भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा विभाग केंद्रीय कार्यालय मुंबई- 400 001 अधिसूचना सं.फेमा. 385/2017-आरबी 03 मार्च 2017 विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (दूसरा संशोधन) विनियमावली, 2017 भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 6 की उप-धारा (3) के खंड (बी) और धारा 47 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.20/2000-आरबी) में निम्नलिखित संशोधन करता है, अर्थात :- 1. संक्षिप्त नाम और प्रारंभ:- (i) ये विनियम विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) (दूसरा संशोधन) विनियमावली, 2017 कहलाएंगे। (ii) वे सरकारी राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे। 2. विनियमों में संशोधन ए. विदेशी मुद्रा प्रबंध (भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति द्वारा प्रतिभूति का अंतरण अथवा निर्गम) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं.फेमा.20/2000-आरबी) में, विनियम 5 के मौजूदा उप-विनियम (9) को निम्नलिखित से प्रतिस्थापित किया जाएगा, अर्थात: "5(9) भारत से बाहर का निवासी कोई व्यक्ति (पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिक से भिन्न) अथवा भारत से बाहर निगमित कोई एंटीटी (पाकिस्तान और बांग्लादेश की एंटिटी से भिन्न) जो कि सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) अथवा विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) अथवा विदेशी वेंचर कैपिटल निवेशक नहीं है, या तो पूंजीगत अंशदान के माध्यम से अथवा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के अंतर्गत सीमित देयता भागीदारी फ़र्मों (LLP) के पूंजीगत ढांचे में शेयरों से प्राप्त लाभार्जन के अधिग्रहण/ अंतरण के जरिए योगदान करते हुए विदेशी निवेश कर सकते हैं बशर्ते कि अनुसूची 9 में दी गई शर्तों का अनुपालन किया जाए।" बी. अनुसूची 9 को निम्नलिखित से प्रतिस्थापित किया जाएगा, अर्थात “अनुसूची 9 [कृपया विनियम 5(9) देखें] यह योजना सीमित देयता भागीदारी अधिनियम, 2008 के अंतर्गत गठित और पंजीकृत सीमित देयता भागीदारी फर्म (LLP) में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI-LLP) की योजना कहलायेगी । 1. पात्र निवेशक : भारत से बाहर का निवासी कोई व्यक्ति (पाकिस्तान और बांग्लादेश के नागरिक से भिन्न) अथवा भारत से बाहर निगमित कोई एंटीटी (पाकिस्तान और बांग्लादेश की एंटिटी से भिन्न) जो कि सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (RFPI) अथवा विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) अथवा विदेशी वेंचर पूंजी निवेशक नहीं है, पूंजीगत अंशदान के माध्यम से अथवा सीमित देयता भागीदारी फ़र्मों (LLP) के पूंजीगत ढांचे में शेयरों से प्राप्त लाभार्जन के अधिग्रहण/ अंतरण के जरिए योगदान करते हुए विदेशी निवेश कर सकते हैं। 2. पात्र निवेश किसी एलएलपी (LLP) की पूंजी में अंशदान इस योजना के अंतर्गत पात्र निवेश होगा । नोट: 'शेयरों का लाभार्जन' (profit share) के द्वारा किया गया निवेश अर्जन के पुनर्निवेश की श्रेणी में आयेगा । 3. एलएलपी (LLP) की पात्रता एलएलपी (LLP) में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति निम्नलिखित शर्तों के अधीन होगी:
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प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त करने के लिए ऐसी एलएलपी (LLP) पात्र होगी जो उन क्षेत्रों/ गतिविधियों में परिचालन करती है, जहां स्वचालित मार्ग के तहत 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति है और एफ़डीआई संबंधी कार्यनिष्पादन की शर्तें लागू नहीं हैं। ऐसे क्षेत्रों का सुनिश्चय करने के लिए, इन विनियमों की अनुसूची 1 का अनुबंध 'बी' देखें।
