज.उदेशी ) |