अधिसूचना सं.फेमा 181/आरबी - 2008 | अक्तूबर 1, 2008 | |
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विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रति?ाझति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2008 |
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विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद् द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रति?ाझति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2004 (जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं. फेमा.120/आरबी-2004) में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्, 1. संक्षिप्त नाम और प्रारं?ा :- (i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रति?ाझति का अंतरण अथवा निर्गम) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली 2008 कलाएंगे। (ii) इन विनियमों में विर्निदिष्ट तारीखों से ये विनियम लागू समझे जाएंगे। 2. विनियम 2 में संशोधन :- विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रति?ाझति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2004 (जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं. फेमा.120/आरबी-2004,अब से आगे ’मूल विनियमावली’ के रूप में उल्लिखित) में,विनियम (2) में, खंड (थ क) के बाद निम्नलिखित नए खंड को जोड़ा जाएगा और जून 2008 के सत्ताईस वें दिन से जोड़ा गया समझा जाएगा, अर्थात् :- |
"(थ ख)’न्यास’ का तात्पर्य भारतीय न्यास अधिनियम, 1882 के तहत पंजीकृत न्यास है।" "(थ ग) ’सोसाइटी’ का तात्पर्य, सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम,1860 के तहत पंजीकृत सोसाइटी है।" |
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3. भाग I में नया विनियम जोड़ना :- |
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मूल विनियमावली में, भाग I में, विनियम 9 के बाद निम्नलिखित विनियम जोड़ा जाएगा और जून 2008 के सत्ताईस वें दिन से जोड़ा गया समझा जाएगा, अर्थात् :- |
"9 अ पंजीकृत न्यास / सोसाइटी द्वारा समुद्रपारीय निवेश :- अधिसूचना की अनुसूची III के अनुसार मानदंड़ों को पूरा करनेवाले विनिर्माण / शैक्षणिक क्षेत्र में कार्यरत पंजीकृत न्यास और सोसाइटी रिज़र्व बैंक की पूर्वानुमति से भारत के बाहर संयुक्त उद्यम / पूर्ण स्वामित्ववाली सहायक संस्थाओं में उसी क्षेत्र में निवेश कर सकते हैं।" |
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4. नई अनुसूची जोड़ना :- मूल विनियमावली में, अनुसूची II में, निम्नलिखित विनियम जोड़ा जाएगा और जून 2008 के सत्ताईस वें दिन से जोड़ा गया समझा जाएगा, अर्थात् :- |
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अनुसूची III (विनियम 9 अ देखें) पंजीकृत न्यास/ सोसाइटी द्वारा समुद्रपारीय निवेश |
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पंजीकृत न्यास/ सोसाइटी द्वारा समुद्रपारीय निवेश के लिए मानदंड़ |
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न्यास |
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i) न्यास भारतीय न्यास अधिनियम, 1882 के तहत पंजीकृत होना चाहिए। ii) न्यास विलेख प्रस्तावित समुद्रपारीय निवेश की अनुमति देता है। iii) प्रस्तावित निवेश न्यासी / न्यासियों द्वारा अनुमोदित होना चाहिए। iv) प्राधिकृत व्यापारी इस बात से संतुष्ट है कि न्यास अपने ग्राहकों को जानिए (केवाईसी) का अनुपालक है और जायज़ कार्यकलाप करता है। v) न्यास कम से कम तीन वर्षों से कार्यरत है। vi) न्यास, प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो जैसे किसी विनियामक /प्रवर्तन एजेंसी की प्रतिकूल सूची के अधीन नहीं है। |
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सोसाइटी |
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i) सोसाइटी को सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत होना चाहिए। ii) संस्था के बर्हिनियम और नियम और विनियम सोसाइटी को प्रस्तावित निवेश की अनुमति देते हैं जिसे शासी निकाय/परिषद अथवा प्रबंधन/कार्यकारी समिति द्वारा भी अनुमोदित होना चाहिए। iii) प्राधिकृत व्यापारी बैंक संतुष्ट है कि प्राधिकृत व्यापारी इस बात से संतुष्ट है कि सोसाइटी अपने ग्राहकों को जानिए (केवाईसी) का अनुपालक है और जायज़ कार्यकलाप करता है। iv) सोसाइटी कम से कम तीन वर्षों से कार्यरत है। v) सोसाइटी, प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय जांच ब्यूरो जैसे किसी विनियामक /प्रवर्तन एजेंसी की प्रतिकूल सूची के अधीन नहीं है। पंजीकरण के अलावा,क्रियाकलाप, जिन्हें गृह मंत्रालय,भारत सरकार अथवा संबंधित स्थानीय प्रधिकरण, जैसा मामला हो, से विशेष लाइसेंस /अनुमति की आवश्यकता है,के संबंध में प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक यह सुनिश्चित करे कि आवेदक ने ऐसा विशेष लाइसेंस /अनुमति प्राप्त किया है। |
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5. विनियम 11 में संशोधन :- मूल विनियमावली में, भाग I में, विनियम 11 में, उप विनियम (1) के परंतुक में, "निर्यात प्राप्य निर्यात की तारीख से छ: महीने की अवधि से परे अप्राप्य रहीं हैं" शब्दों को "निर्यात प्राप्य निर्धारित प्राप्य अवधि से परे अप्राप्य रहीं हैं" शब्दों से प्रतिस्थापित किया जाएगा और जून 2008 के तीसरे दिन से प्रतिस्थापित किया गया समझा जाएगा। 6. विनियम 9 अ में संशोधन :- विनियमावली 9 अ में," विनिर्माण / शैक्षणिक क्षेत्र "शब्दों के बाद" और जिन्होंने भारत में अस्पताल (अस्पतालें)स्थापित किया है "शब्दों को जोड़ा जाएगा और अगस्त 2008 के तेरहवें दिन से जोड़ा गया समझा जाएगा। |
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(सलीम गंगाधरन) प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक |
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पाद टिप्पणी : |
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(i) विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2004 सरकारी राजपत्र में दिनांक नवंबर 19, 2004 को जी.एस.आर. सं.757(E) में प्रकाशित किए गए और तत्पश्चात् निम्नलिखित द्वारा संशोधित किए गए : |
अप्रैल 7, 2005 के जी.एस.आर.220(E) मई 27, 2005 के जी.एस.आर.337(E) अगस्त 31, 2005 के जी.एस.आर. सं. 552(E) सितंबर 6,2006 के जी.एस.आर. सं. 535(E) जनवरी 5, 2008 के जी.एस.आर. सं.13(E) मार्च 25, 2008 के जी.एस.आर. सं. 209(E) ------------ के जी.एस.आर. सं.-------------- -------------के जी.एस.आर. सं.-------------- |
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(ii) यह स्पष्ट किया जाता है कि इस विनियम के पूर्वव्यापी प्रभाव से किसी व्यक्ति पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। |
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जी. एस. आर. सं.756(E)/अक्तूबर 31, 2008 | |