विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2005 - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (संशोधन) विनियमावली, 2005
भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. फेमा.130/2005-आरबी दिनांक 17 मार्च,2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग तथा दिनांक 3 मई 2000 की इसकी अधिसूचना सं. फेमा 20/2000-आरबी में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक समय-समय पर यथासंशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2000, में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्, संक्षिप्त नाम और प्रारंभ (i) यह विनियमावली विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम)(संशोधन) विनियमावली 2005 कहलाएगी। (ii) ये संशोधन सरकारी राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे। 2. विनियमावली में संशोधन विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 में, क) अनुसूची 1 के संलग्नक अ कें, पैरा (अ) में, (i) मद सं.1 निकाल दिया जाएगा तथा वर्तमान मद 2 से 12 को 1 से 11 के रूप में संख्या दी जाएगी। (ii) वर्तमान मद सं.2 में निम्नलिखित जोड़ा जाए, अर्थात् : ख) अनुसूची 1 के संलग्नक आ में दर्शाए गए टेबल में, (i) वर्तमान मद सं.5 को मद सं. 5(i) तथा (ii) के रूप में संख्या दी जाएगी तथा निम्नलिखित उप-मदें क्रमश: क्षेत्र, निवेश सीमा, कार्यकलाप/मदों/शर्तों का वर्णन शीर्षक के अंतर्गत जोड़ी जाएंगी अर्थात:
(iii) मद सं.21 के बाद, क्षेत्र, निवेश सीमा, कार्यकलाप/मदों/शर्तों के वर्णन शीर्षकों के अंतर्गत, निम्नलिखित क्रमश: जोड़े जाएंगे, अर्थात् :
(एफ.आर.जोसफ) पाद टिप्पणी : मूल विनियमावली सरकारी राजपत्र में दिनांक मई 8, 2000 के जी.एस.आर. सं.406(E) में भाग II, धारा 3, उप-धारा (i) में प्रकाशित किया गया है और तत्पश्चात् निम्नानुसार संशोधित किया गया है :- दिनांक 02.03.2001 का जीएसआर सं.158(E) |