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कोई भारतीय कंपनी अथवा एलएलपी (LLP), जिसके पास विदेशी निवेश है, उसे किसी ऐसी कंपनी अथवा एलएलपी (LLP) में डाऊनस्ट्रीम निवेश करने की अनुमति है, जो उन क्षेत्रों/ गतिविधियों में परिचालन करती है, जहां स्वचालित मार्ग के तहत 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति है और एफ़डीआई संबंधी कार्यनिष्पादन की शर्तें लागू नहीं हैं। उपर्युक्त शर्तों के अनुपालन को सुनिश्चित करने का दायित्व उस भारतीय कंपनी / एलएलपी (LLP) पर होगा जो डाऊनस्ट्रीम निवेश स्वीकृत करती है।
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एलएलपी (LLP) में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) सीमित देयता भागीदारी अधिनियम, 2008 की शर्तों के अधीन होगा।
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कोई कंपनी, जिसके पास विदेशी निवेश है, वह स्वचालित मार्ग के तहत एलएलपी (LLP) में तभी परिवर्तित हो सकती है, यदि वह उन क्षेत्रों से संलग्न है, जिनमें स्वचालित मार्ग के तहत 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति है और एफ़डीआई संबंधी कार्यनिष्पादन की शर्तें लागू नहीं हैं।
4. कीमत निर्धारण पूंजी में अंशदान अथवा शेयरों के लाभार्जन अंतरण के मार्फत एलएलपी (LLP) में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) हेतु कीमत निर्धारण किसी अंतर्राष्ट्रीय रूप से स्वीकार की गयी प्रणाली/ बाज़ार व्यवहार के अनुसार स्वीकृत मूल्यांकन मानकों के अनुसार आकलित उचित मूल्य से अधिक अथवा उसके समान होगा (इसे इसके पश्चात "पूंजी अंशदान का उचित मूल्य / एलएलपी का शेयर लाभर्जन" कहा गया है।) और इस आशय का प्रमाणपत्र किसी सनदी लेखाकार अथवा पेशेवर कॉस्ट एकाउंटेंट अथवा केंद्र सरकार के पैनल के अनुमोदित मूल्यांकनकर्ता द्वारा जारी किया जाएगा। किसी निवासी से किसी अनिवासी को पूंजी अंशदान/ शेयर-लाभर्जन के अंतरण के मामले में, एलएलपी के पूंजी अंशदान/ शेयर-लाभर्जन के लिए प्रतिफल 'उचित मूल्य' के समान अथवा उससे अधिक होगा। इसके अलावा, किसी अनिवासी से निवासी को पूंजी अंशदान/ शेयर-लाभर्जन के अंतरण हेतु प्रतिफल एलएलपी के पूंजी अंशदान/ शेयर-लाभर्जन के उचित मूल्य से कम अथवा समान होगा। 5. भुगतान का तरीका निवेशक द्वारा एलएलपी के पूंजी अंशदान के लिये भुगतान निम्न तरीके से किया जाएगा :
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बैंकिंग चैनल से आवक विप्रेषण के रूप में ; अथवा
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विदेशी मुद्रा प्रबंध (जमा) विनियमावली, 2016, समय-समय पर यथा संशोधित, के अनुसार संबंधित व्यक्ति के किसी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक के पास रखे एनआरई/ एफसीएनआर(बी) खाते को डेबिट करके।
6. रिपोर्टिंग
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LLP में किए गए विदेशी निवेश और निवासी और अनिवासियों के बीच पूंजी में अंशदान तथा शेयर-लाभार्जन के विनिवेश/ अंतरण संबंधी रिपोर्टिंग भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय–समय पर यथानिर्धारित तरीके से की जाएगी।
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चालू वर्ष सहित पिछले वर्ष (वर्षों) में विदेशी निवेश प्राप्त करने वाली सभी एलएलपी (LLP's) को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर यथा निर्धारित "विदेशी देयताओं और संपत्ति संबंधी वार्षिक विवरणी" नामक रिपोर्ट प्रत्येक वर्ष के जुलाई महीने की 15 तारीख को या उससे पहले भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रेषित करनी होंगी।
(शेखर भटनागर) प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक
