भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई 400 001. अधिसूचना सं.फेमा.137/2005-आरबी दिनांक : 22 जुलाई 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) ( चौथा संशोधन) विनियमावली, 2005 विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उपधारा (3) के खंड (ख) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा 20/2000-आरबी) में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात्, 1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ :- (i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम)(चौथा संशोधन) विनियमावली 2005 कहलाएंगे। (ii) ये सरकारी राजपत्र में प्रकाशित होने की तारीख से लागू होंगे। 2. विनियमावली में संशोधन :- विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 में, विनियम 10 में, "उप-विनियम (अ) में,खण्ड (क) से प्रतिस्थापित किया जायेगा । "(क)" (i) उपहार के तौर पर , कोई प्रतिभूति , भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमोदन हेतु आवेदन करे । (ii) भारतीय रिजर्व बैंक निम्नलिखित शर्तों से संतुष्ट होने पर ऐसा अनुमोदन दे सकता है : (क) इस विनियमावली की सूची 1, 4 तथा 5 के अंतर्गत आदाता ऐसी प्रतिभूति धारित करने का पात्र है । ख) उपहार भारतीय कंपनी की प्रदत्त पूंजी / डिबेंचर की प्रत्येक सिरीज़ / प्रत्येक म्युचुअल फंड योजना के 5 प्रतिशत से अधिक न हो। ग) भारतीय कंपनी में लागू सेक्टोरल कैप/ विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का उल्लंघन नहीं किया जाता है घ) दाता और आदाता कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 6 में दी गई परिभाषा के अनुसार रिश्तेदार हों। ङ) दाता द्वारा अंतरित किए जानेवाले प्रतिभूति का मूल्य कैलेंडर वर्ष में भारत के बाहर रहनेवाले किसी भी व्यक्ति को उपहार के रूप में अंतरित किसी प्रतिभूति के मूल्य के साथ 25,000 अमरीकी डालर के समकक्ष रुपए से अधिक न हो। च) ऐसी अन्य शर्ते जो लोक हित में रिज़र्व बैंक को आवश्यक लगें। (iii) उप खंड (i) में संदर्भित अनुमोदन के आवेदन में निम्नलिखित जानकारी / दस्तावेज शामिल हो :- क) दाता और आदाता का नाम और पता ख) दाता और आदाता के बीच का रिश्ता ग) उपहार देने का कारण घ) सरकारी दिनांकित प्रतिभूति और खजाना बिल और बांडों के मामले में ऐसे प्रतिभूतियों के बाज़ार मूल्य पर सनदी लेखाकार द्वारा जारी किया गया प्रमाणपत्र। ङ) घरेलू म्यूचअल फंड और मनी मार्केट म्युचुअल फंड के यूनिटों के मामले में ऐसे प्रतिभूति के निवल आस्ति मूल्य के संबंध में जारीकर्ता से प्राप्त प्रमाणपत्र । च) शेयरों और डिबेंचरों के मामले में, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अथवा पूर्ववर्ती सीसीआइ द्वारा क्रमश: सूचीबद्ध कंपनियों और असूचीबद्ध कंपनियों के संबंध में जारी दिशानिर्देशों के अनुसार ऐसी प्रतिभूतियों के मूल्य के संबंध में सनदी लेखाकार से प्राप्त एक प्रमाणपत्र । छ) संबंधित भारतीय कंपनी से प्राप्त इस आशय का प्रमाणपत्र कि निवासी से अनिवासी को भेंट के रूप में शेयर / परिवर्तनीय डिबेंचरों के प्रस्तावित अंतरण लागू सेक्टोरल कैप / कंपनी में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की सीमा का उल्लंघन नहीं करता है और कि अनवासी अंतरणकर्ता द्वारा धारित शेंयर/परिवर्तनीय डिबेंचरों की प्रस्तावित संख्या कंपनी के प्रदत्त पूंजी के 5 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी।" (विनय बैजल) मुख्य महाप्रबधक
पाद टिप्पणी : मूल विनियमावली सरकारी राजपत्र में दिनांक मई 3, 2000 के जी.एस.आर. सं.406(E) में भाग II खंड 3, उप-खंड (i) में प्रकाशित किए गए हैं और तत्पश्चात् निम्नानुसार संशोधित किए गए हैं- दिनांक 02.03.2001 का जीएसआर सं.158(E) दिनांक 13.03.2001 का जीएसआर सं.175(E) दिनांक 14.03.2001 का जीएसआर सं.182(E) दिनांक 02.01.2002 का जीएसआर सं.4(E) दिनांक 18.08.2002 का जीएसआर सं.574(E) दिनांक 18.03.2003 का जीएसआर सं.223(E) दिनांक 18.03.2003 का जीएसआर सं.225(E) दिनांक 22.07.2003 का जीएसआर सं.558(E) दिनांक 23.10.2003 का जीएसआर सं.835(E) दिनांक 22.11.2003 का जीएसआर सं.899(E) दिनांक 07.01.2004 का जीएसआर सं.12(E) दिनांक 23.04.2004 का जीएसआर सं.278(E) दिनांक 16.07.2004 का जीएसआर सं.454(E) दिनांक 21.09.2004 का जीएसआर सं.625(E) दिनांक 08.12.2004 का जीएसआर सं.799(E) दिनांक 01.04.2005 का जीएसआर सं.201(E) दिनांक 01.04.2005 का जीएसआर सं.202(E) |