विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (दूसरा संशोधन) विनियमावली, 2003 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (दूसरा संशोधन) विनियमावली, 2003
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं.फेमा.88/2003-आरबी दिनांक : 01 अप्रैल, 2003 विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 19/2000-आरबी में , आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2000, में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्, 1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ (i) यह विनियमावली, विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2003 कहलाएगी। 2. विनियमावली में संशोधन विदेशी मुद्रा प्रबंध (विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2000 के विनियम (क) 6 में निम्नलिखित जोड़ा जायेगा :- " 6 अ. समुद्रपारीय पंजीकृत कंपनियों की इक्विटी में प्रत्यक्ष निवेश की अनुमति (i) सूचीबध्द भारतीय कंपनी द्वारा निवेश के मामले में , निवेश नवीनतम् लैखा परीक्षति तुलनपत्र में दर्शायी गई शुध्द मालियत के 25 से अधिक न हो,; (ii) म्युचुअल फंड द्वारा निवेश के मामले में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा समय समय पर नियत सीमा से अधिक न हो,; (iii) समुद्रपारीय कंपनी के शेयरों की खरीद व बिक्री से संबंधित प्रत्येक लेनदेन भारत में नामित किसी प्राधिकृत व्यापारी शाखा के माध्यम से किया जाए। " (कि.ज.उदेशी ) |