पाद-टिप्पणी :- मूल विनियमावली 8 मई 2000 को जी.एस.आर.सं.406 (अ) भाग-।।, खंड 3, उप-खंड (i) के तहत सरकारी राजपत्र के में प्रकाशित और तत्पश्चात निम्नलिखित द्वारा संशोधित की गयी:- जी.एस.आर. सं. 158(अ) दिनांक 02.03.2001 जी.एस.आर. सं. 175(अ) दिनांक 13.03.2001 जी.एस.आर. सं. 182(अ) दिनांक 14.03.2001 जी.एस.आर. सं. 4(अ) दिनांक 02.01.2002 जी.एस.आर. सं. 574(अ) दिनांक 19.08.2002 जी.एस.आर. सं. 223(अ) दिनांक 18.03.2003 जी.एस.आर. सं. 225(अ) दिनांक 18.03.2003 जी.एस.आर. सं. 558(अ) दिनांक 22.07.2003 जी.एस.आर. सं. 835(अ) दिनांक 23.10.2003 जी.एस.आर. सं. 899(अ) दिनांक 22.11.2003 जी.एस.आर. सं. 12(अ) दिनांक 07.01.2004 जी.एस.आर. सं. 278(अ) दिनांक 23.04.2004 जी.एस.आर. सं. 454(अ) दिनांक 16.07.2004 जी.एस.आर. सं. 625(अ) दिनांक 21.09.2004 जी.एस.आर. सं. 799(अ) दिनांक 08.12.2004 जी.एस.आर. सं. 201(अ) दिनांक 01.04.2005 जी.एस.आर. सं. 202(अ) दिनांक 01.04.2005 जी.एस.आर. सं. 504(अ) दिनांक 25.07.2005 जी.एस.आर. सं. 505(अ) दिनांक 25.07.2005 जी.एस.आर. सं. 513(अ) दिनांक 29.07.2005 जी.एस.आर. सं. 738(अ) दिनांक 22.12.2005 जी.एस.आर. सं. 29(अ) दिनांक 19.01.2006 जी.एस.आर. सं. 413(अ) दिनांक 11.07.2006 जी.एस.आर. सं. 712(अ) दिनांक 14.11.2007 जी.एस.आर. सं. 713(अ) दिनांक 14.11.2007 जी.एस.आर. सं. 737(अ) दिनांक 29.11.2007 जी.एस.आर. सं. 575(अ) दिनांक 05.08.2008 जी.एस.आर. सं. 896(अ) दिनांक 30.12.2008 जी.एस.आर. सं. 851(अ) दिनांक 01.12.2009 जी.एस.आर. सं. 341(अ) दिनांक 21.04.2010 जी.एस.आर. सं. 821(अ) दिनांक 10.11.2012 जी.एस.आर. सं. 606(अ) दिनांक 03.08.2012 जी.एस.आर. सं. 795(अ) दिनांक 30.10.2012 जी.एस.आर. सं. 796(अ) दिनांक 30.10.2012 जी.एस.आर. सं. 797(अ) दिनांक 30.10.2012 जी.एस.आर. सं. 945(अ) दिनांक 31.12.2012 जी.एस.आर. सं. 946(अ) दिनांक 31.12.2012 जी.एस.आर. सं. 38(अ) दिनांक 22.01.2013 जी.एस.आर. सं. 515(अ) दिनांक 30.07.2013 जी.एस.आर. सं. 532(अ) दिनांक 05.08.2013 जी.एस.आर. सं. 341(अ) दिनांक 28.05.2013 जी.एस.आर. सं. 344(अ) दिनांक 29.05.2013 जी.एस.आर. सं. 195(अ) दिनांक 01.04.2013 जी.एस.आर. सं. 393(अ) दिनांक 21.06.2013 जी.एस.आर. सं. 591(अ) दिनांक 04.09.2013 जी.एस.आर. सं. 596(अ) दिनांक 06.09.2013 जी.एस.आर. सं. 597(अ) दिनांक 06.09.2013 जी.एस.आर. सं. 681(अ) दिनांक 11.10.2013 जी.एस.आर. सं. 682(अ) दिनांक 11.10.2013 जी.एस.आर. सं. 818(अ) दिनांक 31.12.2013 जी.एस.आर. सं. 805(अ) दिनांक 30.12.2013 जी.एस.आर. सं. 683(अ) दिनांक 11.10.2013 जी.एस.आर. सं. 189(अ) दिनांक 19.03.2014 जी.एस.आर. सं. 190(अ) दिनांक 19.03.2014 जी.एस.आर. सं. 270(अ) दिनांक 07.04.2014 जी.एस.आर. सं. 361(अ) दिनांक 27.05.2014 जी.एस.आर. सं. 370(अ) दिनांक 30.05.2014 जी.एस.आर. सं. 371(अ) दिनांक 30.05.2014 जी.एस.आर. सं. 435(अ) दिनांक 08.07.2014 जी.एस.आर. सं. 400(अ) दिनांक 12.06.2014 जी.एस.आर. सं. 436(अ) दिनांक 08.07.2014 जी.एस.आर. सं. 487(अ) दिनांक 11.07.2014 जी.एस.आर. सं. 632(अ) दिनांक 02.09.2014 जी.एस.आर. सं. 798(अ) दिनांक 13.11.2014 जी.एस.आर. सं. 799(अ) दिनांक 13.11.2014 जी.एस.आर. सं. 800(अ) दिनांक 13.11.2014 जी.एस.आर. सं. 829(अ) दिनांक 21.11.2014 जी.एस.आर. सं. 906(अ) दिनांक 22.12.2014 जी.एस.आर. सं. 914(अ) दिनांक 24.12.2014 जी.एस.आर. सं. 30(अ) दिनांक 14.01.2015 जी.एस.आर. सं. 183(अ) दिनांक 12.03.2015 जी.एस.आर. सं. 284(अ) दिनांक 13.04.2015 जी.एस.आर. सं. 484(अ) दिनांक 11.06.2015 जी.एस.आर. सं. 745(अ) दिनांक 30.09.2015 जी.एस.आर. सं. 759(अ) दिनांक 06.10.2015 जी.एस.आर. सं. 823(अ) दिनांक 30.10.2015 जी.एस.आर. सं. 858(अ) दिनांक 16.11.2015 जी.एस.आर. सं. 983(अ) दिनांक 17.12.2015 जी.एस.आर. सं. 165(अ) दिनांक 15.02.2016 जी.एस.आर. सं. 166(अ) दिनांक 15.02.2016 जी.एस.आर. सं. 369(अ) दिनांक 30.03.2016 जी.एस.आर. सं. 465(अ) दिनांक 28.04.2016 जी.एस.आर. सं. 537(अ) दिनांक 20.05.2016 जी.एस.आर. सं. 879(अ) दिनांक 09.09.2016 जी.एस.आर. सं. 1002(अ) दिनांक 24.10.2016 जी.एस.आर. सं. 1003(अ) दिनांक 24.10.2016 जी.एस.आर. सं. 1015(अ) दिनांक 27.10.2016 जी.एस.आर. सं. 1042(अ) दिनांक 04.11.2016 जी.एस.आर. सं. 1118(अ) दिनांक 07.12.2016 जी.एस.आर. सं. 17(अ) दिनांक 10.01.2017 |