विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2005 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (तीसरा संशोधन) विनियमावली, 2005
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं.फे मा.139/2005-आरबी 11 अगस्त, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (क) और धारा 47 की उप-धारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक इसके द्वारा विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2004 (7 जुलाई 2004 की अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी-2004) में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्, 1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ :- (i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (तृतीय संशोधन) विनियमावली 2005 कहलाएगी। (ii) ये 12 मई 2005 से लागू समझी जाएंगी।@ 2. विनियमावली में संशोधन :- विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2004 में :- (क) विनियम 6, उप-विनियम 2 के खण्ड (i) में, "शुद्ध मालियत के 100 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा" शब्दों को "शुद्ध मालियत के 200 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा" शब्दों से प्रतिस्थापित किया जाएगा। (ख) विनियम 6 में, उप-विनियम (2) के खण्ड (i) के स्पष्टीकरण में, "शुद्ध मालियत के 100 प्रतिशत की सीमा के अंदर" शब्दों और अंकों को "शुद्ध मालियत के 200 प्रतिशत की सीमा के अंदर" शब्दों और अंकों से प्रतिस्थापित किया जाएगा। विनय बैजल पाद टिप्पणी : (i) विदेशी मुद्रा प्रबंध (किसी विदेशी प्रति भझति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली,2004 नवंबर 19, 2004 केध सरकारी राजपत्र जी.एस.आर. सं.757(E) में प्रकाशित हुई थी, तत्पश्चात् इसे मार्च 31, 2005 के सरकारी राजपत्र जी.एस.आर.सं.220(E) और. . . . . . . . . के जी.एस.आर. सं. . . . . . . . . द्वारा संशोधित किया गया है । (ii) @ यह स्पष्ट किया जाता है कि ऐसे नियमावली को पूर्वव्यापी प्रभाव देने से किसी पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा । |