विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रति?ाझति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2008 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रति?ाझति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2008
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विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रति?ाझति का |
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विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक एतद् द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रति?ाझति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2004 (जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं. फेमा.120/आरबी-2004) में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्,
1. संक्षिप्त नाम और प्रारं?ा :- (i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रति?ाझति का अंतरण अथवा निर्गम) (द्वितीय संशोधन) विनियमावली 2008 कलाएंगे। (ii) इन विनियमों में विर्निदिष्ट तारीखों से ये विनियम लागू समझे जाएंगे। 2. विनियम 2 में संशोधन :- विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रति?ाझति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2004 (जुलाई 7, 2004 की अधिसूचना सं. फेमा.120/आरबी-2004,अब से आगे ’मूल विनियमावली’ के रूप में उल्लिखित) में,विनियम (2) में, खंड (थ क) के बाद निम्नलिखित नए खंड को जोड़ा जाएगा और जून 2008 के सत्ताईस वें दिन से जोड़ा गया समझा जाएगा, अर्थात् :- |
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3. भाग I में नया विनियम जोड़ना :- |
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मूल विनियमावली में, भाग I में, विनियम 9 के बाद निम्नलिखित विनियम जोड़ा जाएगा और जून 2008 के सत्ताईस वें दिन से जोड़ा गया समझा जाएगा, अर्थात् :- |
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4. नई अनुसूची जोड़ना :- |
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अनुसूची III |
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पंजीकृत न्यास/ सोसाइटी द्वारा समुद्रपारीय निवेश के लिए मानदंड़ |
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न्यास | ||
i) न्यास भारतीय न्यास अधिनियम, 1882 के तहत पंजीकृत होना चाहिए। |
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सोसाइटी | ||
i) सोसाइटी को सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत होना चाहिए। |
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5. विनियम 11 में संशोधन :- |
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(सलीम गंगाधरन) |
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पाद टिप्पणी :
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(i) विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2004 सरकारी राजपत्र में दिनांक नवंबर 19, 2004 को जी.एस.आर. सं.757(
E) में प्रकाशित किए गए और तत्पश्चात् निम्नलिखित द्वारा संशोधित किए गए :
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(ii) यह स्पष्ट किया जाता है कि इस विनियम के पूर्वव्यापी प्रभाव से किसी व्यक्ति पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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